रांची: दुष्कर्म के बाद युवती की हत्या के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे कुछ लोगों ने सोमवार शाम रांची के किशोरगंज में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के काफिले को रोकने की कोशिश की। काफिले को एस्कॉर्ट कर रहे यातायात थाना गोंदा के थानेदार इंस्पेक्टर नवल किशोर सिंह ने सड़क पर जमा लोगों को हटने को कहा तो भीड़ ने उपद्रव करना शुरू कर दिया, जिसमें इंस्पेक्टर गंभीर रूप से जख्मी हो गए। उन्हेंं बेहतर इलाज के लिए मेडिका अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
भीड़ के आक्रोश को देखते हुए मुख्यमंत्री के काफिले को हरमू रोड में भारत माता चौक के पास से डायवर्ट कर बड़ा तालाब, मेन रोड, कचहरी चौक होते हुए मुख्यमंत्री आवास ले जाया गया। घटना शाम लगभग छह बजे की है। उपद्रव करने वाली भीड़ में सुनियोजित तरीके से महिलाओं को आगे रखा गया था। पुलिस उपद्रवियों की तलाश में जुटी हुई है। देर रात तक आरोपितों की गिरफ्तारी के लिए छापेमारी जारी रही। घटना बाद पूरा हरमू रोड पुलिस छावनी में तब्दील रहा।
सोमवार शाम रांची के किशोरगंज चौक के पास विभिन्न क्षेत्रों के करीब 150-200 लोग जमा थे, जो ओरमांझी में एक दिन पूर्व युवती की दुष्कर्म के बाद गला काटकर हत्या कर दिए जाने की घटना से आक्रोशित थे। इसी बीच शाम शाम करीब 5.55 बजे मुख्यमंत्री का काफिला हरमू रोड होते हुए मुख्यमंत्री आवास की ओर जा रहा था। आगे-आगे रास्ता क्लियर कराने की जिम्मेदारी यातायात गोंदा के थानेदार नवल किशोर सिंह पर थी।
नवल किशोर सिंह ने जैसे ही किशोरगंज चौक पर पहुंचकर भीड़ को हटाने की कोशिश की, भीड़ उनपर टूट गई। इसमें वह गंभीर रूप से घायल हो गए। बीच-बचाव करने वाले पुलिसकर्मियों को भी चोट आई है। उधर, किशोरगंज चौक का माहौल बिगडऩे पर मुख्यमंत्री के काफिले को किशोरगंज चौक के पहले भारत माता चौक से डायवर्ट कर बड़ा तालाब के बगल से मेन रोड ले जाया गया, जहां से कचहरी चौक होकर वे मुख्यमंत्री आवास पहुंचे।
युवती की पहचान और अपराधियों का सुराग देने वालों को 25 हजार के इनाम की घोषणा
बढ़ते बवाल के बीच रांची के एसएसपी ने ओरमांझी थाना क्षेत्र स्थित साईनाथ यूनिवॢसटी के पीछे जीराबार टोले में परसागढ़ के पलास की झाड़ी से बरामद युवती के शव की पहचान करने और उसकी हत्या में शामिल अपराधियों का सुराग देने वालों को 25 हजार रुपये का इनाम देने की घोषणा की है। उन्होंने सूचनादाता की पहचान गोपनीय रखने का आश्वासन दिया है। सूचनादाता के लिए वाट्सएप नंबर जारी किया गया है। इनमें एसएसपी रांची (9431706136), एसपी ग्रामीण (7250514449), डीएसपी सिल्ली (7764066357) व ओरमांझी थानेदार का नंबर (9431706183) शामिल है।
विधानसभा अध्यक्ष भी फंसे, किशोरगंज मुहल्ले से होकर रातू रोड निकले
सीएम के काफिले के पीछे-पीछे विधानसभा अध्यक्ष का काफिला भी था। किशोरगंज पर बवाल को देखते हुए विधानसभा अध्यक्ष का काफिला किशोरगंज मुहल्ले से होकर पहाड़ी मंदिर के रास्ते रातू रोड पहुंचा, जहां से उन्हेंं कांके रोड स्थित आवास ले जाया गया।
काफिला गुजरने के एक घंटे बाद तक होता रहा बवाल
किशोरगंज चौक पर भीड़ इस कदर आक्रोशित थी कि हर आने-जाने वालों को रोक रही थी। कुछ वाहनों में उग्र लोगों ने तोडफ़ोड़ भी की। जब काफिला गुजर गया तो भीड़ जबरन चौक के आसपास की दुकानों को बंद कराने लगी। तब तक एएसपी कोतवाली मुकेश कुमार लुनायत भी पहुंच गए। देखते ही देखते भारी संख्या में पुलिस बल पहुंच गया और भीड़ को नियंत्रित किया। पुलिस जवानों की संख्या बढऩे पर भीड़ तितर-बितर हो गई।
डीसी, एसएसपी सहित कई अधिकारी पहुंचे
घटनास्थल पर डीआइजी रांची अखिलेश झा (अब आइजी), डीसी छवि रंजन, एसएसपी सुरेंद्र कुमार झा, एसपी यातायात अजीत पीटर डुंगडुंग सहित भारी संख्या में थानेदार व पुलिसकर्मी पहुंच गए थे। भीड़ के चलते हरमू रोड जाम हो गया था, जिसे खाली कराने में करीब एक घंटे लगे।
रांची के वरीय पुलिस अधीक्षक सुरेंद्र कमार झा ने कहा, उपद्रव कर शहर को अशांत करने की कोशिश करने वालों से पुलिस सख्ती से निबटेेगी। घटना में शामिल लोगों की पहचान की जा रही है। उनपर कठोर कार्रवाई की जाएगी।
झामुमो ने कहा कायराना कार्रवाई
झारखंड मुक्ति मोर्चा ने मुख्यमंत्री के काफिले को रोकने और पुलिसकर्मियो पर हमले को कायराना कार्रवाई बताया है। महासचिव सुप्रियो भट्टाचार्य और विनोद पांडेय ने कहा कि यह एक सुनियोजित षड्यंत्र है। कुछ लोग कानून को अपने हाथ में लेना चाहते हैं। पुलिस कर्मियों पर हमला करना, गाडिय़ों को क्षतिग्रस्त करना निंदनीय है। गड़बड़ी फैलाने की मंशा रखने वाले लोग असफल होंगे। झामुमो नेताओं ने आरोप लगाया कि यह विरोधियों का षड्यंत्र है और वे इसका अंजाम भुगतने के लिए तैयार रहें। लोकतंत्र में विरोध करने का सबको हक है, लेकिन विधि-व्यवस्था को हाथ में लेने की मानसिकता गलत है।
उपद्रवियों को गिरफ्तार करे पुलिस: कांग्रेस
प्रदेश कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष राजेश ठाकुर ने कहा कि मुख्यमंत्री के काफिले को लक्ष्य बनाना गलत है। घटना में शामिल लोगों की अविलंब गिरफ्तारी की जाए। पुलिस छानबीन में लगी हुई है, जल्द मामले का खुलासा हो। इसमें शिथिलता बरतने वाले पुलिस अधिकारियों पर भी कार्रवाई होनी चाहिए। मुख्यमंत्री के काफिले को निशाना बनाने की घटना कतई बर्दाश्त करने योग्य नहीं है। घटना एक सुनियोजित साजिश का हिस्सा है। कानून को हाथ में लेने का अधिकार किसी को नहीं है। सरकार दोषियों को चिह्नित कर अविलंब गिरफ्तार करे।