रांची: बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू यादव को चारा घोटाला मामले में अदालत से राहत नहीं मिल सकी। लालू प्रसाद यादव की जमानत याचिका पर सुनवाई फिर टल गई। अब झारखंड हाईकोर्ट उनकी जमानत याचिका पर अगली सुनवाई 19 फरवरी को करेगा। बता दें कि लालू यादव फिलहाल दिल्ली एम्स में अपना इलाज करा रहे हैं। वहीं सुनवाई टलने के बाद लालू के वकील ने कहा कि दो सप्ताह के समय के बावजूद, सीबीआई ने आदेश पत्र दायर करने के लिए और समय मांगा। अदालत ने एक सप्ताह की अनुमति दी है। सीबीआई की देरी के कारण जमानत टल गई है। वकील ने कहा कि हमें भरोसा है कि 19 फरवरी को सुनवाई उनके पक्ष में होगी, जिसके बाद अगले दो-चार दिनों में उनकी रिहाई हो जाएगी।
बता दें कि दुमका ट्रेजरी केस बिहार के पशुपालन विभाग के अधिकारियों द्वारा वर्ष 1991 से 1996 के बीच दुमका ट्रेजरी से साढ़े तीन करोड़ रुपये निकाले जाने से जुड़ा है और इस दौरान लालू प्रसाद यादव बिहार के मुख्यमंत्री थे। लालू प्रसाद यादव को चारा घोटाले से जुड़े चाईबासा ट्रेजरी केस में अक्तूबर में ही जमानत मिल गई थी, लेकिन दुमका ट्रेजरी केस की सुनवाई पूरी नहीं होने के चलते उन्हें जेल में ही रहना पड़ा।
जस्टिस अपरेश कुमार सिंह की पीठ लालू यादव की जमानत याचिका पर सुनवाई की। इस मामले में पिछली सुनवाई के दौरान लालू प्रसाद की ओर से सीबीआई कोर्ट के फैसले की प्रति हाईकोर्ट के समक्ष रखी गई थी। इसके बाद सीबीआई कोर्ट से अतिरिक्त वक्त मांगा था, जिसे स्वीकार कर लिया गया था। इस बार भी उनकी जमानत याचिका पर सुनवाई टल गई है।
बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और राजद सुप्रीमो लालू यादव दिसंबर, 2017 से जेल में हैं। राष्ट्रीय जनता दल लालू यादव को जेल से रिहा किए जाने को लेकर अभियान चला रहे हैं। उनके बड़े बेटे और विधायक तेज प्रताप यादव ने गुरुवार को 50,000 पोस्टकार्ड राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को भेजे हैं। इनमें आग्रह किया गया गया है कि मानवीय संवेदनाओं के आधार पर लालू प्रसाद को जेल से रिहा कर दिया जाए।