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नई दिल्ली: दिल्ली विधानसभा चुनाव में हार के बाद अब भाजपा की नजर पश्चिम बंगाल पर है, जहां अगले साल विधानसभा चुनाव होना है। ऐसे में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बंगाल के भाजपा सांसदों से फीडबैक लेना शुरू कर दिया है। माना जा रहा है कि प्रधानमंत्री मोदी खुद बंगाल चुनाव की कमान संभाल सकते हैं। उन्होंने संसद के बजट सत्र के दौरान बंगाल के कई भाजपा सांसदों से मुलाकात की और यह सिलसिला जारी रहने वाला है। सूत्रों के मुताबिक, पीएम मोदी ने सभी 18 सांसदों से राज्य में लागू केंद्र सरकार की योजनाओं और ममता बनर्जी सरकार के प्रदर्शन पर रिपोर्ट मांगी है।

बुधबार को मेदनीपुर से भाजपा सांसद और पश्चिम बंगाल भाजपा के अध्यक्ष दिलीप घोष ने प्रधानमंत्री से संसद भवन में मुलाकात की थी। उसी दिन प्रधानमंत्री ने जलपाईगुड़ी से सांसद जयंत राय और पुरुलिया से सांसद ज्योतिर्मय सिंह महतो से भी मुलाकात की। गुरुवार को उन्होंने हुगली से सांसद लॉकेट चटर्जी, विष्णुपुर से सांसद सौमित्र खान और कूच बिहार के सांसद निसिथ प्रमाणिक से मुलाकात की। आने वाले दिनों में प्रधानमंत्री मोदी पश्चिम बंगाल के बाकी बचे सांसदों से भी मिलेंगे। मोदी हर सांसद से 15 से 20 मिनट तक बातचीत कर रहे हैं।

नई दिल्ली: पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने शुक्रवार को केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से मुलाकात की और इस दौरान राज्य में प्रशासन संबंधी विभिन्न गंभीर चिंताओं से अवगत कराया। बता दें कि राज्य में अगले महीने नगर निकाय के चुनाव होने हैं। एक अधिकारी ने बताया कि धनखड़ ने संसद भवन परिसर स्थित कार्यालय में शाह से मुलाकात की। समझा जाता है कि यह मुलाकात राज्यपाल की पहल पर हुई जिन्हें करीब सात महीने पहले इस पद पर नियुक्त किया गया था।

धनखड़ ने संवाददाताओं से कहा कि मैंने बैठक की पहल की जो राज्य में पिछले सात महीने की जमीनी स्थिति के संबंध में है। उन्होंने कहा कि मैंने इस अवसर पर केंद्रीय गृह मंत्री को राज्य में प्रशासन के संबंध में गंभीर मुद्दों के बारे में बताया। मैंने कई मुद्दों पर चर्चा की। धनखड़ ने कहा कि अबतक के अपने कार्यकाल के दौरान मैने पाया कि राज्य में कानून व्यवस्था बहुत ही चिंताजनक और लोकतंत्र के विपरीत है। उन्होंने कहा, मैंने राज्य के विभिन्न हिस्सों का दौरा किया और कई हिस्सों से मुझे पुलिस द्वारा राजनीतिक विचारधारा के कारण प्रताड़ित करने की रिपोर्ट मिली। राजनीतिक कारणों से निर्दोष लोगों पर मुकदमे दर्ज किए गए।

कोलकाता: पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बुधवार को एक बड़ा बयान दे दिया। उन्होंने आरोप लगाया कि पिछले दिनों दिल्ली में हुई हिंसा की घटनाओं से ध्यान भटकाने के लिए कुछ लोग और चैनल देश में कोरोनावायरस को लेकर घबराहट पैदा करने की कोशिश कर रहे हैं। सीएम ममत बनर्जी ने दक्षिणी दिनाजपुर में तृणमूल कांग्रेस की एक सभा में बुधवार को कहा कि दिल्ली में 'खुश और स्वस्थ' लोग हिंसा के कारण मारे गए, वायरस के कारण नहीं।

उन्होंने यह भी कहा कि आजकल कुछ लोग कुछ ज्यादा ही कोरोना, कोरोना चिल्ला रहे हैं। हां, यह एक खतरनाक बीमारी है, लेकिन दहशत पैदा नहीं करें। कुछ (टीवी) चैनल दिल्ली हिंसा को दबाने के लिए इसका प्रचार कर रहे हैं। इसके होने पर रिपोर्ट करें। हम नहीं चाहते कि बीमारी फैले, लेकिन दहशत नहीं पैदा करें। बता दें कि केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन के अनुसार, भारत में कोरोनावायरस के अब तक कुल 28 मामलों का पता चला है। इनमें से कोई भी पश्चिम बंगाल से नहीं है।

कालियागंज (पश्चिम बंगाल): पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने मंगलवार (3 मार्च) को कहा कि बांग्लादेश से आए वे सभी लोग जो चुनावों में मतदान कर रहे हैं वे भारतीय नागरिक हैं और उन्हें नए सिरे से नागरिकता के लिए आवेदन देने की कोई जरूरत नहीं है। बनर्जी ने दिल्ली में हुए सांप्रदायिक दंगों से निपटने के मोदी सरकार के तरीके की आलोचना की और कहा कि वह पश्चिम बंगाल को दूसरी दिल्ली नहीं बनने देंगी।

उन्होंने एक जनसभा में यहां कहा, ''बांग्लादेश से आए लोग भारत के नागरिक हैं...उनके पास नागरिकता है। आपको नागरिकता के लिए फिर से आवेदन देने की जरूरत नहीं है। आप चुनाव में मतदान करके प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री चुन रहे हैं...और अब वे कह रहे हैं कि आप नागरिक नहीं हैं...उनका विश्वास मत कीजिए।" बनर्जी ने जोर देकर कहा कि वह एक आदमी को भी बंगाल से बाहर नहीं निकालने देंगी। उन्होंने कहा कि राज्य में रह रहे किसी भी शरणार्थी को नागरिकता से वंचित नहीं किया जाएगा।

दिल्ली हिंसा के मुद्दे पर केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा, ''भूलिए मत कि यह बंगाल है। जो दिल्ली में हुआ, उसे यहां नहीं होने दिया जाएगा। हम नहीं चाहते कि बंगाल एक और दिल्ली या उत्तर प्रदेश बने।"

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