नई दिल्ली: महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के नतीजे आने के पांच दिन बाद भी वहां अभी यह तय नहीं हो पाया है कि अगला मुख्यमंत्री कौन होगा। इस बीच महाराष्ट्र की राजनीति दिल्ली पहुंच गई है। महाराष्ट्र की अगली सरकार बनाने जा रही महायुति के नेता गुरुवार को शाम तक दिल्ली पहुंच रहे हैं। इन नेताओं की दिल्ली में बीजेपी के वरिष्ठ नेता और केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से मुलाकात होनी है। इसी मुलाकात में महाराष्ट्र के अगला मुख्यमंत्री और उसकी कैबिनेट तय होने की उम्मीद है। इसके बाद ही नई सरकार के शपथ ग्रहण की तारीख का एलान होगा।
महायुति के नेता दिल्ली मेंं अमित शाह से करेंगे मुलाकात
महायुति में शामिल एनसीपी के प्रमुख अजित पवार पहले से ही दिल्ली में हैं। बीजेपी और शिवसेना के नेता गुरुवार शाम तक दिल्ली पहुंचेंगे। शिवसेना प्रमुख एकनाथ शिंदे शाम सात बजे अपने सांसदों से मुलाकात करेंगे। इन दिनों संसद का शीत कालीन सत्र चल रहा है, इस वजह से सभी पार्टियों के बड़े नेता दिल्ली में जमे हुए हैं। यह संकेत है कि अब महाराष्ट्र की नई सरकार के स्वरूप का फैसला अब दिल्ली में होगा।
सूत्रों ने जानकारी दी है कि दिल्ली के नॉर्थ एवन्यू में स्थित एनसीपी के कार्यालय में पार्टी प्रमुख अजित पवार का स्वागत किया जाएगा। इसके बाद अजित पवार अपनी पार्टी के कार्यकर्ताओं को संबोधित करेंगे। इस बार के चुनाव में शानदार प्रदर्शन करते हुए अजित पवार की एनसीपी ने 41 सीटों पर जीत दर्ज की है। इससे पार्टी के हौंसले बुलंद हैं।
अमित शाह के साथ होने वाली बैठक में होगा अहम फैसला
बीजेपी नेता और मुख्यमंत्री पद की दौड़ में सबसे आगे चल रहे देवेंद्र फडणवीस और कार्यवाहक मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के शाम छह बजे तक दिल्ली पहुंचने की उम्मीद है। इसके बाद शिंदे शाम सात बजे अपनी पार्टी के सांसदों से मुलाकात करेंगे। इसके बाद रात करीब नौ बजे देवेंद्र फडणवीस, एकनाथ शिंदे और अजित पवार केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात करेंगे। इसी बैठक में अजित पवार और एकनाथ शिंदे बीजेपी के सामने अपनी मांगों को रखेंगे। इसी बैठक में महाराष्ट्र के नए मुख्यमंत्री और उनकी कैबिनेट को तय किया जाएगा।
बीजेपी कैसे चुनेगी मुख्यमंत्री
अमित शाह के साथ होने वाली नेताओं की मुलाकात में महाराष्ट्र के अगले मुख्यमंत्री और मंत्रिमंडल के सदस्यों के नामों पर सहमति तो बन सकती है। लेकिन इसका एलान गुरुवार को नहीं किया जाएगा। अगर मुख्यमंत्री बीजेपी का होगा तो पार्टी के पर्यवेक्षक पहले मुंबई में नवनिर्वाचित विधायकों से राय-मशविरा कर उनका मन टटोलेंगे। ये पर्यवेक्षक पार्टी नेताओं और नवनिर्वाचित विधायकों की राय से केंद्रीय नेतृत्व को अवगत कराएंगे। इसके बाद केंद्रीय नेतृत्व नए मुख्यमंत्री के नाम का एलान करेगा.
सूत्रों का कहना है कि बीजेपी ने शिवसेना प्रमुख एकनाथ शिंदे को सीएम पद से दावा छोड़ने के लिए मना लिया है। इसी के बाद उन्होंने सीएम पद पर अपनी दावेदारी छोड़ने की घोषणा बुधवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में की थी। शिंदे ने कहा था कि उनके उत्तराधिकारी के नाम पर केंद्र जो भी फैसला लेगा, वह उन्हें मंजूर होगा। माना जा रहा है कि शिंदे को मनाने में पीएम मोदी और केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह का अहम योगदान है। सीएम पद दावा छोड़ने के बदले में शिवसेना के तीन सांसदों को केंद्रीय मंत्रिमंडल में जगह दी जा सकती है। शिंदे के मंत्रियों को मिलने वाले मंत्रालय काफी अहम हो सकते हैं।
कब और कहां शपथ ले सकती महाराष्ट्र की अगली सरकार
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक महायुति में मुख्यमंत्री पद पर देवेंद्र फडणवीस के नाम पर सहमति बनती दिख रही है। वो मुख्यमंत्री रह चुके हैं। एकनाथ शिंदे की सरकार में वो उपमुख्यमंत्री हैं। माना जा रहा है कि शुक्रवार को उनके बीजेपी विधायक दल का नेता चुने जाने का औपचारिक एलान भी कर दिया जाएगा।
सूत्रों का यह भी कहना है कि गुरुवार को मुख्यमंत्री का नाम तय हो जाने की स्थिति में दो दिसंबर को शपथ ग्रहण समारोह का आयोजन हो सकता है। इस शपथ ग्रहण समारोह का इस्तेमाल महायुति अपनी राजनीतिक ताकत दिखाने के रूप में करेगा। इसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बीजेपी के वरिष्ठ नेताओं के साथ-साथ एनडीए शासित राज्यों के मुख्यमंत्री भी शामिल हो सकते हैं. इस समारोह का आयोजन मुंबई के वानखेड़े स्टेडियम में किया जा सकता है।
विधानसभा चुनाव में किस दल का कैसा रहा प्रदर्शन
एक चरण में कराए गए विधानसभा चुनाव में बीजेपी, शिवसेना और अजित पवार की एनसीपी ने प्रचंड विजय हासिल की है। बीजेपी ने अकेले के दम पर 132 सीटें जीती हैं। वहीं शिवसेना ने 57 और एनसीपी ने 41 सीटों पर कब्जा जमाया है। वहीं लोकसभा चुनाव में शानदार प्रदर्शन करने वाले कांग्रेस, शरद पवार की एनसीपी और उद्धव ठाकरे की शिवसेना को विधानसभा चुनाव में जबरदस्त झटका लगा है। महाविकास अघाड़ी के नाम से जाना जाने वाला यह गठबंधन केवल 46 सीटें ही जीत पाया है। सबसे अधिक 20 सीटें उद्धव ठाकरे की शिवसेना ने जीती हैं। वहीं कांग्रेस के हिस्से में 10 और शरद पवार की एनसीपी के हिस्से में केवल 10 सीटें ही आई हैं।