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कोलकाता: दिल्ली में हुई हिंसा से नाराज बांग्ला फिल्मों की लोकप्रिय अभिनेत्री सुभद्रा मुखर्जी ने भाजपा छोड़ने का एलान कर दिया है। सुभद्रा मुखर्जी ने साल 2013 में भाजपा ज्वाइन की थी। सुभद्रा ने अपना इस्तीफा बंगाल भाजपा अध्यक्ष दिलीप घोष को इस्तीफा भेज दिया है। हालांकि पार्टी सूत्रों का कहना है कि उम्मीद है कि वह एक बार अपने फैसले पर फिर से विचार करेंगी। वहीं मीडिया से बात करते हुए सुभद्रा मुखर्जी ने कहा, मैंने बहुत ही उम्मीदों के साथ पार्टी ज्वाइन की थी। लेकिन हाल ही में दिल्ली में हुई हिंसा, माहौल में हिंसा और घृणा देख मैं बहुत ही अपसेट हूं।'

उन्होंने कहा, 'धर्म के नाम पर भाई को एक दूसरे का गला क्यों काट रहे हैं? मैं 40 लोगों की मौत के बाद बहुत ही ज्यादा व्याकुल थी। सुभद्रा ने कहा कि वह इस तरह की राजनीति से खुद को नहीं जोड़ना चाहतीं, जहां लोगों को उनको धर्म के आधार पर पहचाना जाए न कि मानवता के आधार पर। वहीं सुभद्रा के इस बयान पर भाजपा के वरिष्ठ नेता शामिक भट्टाचार्य ने कहा कि पार्टी ने कभी विचारधारा के साथ समझौता नहीं किया है। भट्टाचार्य ने कहा कि हमने शरणार्थी और घुसपैठियों के अंतर की बात की है।

उन्होंने कहा, हम भी समेकित भारत में विश्वास करते हैं और दिल्ली में हुई हिंसा में भाजपा का कोई हाथ नहीं है। भट्टाचार्य ने कहा कि उन्हें मुखर्जी के फैसले के बारे में पहले से ही जानकारी थी। उम्मीद है कि वह इस पर फिर से विचार करेंगी।

आपको बता दें कि सुभद्रा मुखर्जी ने बंगाली फिल्मों और टीवी सीरियलों में काम कर चुकी हैं। उन्होंने यह भी साफ किया है कि वह नागरिकता कानून के खिलाफ नही हैं अगर यह धर्म के आधार पर भेदभाव नहीं करता है।

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