नई दिल्ली: पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने शुक्रवार को केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से मुलाकात की और इस दौरान राज्य में प्रशासन संबंधी विभिन्न गंभीर चिंताओं से अवगत कराया। बता दें कि राज्य में अगले महीने नगर निकाय के चुनाव होने हैं। एक अधिकारी ने बताया कि धनखड़ ने संसद भवन परिसर स्थित कार्यालय में शाह से मुलाकात की। समझा जाता है कि यह मुलाकात राज्यपाल की पहल पर हुई जिन्हें करीब सात महीने पहले इस पद पर नियुक्त किया गया था।
धनखड़ ने संवाददाताओं से कहा कि मैंने बैठक की पहल की जो राज्य में पिछले सात महीने की जमीनी स्थिति के संबंध में है। उन्होंने कहा कि मैंने इस अवसर पर केंद्रीय गृह मंत्री को राज्य में प्रशासन के संबंध में गंभीर मुद्दों के बारे में बताया। मैंने कई मुद्दों पर चर्चा की। धनखड़ ने कहा कि अबतक के अपने कार्यकाल के दौरान मैने पाया कि राज्य में कानून व्यवस्था बहुत ही चिंताजनक और लोकतंत्र के विपरीत है। उन्होंने कहा, मैंने राज्य के विभिन्न हिस्सों का दौरा किया और कई हिस्सों से मुझे पुलिस द्वारा राजनीतिक विचारधारा के कारण प्रताड़ित करने की रिपोर्ट मिली। राजनीतिक कारणों से निर्दोष लोगों पर मुकदमे दर्ज किए गए।
राज्यपाल ने कहा कि मैंने राज्य के विभिन्न क्षेत्रों की स्थिति के बारे में गृहमंत्री को अवगत कराया जिसे लोगों के हित में केंद्र सरकार के ध्यान में लाना जरूरी है। उन्होंने बताया कि यादवपुर विश्वविद्यालय और कलकत्ता विश्वविद्यालय में जिन लोगों ने बदसलूकी की उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई जो राज्य की खराब कानून व्यवस्था को रेखांकित करता है। धनखड़ ने कहा कि राज्य में मानवाधिकार को नजदअंदाज किया जा रहा है जो अस्वीकार्य है। अगर राज्य के संवैधानिक प्रमुख की अभिव्यिक्ति की आजादी को बाधित किया जा सकता है तो अन्य लोगों की स्थिति की कल्पना की जा सकती है। राज्यपाल की अमित शाह से करीब आधे घंटे तक मुलाकात चली।
धनखड़ ने कहा कि मैंने गृहमंत्री को बताया कि देश में पश्चिम बंगाल जहां स्थित है उसका रणनीतिक महत्व है और उसकी विशिष्ट समस्या है। मैंने गृहमंत्री से कहा कि उनका समाधान राष्ट्रहित में है। मैंने कुछ ऐसी बातें भी बताई जो बहुत संवेदनशील हैं और अभी उनका खुलासा नहीं कर सकता। राज्यपाल ने गृहमंत्री को बताया कि राज्य सरकार अपने राजनीतिक एजेंडे के लिए सार्वजनिक धन का दुरुपयोग कर रही है। उन्होंने कहा मैंने राज्य निर्वाचन आयोग के अधिकारियों से मुलाकात की और नगर निकाय चुनाव में निष्पक्ष तरीके से काम करने का आह्वान किया। धनखड़ ने कहा कि मैंने उनसे कहा कि वे जनसेवक हैं न कि किसी राजनीतिक पार्टी के सेवक।
पिछले महीने विधानसभा में राज्यपाल के अभिभाषण के प्रसारण को रोकने पर उन्होंने कहा कि यह राज्यपाल के अभिभाषण के सजीव प्रसारण की स्वास्थ परंपरा का खात्मा है। उन्होंने कहा कि मीडिया को भी दूर रखा गया। धनखड़ ने इसे असहिष्णु कदम और लोगों के अधिकारों के उल्लंघन के तौर पर लिया। यह अभिव्यक्ति की आजादी के साथ भी समझौता है।
उल्लेखनीय है कि पश्चिम बंगाल का राज्यपाल नियुक्त होने के बाद धनखड़ की अमित शाह से यह पहली मुलाकात थी। यह मुलाकात शाह के कोलकाता दौरे के एक हफ्ते के भीतर हो रही है। शाह ने कोलकाता दौरे के दौरान पश्चिम बंगाल में कानून व्यवस्था की कथित खराब स्थिति को लेकर दुख व्यक्त किया था।
गौरतलब है कि पिछले साल जुलाई में राज्यपाल का पद संभालने के बाद से धनखड़ और पश्चिम बंगाल सरकार के बीच कई मुद्दों पर तल्खी की खबरें आई थी।