ताज़ा खबरें
संविधान ने देश में बदलाव लाने में उल्लेखनीय मदद की: सीजेआई खन्ना

पटना: राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) ने पार्टी विरोधी गतिविधियों के लिए अपने तीन विधायकों-महेश्वर प्रसाद यादव, प्रेमा चौधरी और फराज फातिमा को छह सालों के लिए पार्टी से निष्कासित किया। जानकारी के मुताबिक, यह तीनों विधायक पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल थे। बताया ये भी जा रहा है कि राष्ट्रीय अध्यक्ष लालू यादव के निर्देश पर इन सभी को छह वर्षों के लिए पार्टी से निष्कासित कर दिया गया है।

वहीं, दूसरी तरफ राजनीतिक गलियारों में इस बात की चर्चा है कि श्याम रजक पार्टी छोड़ने के बाद फिर से अपने पुराने घर यानी राजद में वापसी कर सकते हैं। हालांकि इसकी आधिकारिक पुष्टि अभी नहीं की गई है। बताया जा रहा है कि श्याम रजक सोमवार को विधानसभा अध्यक्ष के पास जाकर पार्टी की सदस्यता से भी इस्तीफा देंगे।

पटना: बिहार  की सत्तारूढ़ पार्टी जनता दल यूनाइटेड (जदयू) को विधानसभा चुनाव से पहले  बड़ा झटका लगा है। पार्टी के कद्दावर नेता और राज्य के उद्योग मंत्री श्याम रजक ने पार्टी ने छोड़ने का फैसला किया है। खबरों की मानें तो पार्टी उन्हें इस फैसले से रोकने की कोशिश की लेकिन वे नहीं माने और अपने फैसले पर कायम रहते हुए पार्टी छोड़ने का ऐलान कर दिया है। 

मंत्री श्याम रजक क्यों छोड़ रहे पार्टी ?

बता दें कि पिछले कई दिनों से श्याम रजक पार्टी में अपनी अवहेलना से परेशान थे और इसी कारण उन्होंने पार्टी छोड़ने का फैसला लिया है।  बिहार में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले इसे जेडीयू के लिए बहुत बड़ा झटका माना जा रहा है। सूत्रों के अनुसार श्याम रजक जदयू छोड़ने के बाद फिर से अपने पुराने घर यानी राजद में शामिल हो सकते हैं।

पटना: बिहार में अभी विधानसभा चुनाव के लिए तारीखों का ऐलान नहीं हुआ है, लेकिन कोरोना संक्रमण के बावजूद सियासी सरगर्मी तेज हो गई है। बयानबाजी का दौर थमने का नाम नहीं ले रहा है। इन दिनों सबसे ज्यादा तल्खी राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) के घटक दलों के बीच दिख रही है। लोक जनशक्ति पार्टी (एलजेपी) और जनता जल युनाइटेड (जेडीयू) के बीच तकरार बढ़ती जा रही है।

लोजपा अध्यक्ष चिराग पासवान ने शनिवार को बिहार में नीतीश कुमार सरकार के खिलाफ अपने रुख में सख्ती दिखाई। हालांकि उन्होंने समर्थन वापसी को लेकर कोई घोषणा नहीं की। आपको यह भी बता दें कि उनके समर्थन वापस लेने से नीतीश कुमार की सरकार की सेहत पर कोई असर नहीं पड़ने वाला है।

स्वतंत्रता दिवस के मौके पर पार्टी के राज्य मुख्यालय में ध्वजारोहण के बाद चिराग पासवान ने हालांकि संकेत दिया कि निकट भविष्य में समर्थन वापस लेने संबंधी किसी कदम की संभावना है, क्योंकि वह लोजपा संसदीय बोर्ड की बैठक बुलाने की योजना बना रहे हैं।

पटना: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने स्वतंत्रता दिवस के मौके पर अपनी सरकार की उपलब्धियां गिनाई और आलोचकों पर भी निशाना साधा। नीतीश कुमार ने शनिवार को अपनी सरकार की कथित तौर पर आलोचना पर नाराजगी जताई और कहा कि लोगों को उनकी उपलब्धि बेहतर तरीके से समझने के लिए उनके सत्ता में आने से पहले की राज्य की दयनीय हालत पर गौर करना चाहिए।

मुख्यमंत्री ने पटना के ऐतिहासिक गांधी मैदान में लोगों को संबोधित करते हुए अपनी सरकार की उपलब्धियों के साथ-साथ शिक्षकों की बहाली जैसे कई कामों की जानकारी दी। उन्होंने पहले ही सेवा में मौजूद कर्मियों को कर्मचारी भविष्य निधि योजना (ईपीएफ) से जोड़ने जैसे लोकप्रिय कदमों की भी जानकारी दी। लगातार चौथी बार निर्वाचित होने के लिए चुनाव मैदान में जाने से पहले मुख्यमंत्री का स्वतंत्रता दिवस पर यह आखिरी संबोधन था।

नीतीश कुमार ने करीब एक घंटे के संबोधन के अंत में कहा, ‘घर में बैठक कर कुछ भी ट्वीट कर देना फैशन हो गया है, वह भी बिना जाने कि क्या उपलब्धि हासिल की गई है।’

  • देश
  • प्रदेश
  • आलेख