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संविधान ने देश में बदलाव लाने में उल्लेखनीय मदद की: सीजेआई खन्ना

पटना: बिहार विधानसभा चुनाव टाले जाने की मांग के साथ ही महागठबंधन ने भी सीटों के तालमेल पर चर्चा शुरू कर दी है। आरजेडी ने विधानसभा की 243 सीटों में से 150 सीटों पर दावा ठोका है। शेष 93 सीट कांग्रेस और जीतनराम मांझी व उपेंद्र कुशवाहा की पार्टी के लिए छोड़ दिया है। सीट बंटवारे के झमेले से खुद को अलग करके यह जिम्मा कांग्रेस को सौंपा गया है। पिछले चुनाव में महागठबंधन में जेडीयू के शामिल रहने पर जेडीयू और आरजेडी सौ-सौ सीटों पर और कांग्रेस 40 पर चुनाव लड़ी थी। अब बदले राजनीतिक माहौल में आरजेडी और कांग्रेस दोनों अपनी ताकत बढ़ाना चाहते हैं।

महागठबंधन में राजद इस बार बराबरी नहीं बल्कि बड़े भाई की भूमिका चाहता है। विधानसभा में बहुमत का आंकड़ा 123 है और ऐसे में राजद 150 सीटों पर दावा ठोककर खुद को मजबूत कर लेना चाहता है। वहीं मांझी और कुशवाहा की मांग को लेकर विवाद से भी दूर रहना चाहती है। कांग्रेस तीन दशक के बाद बिहार में फिर से अपनी स्थिति मजबूत करना चाहती है, इसलिए वह ज्यादा से ज्यादा सीटों पर लड़ना चाहेगी।

पटना: बिहार विधानसभा के आम चुनाव को लेकर मतदाता मास्क लगाकर बूथों पर मतदान करेंगे। मतदान के लिए मास्क लगाना अनिवार्य किया जाएगा। साथ ही सभी मतदान केंद्रों पर मतदाताओं के लिए सेनेटाइजर की व्यवस्था भी की जाएगी। भारत निर्वाचन आयोग के निर्देश पर चुनाव तैयारियों में जुटे जिला निर्वाचन पदाधिकारी ने जिलाधिकारी के माध्यम से इसके लिए पहल शुरू कर दी है। वहीं, चुनाव आयोग द्वारा कोरोना संकट के बीच चुनाव कराने को लेकर सभी प्रकार की सावधानियों को लेकर तैयारी की जा रही है। आयोग द्वारा बिहार के चुनाव को लेकर विस्तृत दिशा-निर्देश तैयार किया जा रहा है। बताया गया कि इस बार जो बूथ बनाए जाएंगे, उसमें सोशल डिस्टेंसिंग का पालन अनिवार्य शर्त होगी। 

थर्मल स्कैनर का होगा प्रयोग

निर्वाचन विभाग के सूत्रों के अनुसार कोरोना संकट को देखते हुए राज्य के सभी मतदान केंद्रों पर तैनात मतदानकर्मियों को थर्मल स्कैनर की सुविधा दी जा सकती है। इससे मतदान केंद्र में प्रवेश करने वाले मतदाताओं के शारीरिक तापमान की स्कैनिंग की जाएगी।

पटना: बिहार में कोरोना संक्रमण के बीच इसी साल विधानसभा चुनाव होने हैं। चुनाव आयोग ने भी साफ कर दिया है कि चुनाव तय समय पर ही होंगे। इसे देखते हुए बिहार की राजनीति अभी से ही गर्माने लगी है। ताजा मामला एनडीए के दो सहयोगी दलों के बीच वाक् युद्ध का है। एनडीए के सहयोगी दल जेडीयू और लोजपा के बीच वाक् युद्ध छिड़ गया है। लोजपा अध्यक्ष चिराग पासवान की ओर से लगातार मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को निशाना बनाए जाने से नाराज जेडीयू नेता ललन सिंह ने चिराग पासवान के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। ललन सिंह ने बुधवार को चिराग पर हमला बोलते हुए कहा कि "चिराग पासवान कालिदास हैं, जिस डाल पर बैठते है उसी को काटते हैं।" 

ललन ने कहा कि जमीनी स्तर की हकीकत कुछ और है लेकिन उनकी समझ कुछ और है। सरकार की खामियों को उजागर करने के संबंध में उन्होंने कहा कि "अच्छी बात है, अगर विपक्ष की भूमिका निभा रहे हैं। कहावत है ना निंदक नियरे राखिए, आंगन कुटी छबाई। तो निंदक जितनी नजदीक रहे बेहतर है। नीतीश कुमार जी उनपर ध्यान नहीं देते  हैं, वो केवल अपना काम करते हैं।"

पटना: लोजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष चिराग पासवान के लगातार सामने आ रहे बयानों पर जदयू के प्रधान महासचिव केसी त्यागी ने मंगलवार को पलटवार किया। केसी त्यागी ने कहा कि लोजपा तो कभी हमारे साथ रही ही नहीं, न 2005 में, न 2010 और न ही 2015 के विधानसभा चुनाव में। जदयू का गठबंधन लोजपा से नहीं भाजपा के साथ है। जदयू और भाजपा का दो दशक का साथ है। वर्ष 2015 के अपवाद को छोड़कर हम 1999 से साथ हैं और दोनों पार्टियां एक-दूसरे को अच्छे से समझती हैं और सम्मान भी करती हैं। 

त्यागी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, गृहमंत्री अमित शाह और भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा कई बार कह चुके हैं कि एनडीए नीतीश कुमार के नेतृत्व में बिहार में विधानसभा का चुनाव लड़ेगा। इन बड़े नेताओं की बात के उलट लोजपा द्वारा सवाल खड़ा करना बैठे-बिठाए विपक्ष को मुद्दा देगा। एनडीए को कमजोर करने की इजाजत किसी को कैसे दी जा सकती है।

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