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संविधान ने देश में बदलाव लाने में उल्लेखनीय मदद की: सीजेआई खन्ना

पटना: पंचायती राज संस्थाओं और नगर निकायों के शिक्षकों की नई सेवाशर्त नियमावली को राज्य कैबिनेट की मंजूरी मिल गई है। इसके अनुसार साढ़े तीन लाख से अधिक शिक्षकों को कर्मचारी भविष्य निधि (ईपीएफ) का लाभ सितंबर, 2020 से ही दिया जाएगा। वहीं इन शिक्षकों के मूल वेतन में 15 प्रतिशत की वृद्धि की गई है, जिसका लाभ एक अप्रैल, 2021 से मिलेगा। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में मंगलवार को हुई कैबिनेट की बैठक में यह स्वीकृति प्रदान की गई। गौरतलब हो कि स्वतंत्रता दिवस के मौके पर मुख्यमंत्री ने गांधी मैदान से इसकी घोषणा की थी। 

बैठक के बाद शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव आरके महाजन ने कहा कि ईपीएएफ में 13 प्रतिशत हिस्सा राज्य सरकार देगी। इसमें 12 प्रतिशत शिक्षकों के पीएफ खाते में तथा एक प्रतिशत राशि ईपीएफओ को जाएगी। इसी प्रकार शिक्षक भी 12 प्रतिशत की अपनी हिस्सेदारी देंगे। उन्होंने कहा कि ईपीएफ का लाभ दिया जाना भी एक तरह से वेतन वृद्धि ही है। इसमें अंतर्गत पेंशन का लाभ भी मिलेगा। शिक्षकों की मृत्यु पर इसमें ढाई से छह लाख तक का राशि भी देने का प्रावधान है।

पटना: कोरोना संकट को देखते हुए बिहार सरकार ने राज्य में लॉकडाउन की अवधि को बढ़ाकर 6 सितंबर कर दिया है। राज्य सरकार की बैठक के बाद गृह विभाग ने आदेश जारी किया है। आदेश के मुताबिक 30 जुलाई से लागू हुए लॉकडाउन को 6 सितंबर तक बढ़ाया जा रहा है। राज्य में कोरोना के मामलों के अध्ययन के बाद यह फैसला लिया गया है। गृह मंत्रालय के अनुसार पिछले आदेश की पाबंदियां आगे भी जारी रहेंगी।

बता दें कि पिछले आदेश में 16 अगस्त तक लॉकडाउन का लागू किया गया था। इस आदेश में बिहार राज्य की सीमाओं के अंतर्गत आने वाले सभी धार्मिक स्थलों के खोलने पर पाबंदी लगाई गई थी। इसके अलावा किसी भी तरह के राजनीतिक और धार्मिक आयोजन पर रोक जारी रहेगी। इसके अलावा बस सेवाओं पर लगाई गई पाबंदी को भी बरकरार रखा गया है। कुल मिलाकर पूर्व के आदेश को जारी रखते हुए बिहार सरकार ने राज्य में सभी सामाजिक/राजनीतिक/ खेल/ मनोरंजन/शैक्षणिक सांस्कृतिक/धार्मिक कार्य/सभा पर रोक जारी रखी है।

पटना: बिहार में चुनावी माहौल के बीच राजनीतिक गतिविधियां तेज हो गई हैं। रविवार को जेडीयू से निकाले जाने के बाद श्याम रजक ने तेजश्वी यादव की उपस्थिति में फिर से आरजेडी ज्वाइन कर ली। बिहार में  जब राजद की सरकार थी तो श्याम रजक लालू के करीबी नेता माने जाते थे। वह बिहार की राबड़ी देवी सरकार के मंत्रिमंडल में मंत्री भी रह चुके हैं। राजद की सत्ता जाने और पार्टी से मोह भंग होने के बाद श्याम रजक 2009 में जेडीयू में शामिल हो गए थे। रजक 2010 में जेडीयू के कोटे से विधायक और फिर मंत्री बने थे, लेकिन जब रजक 2015 में महागठबंधन से विधायक बने तो उनको नीतीश सरकार में मंत्री नहीं बनाया गया था।

पार्टी और मंत्रिमंडल से निकाले जाने के बाद आज श्याम रजक ने बयान जारी कर नीतीश सरकार पर निशाना साधा। रजक ने कहा, 'मुझे निष्कासित नहीं किया गया है, मैं अध्यक्ष को अपना इस्तीफा देने जा रहा हूं। मैं वहां नहीं रह सकता जहां सामाजिक न्याय छीना जा रहा है। रजक ने कहा, 'जनता दल (यूनाइटेड) पार्टी में लगभग 99% लोग बिहार के सीएम नीतीश कुमार से नाराज हैं, लेकिन निर्णय नहीं ले पा रहे हैं। मैं दूसरों के बारे में नहीं जानता, लेकिन मैं राष्ट्रीय जनता दल में शामिल हो रहा हूं।

पटना: बिहार में इस साल होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले जेडीयू ने बिहार सरकार के उद्योग मंत्री श्याम रजक मंत्री को पार्टी से निष्कासित कर दिया है। इस मामले में जनता दल (यूनाइटेड) के प्रवक्ता राजीव रंजन ने बताया कि श्याम रजक पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल थे। इसलिए पार्टी ने उनके खिलाफ यह कार्रवाई करने का फैसला किया।

राजद में वापसी को लेकर अटकलें तेज

राजनीतिक गलियारों में इस बात की चर्चा है कि श्याम रजक अब अपने पुराने घर यानी राजद में वापसी कर सकते हैं। हालांकि इसकी आधिकारिक पुष्टि अभी नहीं की गई है। जब बिहार में राजद की सरकार थी तो श्याम रजक लालू के करीबी नेता माने जाते थे। वह बिहार की राबड़ी देवी सरकार के मंत्रिमंडल में मंत्री भी रह चुके हैं। राजद की सत्ता जाने और पार्टी से मोह भंग होने के बाद श्याम रजक 2009 में जेडीयू में शामिल हो गए थे। रजक 2010 में जेडीयू के कोटे से विधायक और फिर मंत्री बने थे, लेकिन जब रजक 2015 में महागठबंधन से विधायक बने तो उनको नीतीश सरकार में मंत्री नहीं बनाया गया था।

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