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पटना: बेकाबू होते कोरोना वायरस संक्रमण की स्थिति को देखते हुए बिहार सरकार ने एक बार फिर से लॉकडाउन  को 16 अगस्त तक के लिए बढ़ा दिया है। राज्य सरकार ने इस संबंध में गुरुवार को गाइडलाइंस भी जारी कर दी। लॉकडाउन-5 में लगाई गई कई पाबंदियां आगे भी जारी रहेंगी। सिर्फ सरकारी और निजी कंपनियों को 50 प्रतिशत कर्मचारियों की उपस्थिति के साथ दफ्तर खोलने की छूट दी गई है। दुकानों को भी शर्तों के साथ खोलने की इजाजत होगी। ऑनलॉक -3 के तहत केन्द्र ने नाइट कर्फ्यू से छूट दी है पर बिहार में यह जारी रहेगा।

कोरोना के बढ़ते रफ्तार को रोकने के लिए राज्य सरकार ने 16 से 31 जुलाई तक लॉकडाउन-5 लागू किया है। इसके समाप्त होने के पूर्व 30 जुलाई को सरकार ने 1 से 16 अगस्त तक के लिए लॉकडाउन- 6 का आदेश जारी कर दिया है। यह राज्य, जिला, अनुमंडल, अंचल मुख्यालयों के साथ नगर निकाय क्षेत्रों में प्रभावी होगा। गृह विभाग द्वारा जारी गाइडलाइंस के तहत लगभग वहीं पाबंदियां लॉकडाउन- 6 में भी जारी रहेंगी, जो पहले थीं।

पटना: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार तीन हफ़्ते बाद शनिवार को कैबिनेट बैठक के अलावा बाढ़ और कोरोना की समीक्षा बैठक में शामिल हुए। लेकिन कैबिनेट बैठक के दौरान नीतीश कुमार अपने स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव उदय सिंह कुमावत पर आग बबूला दिखे और उन्हें हटाने तक की चेतावनी दे डाली। दरअसल इस कैबिनेट बैठक के दौरान राज्य के स्वास्थ्य मंत्री, मंगल पांडेय ने टेस्टिंग क्यों कम हो रही हैं उस पर सफ़ाई देते हुए यह कह डाला कि प्रधान सचिव कुमावत उनकी बात नहीं सुनते। पांडेय ने ये भी कहा कि लोगों को टेस्टिंग कराने में काफ़ी कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है। डॉक्टर भी नदारद रहते हैं।

इस पर कुमावत ने आईसीएमआर के कुछ दिशानिर्देश की चर्चा शुरू कर दी, जिस पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जो हर दिन पूरे देश में टेस्टिंग और राज्य के स्वास्थ्य सेवाओं की बुरी हालत के कारण आलोचना झेल रहे हैं, उन्होंने कहा कि अगर आपसे काम नहीं होता तो अभी राज्य के मुख्य सचिव से कह कर आपके ख़िलाफ़ कारवाई शुरू करने का आदेश देते हैं। उन्होंने राज्य में फिर से टेस्टिंग बीस हज़ार तक करने के अलावा सभी इच्छुक लोगों का टेस्टिंग करने का भी आदेश दिया।

गोपालगंज: बिहार में भारी बारिश से हालात बेकाबू होते जा रहे हैं। अब गोपालगंज में गंडक नदी पर बने एक और महासेतु पुल के एप्रोच रोड में दरार आ गई है। इस पुल का उद्घाटन मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने किया था। इस पुल का निर्माण सत्तरघाट पुल बनाने वाली वशिष्टा कंपनी ने ही किया था। इस महासेतु के ध्वस्त होने से चंपारण तिरहुत और सारण के कई जिलों का संपर्क टूट गया है। इस पुल पर आवागमन पूरी तरह बाधित है। बरौली के देवापुर में सारण प्रमुख बांध के अलावा मांझागढ़ प्रखंड के पुरैना में भी सारण बांध टूट गया है। इसके कारण गंडक नदी का तेज बहाव एनएच-28 की तरफ बढ़ रहा है।

जिला प्रशासन की तरफ से बांध के किनारे बसे गांवों के लोगों को अलर्ट करने का काम किया जा रहा है। बांध टूटने से एनएच 28 पर बड़े वाहनों का परिचालन ठप हो गया है। बांध टूटने से गोपालगंज का बरौली, मांझागढ़, सिधवलिया और बैकुंठपुर प्रखंड के सबसे ज्यादा प्रभावित होने की संभावना है। इन प्रखंडों में बसे करीब 500 से 600 गांवों पर बाढ़ का खतरा मंडरा रहा है।

पटना: नेपाल के कई इलाकों में भारी बारिश व वाल्मीकिनगर बराज से सवा तीन लाख क्यूसेक पानी गंडक में छोड़े जाने के बाद उत्तर बिहार में बाढ़ की स्थिति और विकराल हो गई है। बुधवार को डूबने से आठ लोगों की मौत हो गई। पश्चिम चंपारण में चार लोगों की मौत हो गई। दो के शव की तलाश जारी है। वहीं मुजफ्फरपुर के गायघाट में चार लोगों की मौत डूबने से हो गई। दूसरी तरफ  दरभंगा, सीतामढ़ी, शिवहर, पूर्वीं व पश्चिम चंपारण जिले की स्थिति बाढ़ से खराब होती जा रही है। बड़ी संख्या में विस्थापित परिवार बांध व एनएच पर शरण लिये हुए हैं।  मोतिहारी में बंजरिया में तिलावे नदी का बांध व सुगौली में रिंग बांध टूटने से अफरातफरी की स्थिति बनी हुई है।  

पिछले दो दिनों की बारिश व बराज से काफी मात्रा में पानी छोड़े जाने के बाद मुजफ्फरपुर की पांचों प्रमुख नदियां खतरे के निशान को पार कर गई है। गंडक नदी जहां पारू व साहेबगंज में तबाही मचाने लगी है, वहीं बागमती व लखनदेई व मनुषमारा औराई, कटरा व गायघाट में तबाही मचाने लगी है। पांचों प्रखंड में बाढ़ का पानी प्रवेश कर गया है और बड़ी संख्या में निचले इलाके के लोगों को बांध व एनएच पर शरण लेनी पड़ी है।

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