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पटना: कोरोना संकट को देखते हुए बिहार सरकार ने राज्य में लॉकडाउन की अवधि को बढ़ाकर 6 सितंबर कर दिया है। राज्य सरकार की बैठक के बाद गृह विभाग ने आदेश जारी किया है। आदेश के मुताबिक 30 जुलाई से लागू हुए लॉकडाउन को 6 सितंबर तक बढ़ाया जा रहा है। राज्य में कोरोना के मामलों के अध्ययन के बाद यह फैसला लिया गया है। गृह मंत्रालय के अनुसार पिछले आदेश की पाबंदियां आगे भी जारी रहेंगी।

बता दें कि पिछले आदेश में 16 अगस्त तक लॉकडाउन का लागू किया गया था। इस आदेश में बिहार राज्य की सीमाओं के अंतर्गत आने वाले सभी धार्मिक स्थलों के खोलने पर पाबंदी लगाई गई थी। इसके अलावा किसी भी तरह के राजनीतिक और धार्मिक आयोजन पर रोक जारी रहेगी। इसके अलावा बस सेवाओं पर लगाई गई पाबंदी को भी बरकरार रखा गया है। कुल मिलाकर पूर्व के आदेश को जारी रखते हुए बिहार सरकार ने राज्य में सभी सामाजिक/राजनीतिक/ खेल/ मनोरंजन/शैक्षणिक सांस्कृतिक/धार्मिक कार्य/सभा पर रोक जारी रखी है।

 

हालांकि आदेश में कुछ छूट भी दी गई थी। इसके तहत व्यवसायिक और निजी प्रतिष्ठानों को खोलने की इजाजत दी गई है। दफ्तरों में कर्मचारियों की संख्या भी 33 से बढ़ाकर 50 प्रतिशत कर दी गई थी। पार्क, जिम और शिक्षण संस्थान पहले की तरह ही बंद रखे गए हैं। 

बता दें कि 15 अगस्त तक जारी आंकड़ों के अनुसार बिहार में कोरोना वायरस संक्रमण के मामले अब एक लाख पार चले गये और पिछले 24 घंटे के दौरान 15 और मरीजों की मौत हो जाने से इस रोग से मरने वालों की संख्या शनिवार को 515 पहुंच गई। स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक बिहार में पिछले 24 घंटे के दौरान कोरोना वायरस संक्रमण से 15 और लोगों की मौत हुई। उनमें मुंगेर, पश्चिम चंपारण, पटना ,सारण एवं सिवान में दो-दो तथा अरवल, भोजपुर, गया, जमुई एवं सुपौल जिले में एक-एक मरीज की मौत हुई। अब तक इस रोग से मरने वालों की संख्या शनिवार को बढकर 515 हो गयी है।

किस पर रहेगी पाबंदी

केंद्र सरकार के कार्यालय अपने स्वायत्त/अधीनस्थ कार्यालय और सार्वजनिक निगम 50% कर्मियों के साथ काम करने की अनुमति (सुरक्षा बलों, सार्वजनिक उपयोगिताओं, आपदा प्रबंधन, बिजली उत्पादन और डाकघरों में कर्मचारियों की न्यूनतम संख्या के साथ कार्य करने की अनुमति दी गई है) 

बैंकों, आईटी और संबंधित सेवाओं, प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया, इंटरनेट, दूरसंचार, ई कॉमर्स, पेट्रोल पंप, बिजली उत्पादन आदि के साथ खाद्य, किराना और कृषि आदानों से संबंधित दुकानें और सेवाओं को छूट दी गई है।

राज्य सरकार के कार्यालय, इसके स्वायत्त / अधीनस्थ अधिकारी और सार्वजनिक निगम 50 प्रतिशत कर्मियों के साथ काम कर सकेंगे। (सुरक्षा बल, आग और आपातकालीन, आपदा प्रबंधन, चुनाव, सार्वजनिक उपयोगिताओं, खाद्य और नागरिक आपूर्ति, कृषि, पशुपालन, नगर निकाय, वन अधिकारी, सामाजिक कल्याण के कार्यालय में काम होगा) 

व्यवसायिक और निजी संस्थानों को खोलने की इजाजत होगी। दुकानें भी खुलेंगी। पहले इसकी इजाजात नहीं थी। हालांकि मॉल इसमें शामिल नहीं होंगे। यह जिला प्रशासन पर निर्भर करेगा की दुकानें कब और कितने देर के लिए खोली जाएं। सोशल डिस्टेंसिंग का पालन एक अहम शर्त होगी।

लॉकडाउन के दौरान टैक्टी और ऑटो सेवा पूर्व की तरह चलेंगी। बस सेवा को पूरी तरह बंद रखा गया है। मालवाहक गाड़ियों के आनेजाने पर रोक नहीं होगी। आवश्यक सेवाओं से जुड़े लोग निजी वाहनों का इस्तेमाल कर सकते हैं।

केवल होम डिलीवरी विकल्प के साथ रेस्तरां को खोलने की अनुमति दी गई है।

औद्योगिक प्रतिष्ठानों को आवश्यक एहतियात और सोशल डिस्टेंसिंग के सख्त कार्यान्वयन के उपायों के साथ काम करने की अनुमति होगी।

सभी शैक्षणिक, प्रशिक्षण, अनुसंधान और कोचिंग संस्थान आदि बंद रहेंगे।

जनभागीदारी वाले सभी पूजा स्थल बंद रहेंगे। बिना किसी अपवाद के किसी भी धार्मिक मंडली की अनुमति नहीं होगी। सभी सामाजिक, राजनीतिक, शैक्षणिक, मनोरंजन, खेल, सांस्कृतिक और धार्मिक समारोहों और कार्यों को प्रतिबंधित किया जाएगा। स्टेडियमों को दर्शकों के बिना खोलने की अनुमति होगी।

सभी चिकित्सा और आवश्यक सेवाएं लॉकडाउन के दौरान प्रतिबंधों के दायरे से बाहर रहेंगी।

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