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पटना : जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के ‘संघ मुक्त’ भारत के आहवान पर भाजपा के वरिष्ठ नेता सुशील कुमार मोदी ने सोमवार को कहा कि अगर हिम्मत है तो मुख्यमंत्री बिहार में संघ पर प्रतिबंध लगाये। बिहार विधान परिषद में प्रतिपक्ष के नेता सुशील ने एक प्रेस विज्ञप्ति जारी कर आरोप लगाया कि जनता ने भूख-प्यास, अपराधियों के भय और भ्रष्टाचार से मुक्ति दिलाने के लिए नीतीश कुमार को जनादेश दिया लेकिन इन सारे मुद्दों पर अपनी विफलता से ध्यान हटाने के लिए उन्होंने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) जैसे देशभक्त संगठन से मुक्ति दिलाने का शिगूफा छेड़ दिया है। उन्होंने कहा कि वह संघ पर प्रतिबंध लगाने की भूमिका बना रहे हैं। कांग्रेस भी संघ पर रोक लगाकर इसका परिणाम देख चुकी है। अगर हिम्मत है तो मुख्यमंत्री बिहार में संघ पर प्रतिबंध लगाये। भाजपा इस चुनौती का सामना करने को तैयार है। सुशील ने आरोप लगाया कि संघ पर जब भी प्रतिबंध लगाया गया, जन समर्थन से इसकी ताकत और बढ़ी। अयोध्या में राम मंदिर, कश्मीर में धारा 370 और देश में समान आचार संहिता के मुद्दे पर संघ और भाजपा की विचारधारा पहले जैसी है। फिर भी नीतीश कुमार 17 साल तक भाजपा के साथ रहे। वे भाजपा की मदद से दो बार केंद्रीय मंत्री और तीन बार मुख्यमंत्री बने। भाजपा की विचारधारा तब भी यही थी, लेकिन नीतीश कुमार को तब संघ से कोई परहेज नहीं था।

पटना: जेडीयू के नए राष्ट्रीय अध्यक्ष और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शनिवार को 'संघ मुक्त' भारत की बात करते हुए 'लोकतंत्र की रक्षा' के लिए गैर भाजपा दलों के एकजुट होने की अपील की। पटना में एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए नीतीश ने कहा कि 'संघ मुक्त' भारत बनाने के लिए सभी गैर भाजपा दलों को एक होना होगा। पिछले लोकसभा चुनाव के दौरान भाजपा के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी ने 'कांग्रेस मुक्त' भारत का नारा दिया था। नीतीश ने कहा कि भाजपा और उसकी बांटने वाली विचारधारा के खिलाफ एकजुटता ही लोकतंत्र को बचाने का एकमात्र रास्ता है। वह न तो किसी व्यक्ति विशेष और न ही किसी दल के खिलाफ हैं, पर आरएसएस की बांटने वाली विचारधारा के खिलाफ हैं। नीतीश ने 2014 के लोकसभा चुनाव के पूर्व भाजपा के वर्तमान नेतृत्व पर प्रहार करते हुए इस दल से 2013 में ही संबंध तोड़ लिया था। नीतीश इन दिनों वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव के लिए बिहार की तर्ज पर ही राष्ट्रीय स्तर पर गैर- भाजपा दलों को एकजुट करने के प्रयास में लगे हुए हैं।

पटना: राजद प्रमुख लालू प्रसाद ने कहा कि जितने भी हाई-फाई साधु-संत हैं, जिनकी संपत्ति की जांच की जाए। बाबा साहेब डॉ. भीमराव अंबेडकर की 125वीं जयंती के अवसर पर राजद के प्रदेश मुख्यालय में आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए लालू ने कहा कि जितने भी हाई-फाई साधु-संत हैं उनकी संपत्ति की जांच की जाए। उन्होंने योग गुरू बाबा रामदेव को दुनिया और देश का सबसे बडा पूंजीपति और व्यापारी बताते हुए आरोप लगाया कि पूर्व में वह स्वयं मुलायम सिंह यादव की तारीफ करते थे, पर बाद में नरेंद्र मोदी और भाजपा के पास चले गए। लालू ने स्वरूपानंद सरस्वती के सांई की पूजा करने के कारण सूखा पड़ने संबंधी बयान की आलोचना की। उन्होंने कहा कि देश को तोड़ने और नफरत फैलाने वाली बात की जा रही है और कुछेक लोग बोलते हैं कि जिसे देश से प्रेम नहीं है वे यहां से बाहर चले जाएं। उन्हें यह बताना चाहिए कि उन्होंने यह कैसे परखा कि किसी व्यक्ति विशेष को देश से प्रेम नहीं है। लालू ने आशाराम बापू और उनके पुत्र नारायण साईं के कृत्यों पर कटाक्ष करते हुए कहा कि ये नकली बाबा लोगों को दिग्भ्रमित करते और लोगों की धार्मिक आस्था का गलत इस्तेमाल करते हैं।

पटना: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने केंद्र सरकार को कोसते हुए कहा कि आज देश में ऐसे हालात पैदा कर दिए गए हैं कि संविधान में दिए गए अधिकार पाने के लिए भी लोगों को संघर्ष करना पड़ रहा है और संविधान निर्माता बाबा साहेब अंबेडकर के विचारों की हत्या करने वाले आज उनकी जयंती मनाने का दिखावा कर रहे हैं। पटना में जनता दल (युनाइटेड) कार्यालय में बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर की जयंती के मौके पर आयोजित एक समारोह में मुख्यमंत्री ने कहा, 'जो लोग देशभक्ति की बात कर रहे हैं, उन्हें मालूम होना चाहिए कि देश में सभी देशभक्त हैं और जो देशभक्त नहीं है, उसका कोई समर्थन नहीं करता। यह मुद्दा ही फिजूल है।' केंद्र सरकार का मार्गदर्शन करने वाले संगठन राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) पर इशारों में कटाक्ष करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि कल तक तिरंगा का विरोध करने वाले लोग आज देशभक्ति की बात कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि दूसरी तरफ केंद्रीय विश्वविद्यालयों में देशद्रोह का आरोप लगाकर छात्रों को प्रताड़ित किया जा रहा है, जबकि दोषी बताए जा रहे छात्रों के खिलाफ कोई सबूत नहीं है। नीतीश ने कहा, 'विश्वविद्यालयों में दलित छात्रों को प्रताड़ित किया जा रहा है, उन्हें आत्महत्या के लिए मजबूर किया जा रहा है और जो यह सब करवा रहे हैं, आज वही लोग अंबेडकर के नाम पर दिखावा कर रहे हैं।

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