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खंडवा (मप्र): पिछले महीने भोपाल में पुलिस के साथ हुई मुठभेड़ में मारे गए पांच सिमी कार्यकर्ताओं की कब्रों पर यहां शहीद दर्शाने वाले शिलालेखों को पुलिस ने कल रात सफेद रंग पोतकर मिटवा दिया। इन शिलालेखों पर इनको महिमामंडित करने के मकसद से उनकी मौत को शहादत बताया गया था। खंडवा के पुलिस अधीक्षक महेन्द्र सिंह सिकरवार ने कहा, ‘हमने इस बात को मुस्लिम समुदाय के बुजुर्ग लोगों के साथ उठाया और उन्होंने ही कब्रों की शिलाओं पर लिखे शहादत शब्दों पर रंग पोतकर उन्हें मिटाया।’ सूत्रों ने बताया कि भोपाल मुठभेड़ में मारे गए पांच सिमी सदस्यों की कब्रों पर लगाई गई शिलाओं पर उर्दू एवं हिन्दी में लिखे इस्लामिक शहादत के शब्दों के साथ-साथ कुछ अन्य शब्दों को कल रात मिटा दिया गया है। जिन पांच सिमी सदस्यों की कब्रों के शिलालेखों से इनको महिमामंडित करने के शब्दों को मिटाया गया है, उनके नाम अमजद खान, जाकिर हुसैन, मोहम्मद सलीक, शेख महबूब एवं अकील खिलजी हैं। ये पांचों सिमी आतंकी उन आठ सिमी विचाराधीन कैदियों में शामिल थे, जिन्होंने 30-31 अक्तूबर की रात को उच्च सुरक्षा वाली भोपाल केन्द्रीय जेल से कथित रूप से एक सुरक्षा गार्ड की हत्या कर फरार हो गए थे। पुलिस के साथ हुई मुठभेड़ में 31 अक्तूबर को ये आठों सिमी सदस्य भोपाल के बाहरी इलाके में मारे गए थे।

भोपाल: मध्यप्रदेश में सत्तारूढ़ भाजपा की उम्मीदवार मंजू दादू ने नेपानगर विधानसभा सीट के उपचुनाव में जीत दर्ज की है। मंजू ने अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी कांग्रेस के अंतर सिंह बर्दे को इस सीट पर 42,198 मतों के अंतर से हराया. मंजू को 99,626 मत मिले, जबकि बर्दे को कुल 57,428 मत हासिल हुए। नेपानगर विधानसभा क्षेत्र में उपचुनाव यहां से भाजपा विधायक राजेन्द्र श्यामलाल दादू की सड़क हादसे में मृत्यु होने के कारण हुआ। भाजपा ने विधायक रहे दिवंगत राजेन्द्र श्यामलाल दादू की बेटी मंजू दादू को अपना प्रत्याशी बनाकर क्षेत्र के मतदाताओं की सहानुभूति हासिल करने की कोशिश की। यह रणनीति भाजपा के लिए फायदेमंद भी रही, क्योंकि पार्टी ने इस सीट पर 42,198 मतों के अंतर से अपना कब्जा बरकरार रखा। हालांकि, मंजू के पिताजी ने वर्ष 2013 के विधानसभा चुनाव में 46,534 मतों के अंतर से इस सीट पर जीत दर्ज की थी।

छिंदवाड़ा: मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा जिले की पुलिस ने सोमवार को एक कार से महाराष्ट्र के अमरावती ले जाए जा रहे 47 लाख रुपये के 500-1000 रुपये के पुराने नोट बरामद किए हैं। पुलिस ने कार से नकदी बरामद होने की सूचना आयकर विभाग को दे दी है। इससे पहले बुरहानपुर में चार करोड़ रुपये मूल्य की नकदी बरामद हुई थी। पुलिस अधीक्षक जेके पाठक ने बताया, सोमवार को मोहगांव की पुलिस को कार के जरिए छिंदवाड़ा से नकदी महाराष्ट्र ले जाने की सूचना मिली। सूचना के आधार पर महाराष्ट्र की ओर जा रही एक इंडिगो कार की तलाशी ली गई और उसमें रखे बैगों में 500-1000 रुपये के नोट मिले। गिनती की गई तो कुल राशि 47 लाख रुपये निकली। पाठक के अनुसार, छिंदवाड़ा निवासी गोविंद नोटबंदी के बाद यह रकम बदलवाने के लिए महाराष्ट्र के अमरावती ले जा रहे थे। पुलिस ने प्रकरण दर्ज कर पुराने नोट बरामद किए जाने की सूचना आयकर विभाग को दे दी है। उल्लेखनीय है देश में 500-1000 रुपये के नोट अमान्य किए जाने के बाद एक तरफ इन नोटों को बदलवाने बैंकों और डाकघरों के बाहर लंबी कतारें लगी हैं। वहीं नकदी निकासी के लिए एटीएम के बाहर भी लंबी कतारें देखी जा रही हैं।

छतरपुर: मध्यप्रदेश में छतरपुर जिले के बमीठा थाना क्षेत्र के बरद्वाहा गांव में ग्रामीणों ने कथित तौर पर नगदी खत्म होने और सरकारी उचित मूल्य की दुकान से पिछले कई माह से अनाज नहीं मिलने से नाराज होकर शुक्रवार को दुकान से अनाज लूट लिया। बरद्वाहा गांव की सरकारी उचित मूल्य की दुकान के मालिक मुन्नी लाल अहिरवार ने पुलिस को की गई शिकायत में कहा कि ग्रामीणों के पास अनाज खरीदने के लिए नकद राशि नहीं थी, इसलिए ग्रामीणों ने दुकान से अनाज लूट लिया जबकि पुलिस ने लूट की घटना से इंकार करते हुए कहा कि ग्रामीणों और दुकानदार के बीच राशन को लेकर विवाद हुआ था। बरद्वाहा गांव के सरपंच नोनेलाल ने आरोप लगाया कि ग्रामीणों को चार माह से सरकारी उचित मूल्य की दुकान से अनाज नहीं मिल रहा था। ग्रामीणों ने इस मामले में पुलिस और मुख्यमंत्री हेल्पलाइन को भी शिकायत दर्ज कराई थी। लेकिन उस पर कोई कार्रवाई नहीं हुई। सरपंच ने दुकानदार द्वारा ग्रामीणों पर लगाए गए अनाज लूटने के आरोप का खंडन किया पुलिस के सहायक उप निरीक्षक रामकुशल तिवारी ने बताया कि ग्रामीणों को उचित मूल्य की दुकान से पिछले चार माह से राशन नहीं मिल रहा था और ग्रामीण, दुकानदार से पिछले सभी माहों का राशन एक साथ देने की मांग कर रहे थे। जबकि दुकानदार केवल एक माह का अनाज देने के लिए सहमत था।

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