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भोपाल: दीवाली की आधी रात को हेड कॉन्स्टेबल की हत्या कर भोपाल सेंट्रल जेल से भागे सिमी के आठ क़ैदियों के एनकाउंटर में मारे जाने पर पुलिस कार्रवाई पर सवाल उठने लगे हैं। इस एनकाउंटर के कई वीडियो सामने आए हैं. एक वीडियो में दिख रहा है कि चारों ओर से पुलिस से घिरे पांच क़ैदी हाथ हिलाकर सरेंडर करना चाहते थे। सवाल यह उठता है कि पुलिस ने इन्हें गिरफ्तार करने की बजाय गोली क्यों मारी। वीडियो में दिखायी देता है कि कुछ ही दूरी पर संदिग्ध दिखाई देते हैं. एक आवाज आती है । 'कंट्रोल! ये पांचों लोग हमसे बात करना चाहते हैं। तीन भागने की कोशिश कर रहे हैं। चलो उन्हें घेर लो!' इसके बाद गोलियों की आवाज आती है। एक और दूसरा वीडियो भी सामने आया है। जिसमें एनकाउंटर में जख़्मी एक कैदी को एक पुलिसवाला निशाना बनाकर फायरिंग कर रहा है। क्या उसे जिंदा नहीं पकड़ा जा सकता था? फ़िलहाल इन वीडियो की सत्यता की जांच बाक़ी है। मारे गए क़ैदियों के पहनावे, उनके जेल से भागने के तरीक़ों पर भी सवाल उठ रहे हैं। इस बीच सूबे के गृहमंत्री ने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि कैदी लकड़ी और चम्मच की चाबी के सहारे बैरक से भागे। गृहमंत्री भूपेंद्र सिंह ने विरोधाभासी बयान देते हुए कहा कि संदिग्धों के पास कोई हथियार नहीं थे। उनके पास केवल जेल की वो प्लेटें थीं। जिससे उन्होंने गार्ड का गला रेत दिया और फरार हो गए। सिंह ने कहा कि संदिग्धों ने पुलिस पर हमला करने और भागने की कोशिश की. पुलिस के पास उन्हें मारने के अलावा कोई चारा नहीं था।' एक अन्य गैर सत्यापित मोबाइल वीडियो जिसे कथित रूप से एक गांव वाले ने उस वक्त फिल्माया जब पुलिस संदिग्ध आतंकियों के शरीरों की जांच कर रही है।इसमें एक पुलिसवाला साफ तौर पर एक मरे हुए व्यक्ति पर गोलियां चलाता दिख रहा है।

भोपाल: भोपाल जेल से भागे कैदियों को काफी नज़दीक से गोली मारे जाने का एक वीडियो सामने आने के बाद पुलिस कार्रवाई पर उठे गंभीर सवालों के बीच मध्य प्रदेश की जेलमंत्री कुसुम मेहदाले ने पत्रकारों से बातचीत में कुछ 'कमियों' को कबूल किया, लेकिन कहा, "आप लोगों को हमारी तारीफ करनी चाहिए कि हमने आरोपियों के भाग निकलने के बावजूद उन्हें मार गिराया।" मारे गए आठों लोग प्रतिबंधित संगठन सिमी (स्टूडेंट्स इस्लामिक मूवमेंट ऑफ इंडिया) के सदस्य थे, और हत्या से लेकर देशद्रोह तक के आरोपों में जेल में बंद थे। लेकिन कड़ी सुरक्षा वाली इस जेल से कैदियों के निकल भागने के बारे में अधिकारियों के दावों और उन्हें मार गिराए जाने के वीडियो में मिली जानकारियों में विरोधाभास है। पुलिस का दावा है उन लोगों ने 30 फुट ऊंची जेल की दावार फांदने से पहले एक सुरक्षा गार्ड को मार डाला, जबकि एक मंत्री ने कहा कि उन लोगों ने कई चादरों को एक साथ बांध लिया था। उधर, इन कैदियों के भोपाल से सटे घने जंगल वाले इलाके में पाए जाने के बाद शूट किए गए एक वीडियो, जिसे कथित रूप से एक पुलिस वाले ने ही बनाया, में आवाज़ें सुनाई देती हैं कि गोलीबारी का वीडियो क्यों शूट किया जा रहा है, और एक और आवाज़ आती है, "इसकी छाती में गोली मार दो।" देश की सर्वोच्च आतंकवाद-विरोधी संस्था नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी (एनआईए) को मुठभेड़ की जांच की ज़िम्मेदारी सौंपी गई है। मध्य प्रदेश की जेलमंत्री कुसुम मेहदाले ने पत्रकारों से बातचीत में यह भी कहा, "मैं मानती हूं कि कुछ कमियां रह गईं,हो सकता है, जेल में लगे कुछ सीसीटीवी कैमरे काम न कर रहे हों, वे लोग जेल की दीवार पर चढ़ने में कैसे कामयाब हुए, मैं नहीं जानती।"

भोपाल: मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि भोपाल केन्द्रीय जेल से आज तड़के सिमी के आठ आतंकियों के फरार होने और उसके बाद पुलिस मुठभेड़ में उनके मारे जाने की घटना की जांच राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) से कराई जायेगी। चौहान ने संवाददाताओं से कहा, ‘मेरी केन्द्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह से भी चर्चा हुई। क्योंकि आतंकवादियों के तार केवल प्रदेश में ही नहीं, प्रदेश के बाहर देश में ही नहीं बल्कि दुनिया में भी हैं, और यह केवल मध्यप्रदेश का मामला नहीं है। इससे सहमत होते हुए केंद्रीय गृहमंत्री ने यह फैसला किया है कि इस घटना की जांच एनआईए करेगी ताकि इस घटना के पीछे और भी जो तथ्य और तार हों, उनको भी उजागर किया जा सके।’ उन्होंने कहा कि जेल से आतंकवादियों का फरार होना अपने आप में बहुत गंभीर घटना है और इसलिये हमने जेल विभाग के चार उच्च अधिकारियों, डीआईजी जेल, जेल अधीक्षक, उप जेल अधीक्षक और सहायक अधीक्षक को निलंबित कर दिया है तथा एडीजी जेल को हटाकर उन्हें पुलिस मुख्यालय में पदस्थ किया गया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमने इस घटना को गंभीरता से लेते हुए इसकी जांच पूर्व पुलिस महानिदेशक नंदन दुबे से कराने का निर्णय किया है। इस जांच में जो तथ्य सामने आयेंगे उसके आधार पर दोषी लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जायेगी। उन्होंने कहा कि इस आपराधिक लापरवाही के लिये यदि किसी को नौकरी से बर्खास्त करना पड़े तो वही भी किया जायेगा। मुख्यमंत्री चौहान ने कहा, ‘सिमी के आतंकवादी, जो जेल में बंद थे, आज सुबह ढाई से तीन बजे के बीच जेल से फरार हुए थे।

भोपाल: सिपाही की हत्या कर भोपाल सेंट्रल जेल से फराह हुए प्रतिबंधित संगठन सिमी के सभी 8 आतंकी भोपाल के बाहर ईंटखेड़ी गांव में मुठभेड़ में मारे गए। मुठभेड़ में मारे गए आतंकियों के नाम हैं- अमजद, जाकिर हुसैन सिद्दीक, मोहम्मद सालिक, मुजीब शेख, मेहबूब गुड्डू, मोहम्मद खालिद अहमद, अकील और माजिद। प्रदेश सरकार ने प्रत्येक फरार सिमी आतंकी की गिरफ्तारी पर 5 लाख रुपये का ईनाम घोषित कर दिया था। सिमी के ये सभी आठों आतंकी तड़के करीब 2 से 3 बजे के बीच एक सिपाही की हत्या करने के बाद जेल से फरार हो गए थे। उन्होंने बताया कि ‘द स्टूडेंट्स इस्लामिक मूवमेंट ऑफ इंडिया’ के आतंकियों ने एक सिपाही की हत्या कर दी थी और उसके बाद वे चादरों की मदद से जेल की दीवार लांघ कर वहां से फरार हुए थे। आतंकियों ने पहले गार्ड को घेर कर अपने कब्जे में लिया और फिर स्टील की प्लेट से उसका गला काट कर उसे मार डाला। तीन साल में सिमी के कार्यकर्ताओं की जेल तोड़ने की यह दूसरी घटना है। इससे पहले वर्ष 2013 में मध्यप्रदेश के खंडवा में एक जेल से सिमी के सात सदस्य भाग निकले थे। एक अक्टूबर 2013 को सिमी के 7 सदस्य मध्यप्रदेश के खंडवा में स्थित जिला जेल से 14 फुट उंची दीवार फांद कर भाग गए थे। इनमें से एक कैदी ने अगले दिन आत्मसमर्पण कर दिया था और एक अन्य कैदी को मध्यप्रदेश के बड़वानी से दिसंबर 2013 में पकड़ा गया था। तीसरा कैदी पांच अप्रैल 2015 को तेलंगाना पुलिस के साथ एक मुठभेड़ में मारा गया था।

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