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छिंदवाड़ा: मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा जिले की पुलिस ने सोमवार को एक कार से महाराष्ट्र के अमरावती ले जाए जा रहे 47 लाख रुपये के 500-1000 रुपये के पुराने नोट बरामद किए हैं। पुलिस ने कार से नकदी बरामद होने की सूचना आयकर विभाग को दे दी है। इससे पहले बुरहानपुर में चार करोड़ रुपये मूल्य की नकदी बरामद हुई थी। पुलिस अधीक्षक जेके पाठक ने बताया, सोमवार को मोहगांव की पुलिस को कार के जरिए छिंदवाड़ा से नकदी महाराष्ट्र ले जाने की सूचना मिली। सूचना के आधार पर महाराष्ट्र की ओर जा रही एक इंडिगो कार की तलाशी ली गई और उसमें रखे बैगों में 500-1000 रुपये के नोट मिले। गिनती की गई तो कुल राशि 47 लाख रुपये निकली। पाठक के अनुसार, छिंदवाड़ा निवासी गोविंद नोटबंदी के बाद यह रकम बदलवाने के लिए महाराष्ट्र के अमरावती ले जा रहे थे। पुलिस ने प्रकरण दर्ज कर पुराने नोट बरामद किए जाने की सूचना आयकर विभाग को दे दी है। उल्लेखनीय है देश में 500-1000 रुपये के नोट अमान्य किए जाने के बाद एक तरफ इन नोटों को बदलवाने बैंकों और डाकघरों के बाहर लंबी कतारें लगी हैं। वहीं नकदी निकासी के लिए एटीएम के बाहर भी लंबी कतारें देखी जा रही हैं।

छतरपुर: मध्यप्रदेश में छतरपुर जिले के बमीठा थाना क्षेत्र के बरद्वाहा गांव में ग्रामीणों ने कथित तौर पर नगदी खत्म होने और सरकारी उचित मूल्य की दुकान से पिछले कई माह से अनाज नहीं मिलने से नाराज होकर शुक्रवार को दुकान से अनाज लूट लिया। बरद्वाहा गांव की सरकारी उचित मूल्य की दुकान के मालिक मुन्नी लाल अहिरवार ने पुलिस को की गई शिकायत में कहा कि ग्रामीणों के पास अनाज खरीदने के लिए नकद राशि नहीं थी, इसलिए ग्रामीणों ने दुकान से अनाज लूट लिया जबकि पुलिस ने लूट की घटना से इंकार करते हुए कहा कि ग्रामीणों और दुकानदार के बीच राशन को लेकर विवाद हुआ था। बरद्वाहा गांव के सरपंच नोनेलाल ने आरोप लगाया कि ग्रामीणों को चार माह से सरकारी उचित मूल्य की दुकान से अनाज नहीं मिल रहा था। ग्रामीणों ने इस मामले में पुलिस और मुख्यमंत्री हेल्पलाइन को भी शिकायत दर्ज कराई थी। लेकिन उस पर कोई कार्रवाई नहीं हुई। सरपंच ने दुकानदार द्वारा ग्रामीणों पर लगाए गए अनाज लूटने के आरोप का खंडन किया पुलिस के सहायक उप निरीक्षक रामकुशल तिवारी ने बताया कि ग्रामीणों को उचित मूल्य की दुकान से पिछले चार माह से राशन नहीं मिल रहा था और ग्रामीण, दुकानदार से पिछले सभी माहों का राशन एक साथ देने की मांग कर रहे थे। जबकि दुकानदार केवल एक माह का अनाज देने के लिए सहमत था।

भोपाल: भोपाल सेंट्रल जेल ब्रेक मामले में बड़ा खुलासा हुआ है। रिपोर्ट के मुताबिक भोपाल जेल के 80 गार्ड दूसरी जगहों पर तैनात थे। लिहाजा जेल में जो सुरक्षा होनी, चाहिए वह इस वजह से नहीं थी। 80 गार्ड मुख्यमंत्री, चीफ सेक्रेटरी, जेल मंत्री, पूर्व जेल मंत्री, प्रिंसिपल सेक्रेटरी और डीजी के बंगलों पर तैनात हैं। इस बीच, जेल मंत्री कुसुम महदेले ने कहा कि मेरे पास सिर्फ दो गार्ड थे। आंकड़े बढ़ा-चढ़ा कर पेश किए जा रहे हैं। गौरतलब है कि मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भोपाल केन्द्रीय जेल से सिमी के आठ कार्यकर्ताओं के भागने और उनकी कथित मुठभेड़ की न्यायिक जांच के आदेश दिए हैं। रात जारी एक आधिकारिक विज्ञप्ति में बताया गया है कि जांच मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश न्यायमूर्ति एसके पांडे करेंगे। प्रतिबंधित संगठन सिमी के विचाराधीन कार्यकर्ताओं ने 30-31 अक्तूबर की दरम्यिानी रात को जेल से फरार हो गए थे। फरार होने से पहले सिमी कार्यकर्ताओं ने एक प्रधान आरक्षक रमाशंकर यादव की हत्या कर दी थी। बाद में सभी आठ लोग 31 अक्तूबर को भोपाल के बाहरी इलाके मणिखेडा पठार में पुलिस के साथ मुठभेड़ में मारे गए थे। मुठभेड़ के बारे में पुलिस एवं राज्य के गृहमंत्री के परस्पर विरोधी बयान आए जिससे ये आरोप लगने लगे हैं कि मुठभेड़ फर्जी हो सकता है।

भोपाल: 8 सिमी आतंकियों के एनकाउंटर पर मचे बवाल के बीच मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने एनकाउंटर की न्यायिक जांच के आदेश दे दिए हैं। हाईकोर्ट के रिटायर्ड जज एस के पांडे मामले की न्यायिक जांच करेंगे। 31 अक्टूबर को जेल ब्रेक कर भागे 8 सिमी आतंकियों को एमपी पुलिस और एटीएस की टीम ने मिलकर भोपाल के अचारपुरा गांव में मार गिराया था। इस एनकाउंटर पर विपक्ष ने सवाल उठाए थे और मामले की न्यायिक जांच की मांग की थी। विपक्ष एनकाउंटर के वक्त के हालात और वायरल होने वाले वीडियो को आधार बताकर मुठभेड़ को फर्ज़ी बता रहा है। सीएम शिवराज सिंह ने विपक्ष के आरोपों के बाद पूरे मामले की न्यायिक जांच के आदेश दे दिए हैं। जानकारी के मुताबिक रिटायर्ड जज एस के पांडे जेल ब्रेक के साथ ही एनकाउंटर की जांच भी करेंगे।

 

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