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नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने मेघालय के खदान में फंसे मजदूरों के मामले में याचिका पर सुनवाई करते हुए बुधवार को राज्य सरकार को फटकार लगाई है। इसके साथ ही कोर्ट ने अटॉर्नी जनरल, सॉलिसिटर जनरल या केंद्र सरकार के किसी कानून अधिकारी को तलब किया है। कोर्ट ने कहा कि यह मामला गंभीर और चिंताजनक है, इस संबंध में कोर्ट निर्देश जारी करेगा। इसके साथ ही कोर्ट ने राज्य सरकार को फटकार लगाते हुए उसके द्वारा बचाव के लिए उठाए गए कदमों पर सवाल उठाए हैं।

जस्टिस एके सीकरी और जस्टिस एस अब्दुल नजीर की बेंच ने कहा कि अगर सरकार कदम उठा रही है तो खदान के मजदूरों का क्या हुआ? बेंच ने कहा, 'मजदूरों को खदान में फंसे हुए कितने दिन हो गए? क्या इस मामले में केंद्र, राज्य और एजेंसियों के बीच समन्वय नहीं है? क्या कोर्ट सेना को कदम उठाने के लिए आग्रह नहीं कर सकता? हम अभी तक उठाए गए कदमों से संतुष्ट नहीं हैं। मजदूरों को बाहर निकालने के लिए तुरंत कदम उठाने की जरूरत है। अगर ये भी माना जा रहा है कि वो जिंदा हैं या नहीं तो भी उन्हें बाहर निकाला जाना चाहिए।'

लुम्थारी (मेघालय): कोयले की 370 फुट गहरी खदान में फंसे 15 खनिकों को बचाने के लिए रविवार को शुरू किए गए अभियान का कुछ खास नतीजा नहीं निकला। भारतीय नौसेना और एनडीआरएफ के गोताखोर खदान की तल तक नहीं पहुंच सके। इन गोताखोरों का बचावदल खदान में जलस्तर का पता लगाने के लिए उसके भीतर घुसा था। अधिकारियों ने रविवार को यह जानकारी दी। 

अधिकारियों ने बताया कि नौसैन्य दल के नेता लेफ्टिनेंट कमांडर संतोष खेतवाल के खदान में पानी की सतह तक जाने के बाद संयुक्त अभियान शुरू किया गया। इससे पहले खेतवाल ने गोताखोरों को भेजने से पहले स्थिति का आकलन किया था। इस्ट जयंतिया हिल्स के पुलिस अधीक्षक सिल्वेस्टर नोंगटियर ने कहा कि नौसेना और एनडीआरएफ के छह गोताखोर खदान में उतरे। वे करीब 80 फीट की गहराई तक गए, जहां उन्होंने करीब दो घंटे तक खनिकों की तलाश की। नौसैन्य अधिकारियों के अनुसार, खदान में सतह से पानी की गहराई संभवत: 150 फीट से भी अधिक है। एनडीआरएफ के सहायक कमांडेंट, संतोष कुमार ने कहा कि गोताखोर खनिकों का पता लगाने के लिए सोमवार को फिर से खदान में उतरेंगे।

खलीहृयत: मेघालय में एक कोयला खदान में बाढ़ में 13 दिसम्बर से फंसे 15 खनिकों को बचाने के अभियान में शनिवार को खनिकों के हेलमेट्स मिले है और एनडीआरएफ ने उनकी फोटो जारी की है। 18वें दिन एनडीआरएफ ने कहा कि फिलहाल उन्हें 3 हेलमेट मिले हैं। वहीं नौसेना के प्रवक्ता ने एक ट्वीट में कहा कि आंध्र प्रदेश में विशाखापत्तनम से 15 सदस्यीय गोताखोर टीम शनिवार की सुबह पूर्वी जयंतिया पर्वतीय जिले के सुदूरवर्ती लुम्थारी गांव पहुंचेगी।

पंप निर्माता कंपनी किर्लोस्कर बदर्स लिमिटेड और कोल इंडिया ने शुक्रवार को संयुक्त रूप से मेघालय के उस सुदूरवर्ती कोयला खदान के लिये 18 हाई पावर पंप रवाना किये हैं, जहां 15 खनिक फंसे हुए हैं। आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि वायुसेना ने भुवनेश्वर से विमान के जरिये 10 पंप पहुंचाए। इस बीच भुवनेश्वर से मिली एक रिपोर्ट के अनुसार ओडिशा दमकल सेवा की 20 सदस्यीय टीम उपकरणों के साथ शुक्रवार को शिलांग के लिये रवाना हो गयी। उपकरणों में हाई पावर पंप, हाईटेक उपकरण और तलाशी एवं बचाव अभियान में स्थानीय प्रशासन के लिये मददगार कई गैजेट शामिल हैं।

खलीहृयत (मेघालय): मेघालय में एक कोयला खदान में बाढ़ में 13 दिसम्बर से फंसे 15 खनिकों को बचाने के अभियान में शनिवार को भारतीय नौसेना भी शामिल होगी। अधिकारियों ने शुक्रवार को इसकी जानकारी दी। नौसेना के प्रवक्ता ने एक ट्वीट में कहा कि आंध्र प्रदेश में विशाखापत्तनम से 15 सदस्यीय गोताखोर टीम शनिवार की सुबह पूर्वी जयंतिया पर्वतीय जिले के सुदूरवर्ती लुम्थारी गांव पहुंचेगी। उन्होंने कहा,''यह टीम विशेष रूप से डाइविंग उपकरण ले जा रही है, जिसमें पानी के भीतर खोज करने में रिमोट संचालित वाहन शामिल हैं।

पंप निर्माता कंपनी किर्लोस्कर बदर्स लिमिटेड और कोल इंडिया ने शुक्रवार को संयुक्त रूप से मेघालय के उस सुदूरवर्ती कोयला खदान के लिये 18 हाई पावर पंप रवाना किये हैं, जहां 15 खनिक फंसे हुए हैं। आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि वायुसेना ने भुवनेश्वर से विमान के जरिये 10 पंप पहुंचाये। इस बीच भुवनेश्वर से मिली एक रिपोर्ट के अनुसार ओडिशा दमकल सेवा की 20 सदस्यीय टीम उपकरणों के साथ शुक्रवार को शिलांग के लिये रवाना हो गयी।

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