लुम्थारी (मेघालय): कोयले की 370 फुट गहरी खदान में फंसे 15 खनिकों को बचाने के लिए रविवार को शुरू किए गए अभियान का कुछ खास नतीजा नहीं निकला। भारतीय नौसेना और एनडीआरएफ के गोताखोर खदान की तल तक नहीं पहुंच सके। इन गोताखोरों का बचावदल खदान में जलस्तर का पता लगाने के लिए उसके भीतर घुसा था। अधिकारियों ने रविवार को यह जानकारी दी।
अधिकारियों ने बताया कि नौसैन्य दल के नेता लेफ्टिनेंट कमांडर संतोष खेतवाल के खदान में पानी की सतह तक जाने के बाद संयुक्त अभियान शुरू किया गया। इससे पहले खेतवाल ने गोताखोरों को भेजने से पहले स्थिति का आकलन किया था। इस्ट जयंतिया हिल्स के पुलिस अधीक्षक सिल्वेस्टर नोंगटियर ने कहा कि नौसेना और एनडीआरएफ के छह गोताखोर खदान में उतरे। वे करीब 80 फीट की गहराई तक गए, जहां उन्होंने करीब दो घंटे तक खनिकों की तलाश की। नौसैन्य अधिकारियों के अनुसार, खदान में सतह से पानी की गहराई संभवत: 150 फीट से भी अधिक है। एनडीआरएफ के सहायक कमांडेंट, संतोष कुमार ने कहा कि गोताखोर खनिकों का पता लगाने के लिए सोमवार को फिर से खदान में उतरेंगे।
इससे पहले गोताखोर अपने उपकरणों समेत दोपहर करीब डेढ़ बजे घटनास्थल पर पहुंचे, जिसके बाद उन्होंने खदान में पानी के स्तर को मापना शुरू किया। अधिकारियों ने बताया कि उनके पास ओडिशा के बचाव दल द्वारा लाए 10 पंप भी रखे हैं। विभिन्न एजेंसियों के करीब 200 बचावकर्मी घटनास्थल पर तैनात हैं। ओडिशा दमकल सेवा का एक दल अपने साथ 10 उच्च क्षमता वाले पंप लेकर आया है।
पुलिस अधीक्षक नोंगटियर ने बताया कि कम से कम दो पंपों को खदान के अंदर तल तक ले जाना होगा। ओडिशा के मुख्य दमकल अधिकारी एस. सेठी ने बताया कि उनके दल को पंप से पानी बाहर निकालने का काम दिया गया है और वे इस काम के लिए तैयार हैं। सेठी ने कहा, हमारी बस यही चिंता है कि अगर अब हम पंप लगाते हैं, तो कार्बन खींचने से खदान के अंदर घुटन हो सकती है। बाकी के आठ पंप इलाके में चिह्नित किए गए विभिन्न स्थानों पर लगाए जाएंगे।
अधिक क्षमता वाले पम्प पहुंच रहे
सीआईएल कोलकाता के जीएम एके भराली ने बताया कि एक उच्च क्षमता वाला सबमर्सिबल पम्प सीआईएल रांची से पहुंच रहा है। इसमें प्रति मिनट 500 गैलन तक पानी निकालने की क्षमता है। खदान में जनरेटर और प्लेटफॉर्म उपलब्ध होने पर ही पानी निकालने का काम शुरू किया जाएगा। रांची, धनबाद और आसनसोल में सीआईएल केंद्रों से पांच और पम्प पहुंच रहे हैं। सीआईएल के 25 कर्मचारियों का एक दल घटनास्थल पर है और सर्वे दल अपना काम कर रहा है।
17 दिन से खदान के अंदर फंसे खनिक
खनिक 13 दिसंबर को पूर्वी जयंतिया हिल्स जिले के लुम्थारी गांव की एक खदान में नजदीकी लैतिन नदी का पानी भर जाने के बाद से अंदर फंसे हैं। राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ), नौसेना, राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण और कोल इंडिया की मदद से बचाव अभियान में लगा है। नौसेना के गोताखोर खदान में 100 फुट तथा एनडीआरएफ के गोताखोर 30 फुट अंदर तक जा सकते हैं।