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करनाल: दिल्ली-चंडीगढ़ नेशनल हाईवे स्थित बसताड़ा टोल प्लाजा पर शनिवार को पुलिस द्वारा किसानों पर किए गए लाठीचार्ज के बाद आज किसान घरौंडा अनाजमंडी में किसान पंचायत कर रहे हैं, जिसमें सैंकडों किसान पहुंच चुके हैं। किसान नेताओं में फिलहाल गुरनाम सिंह चढूनी पहुंचे। जिन्होंने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि अब हमारे सब्र की इंतहा हो गई है। हरियाणा का किसान अब और लाठी नहीं खाएगा। इसलिए संयुक्त किसान मोर्चा जल्द कोई ठोस निर्णय लें या फिर हरियाणा को माफ नहीं करे। एक सवाल के जबाव में उन्होंने कहा कि किसान नेता राकेश टिकैत आएंगे या नहीं उन्हें कोई पता नहीं है। उनकी कोई बातचीत नहीं हुई है।

किसान पंचायत में हरियाणा के सभी किसान संगठन भाग ले रहे हैं और अभी बड़ी संख्या में किसान यहां जमा होने हैं। महापंचायत में अब दूसरे राज्यों के किसान भी आने की सूचनाएं मिल रही है, जिसके चलते अब प्रबंध भी बढ़ा दिए गए हैं। बैठक को देखते हुए अब पुलिस-प्रशासन की नजर भी किसानों की आगामी रणनीति पर टिकी है। दूसरी ओर लाठीचार्ज के दौरान घायल पुलिसकर्मियों की ओर से किसानों के खिलाफ मामले दर्ज किए गए हैं।

वहीं घायल किसानों की ओर से भी पुलिस और प्रशासन के अधिकारियों और कर्मचारियों के खिलाफ शिकायत दी गई है, जिस पर जांच के बाद कार्रवाई की बात कही जा रही है।

गुमराह कर रहा प्रशासन

चढ़ूनी ने कहा कि गांव रायपुर जटान वासी किसान सुशील काजल की मौत काे लेकर प्रशासन गुमराह करने में लगा है। हालात को देख स्पष्ट लग रहा है कि उसकी मौत पुलिस की लाठियों से हुई है। जब पुलिस की लाठियों से घायल होने के बाद उसे अस्पताल ले जाया जा रहा था, तो पुलिस ने जाने भी नहीं दिया गया और स्वजन उसे घर ले गए, जहां उसने दम तोड़ दिया। उसकी मौत के हालात से पता चल रहा है कि पुलिस के लाठीचार्ज के चलते ही उसकी मौत हुई है, जिसकी जांच कराई जानी चाहिए।

कार्रवाई की मांग

चढूनी ने लाठीचार्ज के आदेश देने वाले व करने वाले अधिकारियों पर कार्रवाई की मांग भी की। उन्होंने कहा कि प्रशासनिक अधिकारी डयूटी मजिस्ट्रेट के तौर पर जब किसानों के सिर फोड़ने के लिए पुलिसकर्मियों को उकसा रहे हैं, जिसकी वीडियो भी वायरल हो चुकी है। ऐसे अधिकारी पर तत्काल कार्रवाई की जानी चाहिए थी। चढूनी नेे कहा कि महापंचायत में पूरे मामले को लेकर विस्तार से चर्चा कर अहम फैसला लिया जाएगा, जिसके बाद अगला कदम उठाया जाएगा।

पुलिस अलर्ट

पंचायत के चलते पुलिस भी पूरी तरह से अलर्ट है। टोल प्लाजा व महापंचायत स्थल के आसपास पुलिस बल तैनात किया गया है। महापंचायत व किसानों की पल-पल की खबर खुफिया कर्मी उच्चाधिकारियों को दे रहे हैं तो वहीं पुलिस अधीक्षक गंगा राम पूनिया, जिला उपायुक्त निशान यादव भी इस पर निगाहें टिकाए हुए हैं।

डीसी ने जताया खेद
वहीं एसडीएम आयुष सिन्हा की वायरल हो रही वीडियो में सिर फोड़ने वाले शब्दों को लेकर डीसी निशांत कुमार ने खेद प्रकट किया है। उन्होंने रविवार को सेक्टर-12 में आयोजित प्रेसवार्ता के दौरान किसानों पर लाठीचार्ज और एसडीएम के बयान पर सफाई दी। उन्होंने सोशल मीडिया पर वायरल हो रही वीडियो को अधूरा सच बताया। साथ ही एसडीएम को कर्मठ और ईमानदार अफसर बताते हुए उनका बचाव किया।

डीसी ने कहा कि एसडीएम करनाल को नाका नंबर-3 रेलवे रोड पर ड्यूटी मजिस्ट्रेट तैनात किया गया था। यह नाका मुख्यमंत्री के कार्यक्रम के नजदीक था। एसडीएम ड्यूटी पर तैनात कर्मचारियों को सुबह 8 बजे दिशा निर्देश दे रहे थे कि नाका नंबर-एक बसताड़ा टोल प्लाजा, नाका नंबर-2 नमस्ते चौक को यदि किसान तोड़कर नाका नंबर-3 पर आते हैं तो सख्ती दिखानी होगी। उपायुक्त ने कहा कि सोशल मीडिया पर एसडीएम की पूरी वीडियो को नहीं दिखाया गया बल्कि केवल एक क्लिप ही दिखाई गई है, यदि पूरी वीडियो दिखाई जाए तो उसका अर्थ समझ में आता है। उन्होंने कहा कि यदि एसडीएम के शब्दों से किसी व्यक्ति या संगठन को ठेस पहुंची हो तो उसके लिए वे स्वयं खेद प्रकट करते हैं।  

सीएम ने कहा-शब्दों का चयन गलत था
सीएम मनोहर लाल ने करनाल में किसानों पर लाठीचार्ज के बारे में कहा कि करनाल एसडीएम के शब्दों का चयन ठीक नहीं था। जो शब्द एसडीएम ने चुने, वह नहीं बोलने चाहिए थे। कानून व्यवस्था बनाए रखना उनका दायित्व था। डीजीपी व प्रशासन अपनी रिपोर्ट तैयार कर रहे हैं, रिपोर्ट के आधार पर अगला कदम उठाया जाएगा।  

 

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