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नई दिल्ली: जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय के विवाद से निपटने के सरकार के तरीके से मतभेद प्रकट करते हुए अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) के असंतुष्ट सदस्य छात्रों ने मनुस्मृति की प्रति जलाई। हालांकि विश्वविद्यालय प्रशासन ने इस कार्यक्रम की इजाजत नहीं दी थी। संसद पर हमले के दोषी अफजल गुरु को फांसी के खिलाफ जेएनयू परिसर में विवादास्पद आयोजन के कुछ हफ्ते बाद एबीवीपी से असंतुष्ट पांच छात्रों ने वामपंथी छात्र संगठन आइसा और कांग्रेस के एनएसयूआई के सदस्यों के साथ साबरमती ढाबा पर मनुस्मृति की प्रति जलाई। आयोजकों में से तीन एबीवीपी के पूर्व पदाधिकारी हैं, वहीं दो अब भी संगठन के साथ हैं, लेकिन मनुस्मृति पर संगठन के रुख से इत्तेफाक नहीं रखते। एबीवीपी में दरार के स्पष्ट संकेत देते हुए संगठन की जेएनयू इकाई के उपाध्यक्ष जतिन गोरई ने कहा, 'हमने हमारे संगठन की बैठक में सुझाव दिया था कि मनुस्मृति की प्रति जलाई जाए ताकि सभी वामपंथी दलों के इस आरोप का जवाब दिया जा सके कि एबीवीपी दलितों के हितों को लेकर संवेदनशील नहीं है।

नई दिल्ली: पप्पू यादव की पत्नी और कांग्रेस की महिला सांसद रंजीत रंजन ने अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के मौके पर संसद भवन परिसर में हार्ले डेविडसन चलाकर सबको चकित कर दिया। उन्होंने दिखाया कि महिलाएं किसी से पीछे नहीं हैं। वह सबकुछ करने में सक्षम हैं। उनके इस कदम को महिलाओं के लिए मिसाल के तौर पर देखा जा रहा है। रंजीत ने इस दौरान कहा कि मैं मोटरसाइकिल या साइकिल से रोज संसद आ सकती हूं। वैसे भी मेरी जिंदगी ऐसी रही है कि हमें माता-पिता ने रोक-टोक नहीं की। जब हमने शॉर्ट्स पहनकर टेनिस खेली तो भी नहीं रोका। पति पप्पू यादव के बारे में उन्होंने कहा कि मैं अपनी मोटरसाइकिल उन्हें छूने भी नहीं देती। पीछे बिठाकर सवारी करवाती हूं। हार्ले डेविडसन मैंने खुद के पैसे से चेक से पेमेंट करके ली है। मेरे बेटे ने कहा था कि मां अभी शौक पूरे नहीं करोगी तो कब करोगी। वैसे मैं बचपन में भी बाइक चलाती थी। रंजीत रंजन बिहार के सुपौल से लोकसभा सांसद हैं।

नई दिल्ली (जनादेश ब्यूरो): पूर्व लोकसभा अध्यक्ष एवं पूर्वोत्तर के नेता पी ए संगमा के निधन पर राज्यसभा में आज उन्हें श्रद्धांजलि दी गई। संगमा का चार मार्च को नयी दिल्ली में rदयाघात से निधन हो गया था। वह 68 वर्ष के थे। सदन की बैठक शुरू होने पर सभापति हामिद अंसारी ने संगमा के निधन का जिक्र करते हुए कहा कि सितंबर 1947 को जन्मे संगमा ने पूर्वोत्तर क्षेत्र के विकास के लिए अथक प्रयास किया था। एक प्रोफेसर, वकील और पत्रकार संगमा कई सामाजिक संगठनों से जुड़े और पिछड़ों, आदिवासियों तथा समाज के वंचित वर्गो के उत्थान के लिए काम किया। उन्होंने कहा कि कई अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भारत का प्रतिनिधित्व कर चुके संगमा ने शैक्षिक संस्थानों, खास कर पूर्वोत्तर में शिक्षा के विकास में अहम योगदान दिया था। अंसारी ने कहा कि मेघालय के मुख्यमंत्री रह चुके संगमा नौ बार लोकसभा के लिए निर्वाचित हुए और 1996..98 में लोकसभा के स्पीकर चुने गए थे।

नई दिल्ली (जनादेश ब्यूरो): ईपीएफ पर चौतरफा दबाव के बाद केंद्र सरकार ने प्रस्तावित ईपीएफ टैक्स को वापस ले लिया है। संसद में आज (मंगलवार) वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि सरकार ईपीएफ के 60 प्रतिशत हिस्से पर लगाए जाने वाले टैक्स के प्रावधान को फिलहाल वापस ले रही है। गौरतलब है कि बजट में बजट में ईपीएफ पर टैक्स का ऐलान हुआ था। इस बदलाव से देश के करीब छह करोड़ वेतनभोगी प्रभावित होते। पिछले दिनों प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वित्त मंत्री अरुण जेटली से इस मामले पर दोबारा विचार करने को कहा था। ऐसे में कयास लगाए ही जा रहे थे कि जेटली आज संसद में यह प्रस्ताव वापस लेने की घोषणा कर सकते हैं। सोमवार को कांग्रेस ने सरकार के फ़ैसले के विरोध में जंतर मंतर पर प्रदर्शन भी किया था। इस पूरे मामले पर काफी हो हल्ला मचा हुआ था। ईपीएफ टैक्स के खिलाफ एक लाख से ज्यादा लोगों ने ऑनलाइन याचिका पर हस्ताक्षर भी किए थे। इस टैक्स को खत्म करवाने के लिए सोशल मीडिया पर भी कई दिन अभियान चला, जिसमें सरकार से लोगों ने अपील की कि इसे वापस ले लिया जाए।

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