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नई दिल्ली: 9000 करोड़ के कर्ज में डूबे उद्योगपति विजय माल्या के देश छोड़कर जाने का मामला संसद में गूंजने के बाद शुक्रवार सुबह ट्वीट कर उन्होंने सफाई दी और कहा कि मैं कोई भगोड़ा नहीं हूं। मैं देश छोड़कर नहीं गया। मैं सांसद हूं, मेरा देश की न्याय व्यवस्था पर पूरा भरोसा है लेकिन मीडिया ट्रायल गलत है। उद्योगपति विजय माल्या ने शुक्रवार सुबह ट्विटर पर अपनी नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि वह भगोड़े नहीं है। अंतरराष्ट्रीय कारोबारी हैं और अक्सर विदेश यात्राएं करते रहते हैं। माल्या ने ट्वीट करके कहा कि मैं भागा नहीं हूं, न ही मैं भगोड़ा हूं। उन्होंने कहा कि मीडिया में उन्हें जबरन फ्रेम किया जा रहा है। माल्या ने ट्वीट करके कहा कि मैं एक सांसद हूं और मुझे कानून पर भरोसा है। हमारी कानून व्यवस्था मजबूत है और मैं उसका सम्मान करता हूं। गौर हो कि संसद में भी गुरुवार को इस मुद्दे पर घमासान मचा था। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा था कि विजय माल्या द्वारा बैंकों से लिये गए कर्ज की राशि ब्याज सहित 13 नवंबर 2015 तक 9091.40 करोड़ रुपये हो गई थी। यह राशि उनसे वसूलने के लिए हर कदम उठाये जा रहे हैं।

नई दिल्ली (जनादेश ब्यूरो): उद्योगपति विजय माल्या के देश से बाहर जाने को लेकर आलोचना झेल रही सीबीआई ने उनके खिलाफ जारी निगरानी नोटिस (लुकआउट नोटिस) के रुख में बदलाव किया था। सीबीआई ने नोटिस जारी करने के एक माह के भीतर ही इसे देश से बाहर जाने के दौरान हिरासत में लेने से बदलकर सिर्फ उनकी यात्रा योजना के बारे में जानकारी देने तक सीमित कर दिया था। यह सूचना सीबीआई के लिए और शर्मनाक स्थिति पैदा करने वाली है। जांच एजेंसी पर पहले ही माल्या के प्रति नरमी दिखाने का आरोप लग रहा है। माल्या के खिलाफ आईडीबीआई बैंक के 900 करोड़ रुपये के ऋण डिफाल्ट मामले में सीबीआई जांच चल रही है। सूत्रों ने बताया कि 16 अक्तूबर, 2015 को लुकआउट सर्कुलर जारी कर सीबीआई ने कहा था कि यदि माल्या देश छोड़ने का प्रयास करते हैं तो एक्जिट पॉइंट पर उन्हें हिरासत में ले लिया जाएगा। करीब एक महीने बाद ही नवंबर में एजेंसी ने संशोधित सर्कुलर में आव्रजन ब्यूरो से कहा कि वह उसे माल्या के विदेश जाने तथा यात्रा योजना की जानकारी उपलब्ध कराए। इस बीच सूत्रों ने बताया कि उद्योगपति विजय माल्या दो मार्च को विदेश जाने से पहले कम से कम चार बार विदेश यात्रा पर गए थे। सीबीआई ने उनकी गतिविधियों की निगरानी के लिए 16 अक्तूबर को लुकआउट नोटिस जारी किया था। इस निगरानी नोटिस के बाद माल्या चार बार विदेश जा चुके हैं।

नई दिल्ली (जनादेश ब्यूरो): मंत्रिमंडल ने आज (गुरूवार) गरीब परिवार की महिला सदस्यों को मुफ्त रसोई गैस (एलपीजी) कनेक्शन मुहैया कराने के लिए 8,000 करोड़ रपए की योजना को मंजूरी दी। पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने यहां यह जानकारी दी। उन्होने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता वाले मंत्रिमंडल ने तीन साल के लिए 8,000 के परिव्यय वाली प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना को मंजूरी दी। इस योजना का लक्ष्य है गरीबी रेखा से नीचे के परिवारों को युद्ध-स्तर पर एलपीजी कनेक्शन मुहैया कराना। वित्त मंत्री अरण जेटली ने 2016-17 के बजट में यह कहते हुए योजना की घोषणा की थी कि रसोई गैस गरीबों को नहीं मिलती है। उन्होंने बजट भाषण में कहा था, ‘‘भारत की महिलाओं को खाना बनाते समय धुएं से जूझना पड़ता है। विशेषज्ञों के मुताबिक रसोई में खुली आग के धुएं में एक घंटे बैठने का मतलब है 400 सिगरेट का धुआं सूंघना।

नई दिल्ली (जनादेश ब्यूरो): इशरत जहां मामले में पिछली संप्रग सरकार पर फ्लिप फ्लॉप करने का आरोप लगाते हुए केंद्र की मोदी सरकार ने गुरुवार को कहा कि ऐसा करना गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी को बदनाम करने और फंसाने की गहरी साजिश का हिस्सा था और मामले की तह तक जाकर इस बारे में अंतिम निर्णय किया जाएगा। गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि गृह मंत्रालय इस बात की जांच कर रहा है कि इशरत को पहले आतंकी बताने और बाद में उससे पीछे हट जाने संबंधी दो हलफनामे किन परिस्थितियों में दाखिल किए गए। उन्होंने यह भी बताया कि इस मामले में कुछ दस्तावेज लापता हैं। लेकिन मंत्रालय के स्तर पर आंतरिक छानबीन की जा रही है और सारे तथ्य एकत्रित किये जा रहे हैं जिसके बाद सोच-समझकर अंतिम निर्णय पर पहुंचा जाएगा। लोकसभा में कुछ सदस्यों द्वारा इशरत जहां मामले से सबंधित शपथपत्र में कथित फेरबदल के बारे में पेश ध्यानाकर्षण प्रस्ताव पर चर्चा के जवाब में सिंह ने यह बातें कहीं। उन्होंने कहा, पिछली संप्रग सरकार ने इस तथ्य पर पर्दा डालने का प्रयास किया कि इशरत जहां लश्कर ए तैयबा ऑपरेटिव थी, हालांकि अपने पहले हलफनामे में उसने यह बात स्वीकार की थी लेकिन एक महीने बाद ही उस हलफनामे को बदल दिया।

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