नई दिल्ली (जनादेश ब्यूरो): पूर्व लोकसभा अध्यक्ष एवं पूर्वोत्तर के नेता पी ए संगमा के निधन पर राज्यसभा में आज उन्हें श्रद्धांजलि दी गई। संगमा का चार मार्च को नयी दिल्ली में rदयाघात से निधन हो गया था। वह 68 वर्ष के थे। सदन की बैठक शुरू होने पर सभापति हामिद अंसारी ने संगमा के निधन का जिक्र करते हुए कहा कि सितंबर 1947 को जन्मे संगमा ने पूर्वोत्तर क्षेत्र के विकास के लिए अथक प्रयास किया था। एक प्रोफेसर, वकील और पत्रकार संगमा कई सामाजिक संगठनों से जुड़े और पिछड़ों, आदिवासियों तथा समाज के वंचित वर्गो के उत्थान के लिए काम किया। उन्होंने कहा कि कई अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भारत का प्रतिनिधित्व कर चुके संगमा ने शैक्षिक संस्थानों, खास कर पूर्वोत्तर में शिक्षा के विकास में अहम योगदान दिया था। अंसारी ने कहा कि मेघालय के मुख्यमंत्री रह चुके संगमा नौ बार लोकसभा के लिए निर्वाचित हुए और 1996..98 में लोकसभा के स्पीकर चुने गए थे।
सभापति ने कहा कि संगमा के निधन से देश ने एक समर्पित समाज सुधारक, एक मुखर राजनीतिज्ञ और एक उत्कृष्ट नेता को खो दिया है। इसके बाद सदन में मौजूद सदस्यों ने दिवंगत नेता की स्मृति में कुछ पल का मौन रखा।