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नई दिल्ली: जेएनयू प्रकरण के बाद देश में राष्ट्रवाद को लेकर छिड़ी बहस की पष्ठभूमि में देश के प्रमुख मुस्लिम संगठन जमीयत उलेमा-ए-हिंद ने आज कहा कि एक खास नजरिये को थोपने की कोशिश हो रही है जो देश के लिए खतरनाक है और वो लोग राष्ट्रवाद का संदेश दे रहे हैं जिन्होंने भारत की आजादी में कोई कुर्बानी नहीं दी है। जमीयत के अध्यक्ष मौलाना अरशद मदनी ने कहा, राष्ट्रवाद पर बहस कौन लोग कर रहे हैं। ये बहस वो लोग कर रहे हैं जिन्होंने इस देश की आजादी और इसे बनाने में कोई कुर्बानी नहीं दी है। इस तरह की कोशिश हो रही है कि एक खास जेहन के लोगों को राष्ट्रवादी बताया जाए और इस जेहन का विरोध करने वालों को देशद्रोही बताया जाए। उन्होंने कहा, हमारा यह मानना है कि पूरे देश में एक खास नजरिए को थोपने की कोशिश हो रही है जो हमारे देश के लिए बहुत खतरनाक है। इसके खिलाफ सभी को मिलकर आवाज उठानी होगी और देश में अमन एवं भाईचारा बढ़ाने की ज्यादा से ज्यादा कोशिश करनी होगी। जमीयत अध्यक्ष ने यह भी आरोप लगाया कि देश के मौजूदा माहौल में कमजोर तबकों खासकर अल्पसंख्यकों और दलितों को निशाना बनाया जा रहा है। उन्होंने कहा, देश के जो मौजूदा हालात हैं उनमें कमजोर तबकों खासकर अल्पसंख्सकों और दलितों को निशाना बनाया जा रहा है। यह स्थिति गंभीर है।

नई दिल्ली: जेएनयू के घटनाक्रम पर हाल में तीखी प्रतिक्रिया जता चुके विश्व विचारक एवं विद्वान नोआम चोम्सकी मानते हैं कि आजादी और मानवाधिकार का ख्याल करने वाले देशों के बीच भारत की छवि लगातार गिर रही है। चोम्सकी ने अमेरिका से ईमेल साक्षात्कार में कहा, ‘असहिष्णुता की बहस सिर्फ भारत तक सीमित नहीं है। हर जगह बहुत असहिष्णुता है। मानवाधिकार, आजादी और न्याय से सरोकार रखने वाले लोगों के बीच भारत की छवि लगातार गिर रही है।’ मेसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (एमआईटी) के भाषा-विज्ञान एवं दर्शन के 87 वर्षीय एमेरिट्स प्रोफेसर ने कहा, ‘अकादमीय आजादी राजनीतिक आजादी और लोकतंत्र की समग्र हैसियत की एक प्रमुख सूचक है। सार्वजनिक उच्चतर शिक्षा प्रणाली में निजीकरण में इजाफा पूरी दुनिया में इन आजादियों को कमजोर कर रहा है।’

नई दिल्ली: अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (एएमयू) के कुलपति लेफ्टिनेंट जनरल जमीर उद्दीन शाह के नेतृत्व में विश्वविद्यालय के एक प्रतिनिधिमंडल ने शनिवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से मुलाकात की और इसके अल्पसंख्यक दर्जा को बहाल रखने में एनडीए सरकार के समर्थन की मांग की। प्रतिनिधिमंडल ने कहा कि इसका उन अल्पसंख्यकों पर अच्छा असर पड़ेगा जो उत्तेजित हैं और जिनके मन में आशंका है कि उनके अधिकारों का हनन हो रहा है। विश्वविद्यालय के तीन 'ऑफ कैम्पस' (मुख्य परिसर से बाहर) केंद्रों - केरल, पश्चिम बंगाल और बिहार में कथित तौर पर अवैध रूप से स्थापित किए जाने का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि इनकी मंजूरी विश्वविद्यालय की सर्वोच्च नीति निर्माण इकाई, भारत सरकार और राष्ट्रपति ने दी थी। करीब 40 मिनट की मुलाकात के बाद शाह ने प्रधानमंत्री से मुलाकात पर संतोष जाहिर किया। वह मुस्लिम समुदाय के कुछ प्रमुख सदस्यों के पांच सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व कर रहे थे।

नई दिल्ली (जनादेश ब्यूरो): लश्कर-ए-तैयबा के दस आतंकवादियों के समंदर के रास्ते गुजरात में घुसपैठ करने की खबर के बाद गुजरात में हाई अलर्ट जारी कर दिया गया है। महाशिवरात्रि के मौके पर आतंकवादी किसी बड़ी वारदात को अंजाम दे सकते हैं। यह जानकारी पाकिस्तान के सुरक्षा सलाहकार नासिर ख़ान जंजुआ ने भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल को दी है। पाकिस्तान की तरफ़ से मिली जानकारी के बाद गुजरात में अलर्ट जारी कर दिया गया है। सुरक्षा एजेंसियों का मानना है कि आतंकी सोमवार को महाशिवरात्रि के मौके पर वारदात को अंजाम देने की फिराक में हैं। एनएसजी की टीम अहमदाबाद पहुंच गई है। गुजरात पुलिस की इंटेलिजेंस विंग को भी अलर्ट कर दिया गया है और जगह-जगह तलाशी अभियान चलाया जा रहा है। बड़े धार्मिक स्थलों समेत राज्य की महत्वपूर्ण जगहों पर सुरक्षा बढ़ा दी गई है। पाकिस्तान की तरफ़ से यह भी जानकारी दी गई है कि ये आतंकी लश्कर ए तैयबा और जेश ए मोहम्मद के हैं। अलर्ट के बाद गुजरात में डीजीपी की अगुवाई में हाई लेवल मीटिंग की गई जिसके बाद पुलिस अधिकारियों की छुट्टियों को रद्द कर दिया गया है।

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