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गाजियाबाद: टी20 विश्व कप के लिए पाकिस्तानी क्रिकेट टीम की सुरक्षा को लेकर चिंता व्यक्त करने के बीच गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने आज (शुक्रवार) कहा कि भारत ने हमेशा ही विदेशियों की सुरक्षा सुनिश्चित की है और इस बारे में कोई संदेह नहीं होना चाहिए। सिंह ने यहां केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसएफ) के 47वें स्थापना दिवस समारोह के इतर कहा, ‘जो कोई भी भारत आएगा उसे सुरक्षा दी जाएगी। पाकिस्तान ही नहीं बल्कि किसी भी देश के उस प्रत्येक नागरिक को सुरक्षा दी जाएगी जो भारत आएगा। इस संबंध में कोई संदेह नहीं होना चाहिए।’ सुरक्षा चिंताओं के बाद चिर प्रतिद्वंद्वी भारत और पाकिस्तान के बीच विश्व ट्वंटी20 मैच का स्थल धर्मशाला से कोलकाता स्थानांतरित कर दिया गया है लेकिन पाकिस्तानी टीम की रवानगी भारत सरकार से चाक चौबंद सुरक्षा का भरोसा मिलने तक रूकी हुई है। गृह राज्य मंत्री किरन रिजीजू ने कल कहा था कि भारत पाकिस्तानी टीम को सुरक्षा मुहैया कराने को प्रतिबद्ध है। रिजीजू ने कहा, ‘हमने पुख्ता इंतजाम किया है, यह मुहैया कराना हमारा कर्तव्य है और पाकिस्तान को इस संबंध में कोई संदेह नहीं होना चाहिए। जरूरत के मुताबिक सुरक्षा मुहैया करायी जाएगी। यदि पाकिस्तानी टीम को विशेष सुरक्षा की जरूरत होगी, उन्हें वह मुहैया करायी जाएगी।’

नई दिल्ली: दिल्ली की एक अदालत ने आज (शुक्रवार) नेशनल हेराल्ड मामले में भाजपा नेता सुब्रमण्यम स्वामी की ओर से दायर एक याचिका स्वीकार कर ली और भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के 2010-11 के वित्तीय विवरण से संबंधित कुछ दस्तावेज तलब किए। मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट लवलीन ने स्वामी की उस याचिका को आंशिक रूप से स्वीकार कर लिया जिसमें उन्होंने कांग्रेस, एसोसिएटेड जर्नल्स प्राइवेट लिमिटेड (एजेएल) और यंग इंडियन प्राइवेट लिमिटेड (वाईआई) के वित्तीय विवरण से संबंधित दस्तावेजों को तलब करने की मांग की थी। कांग्रेस के साल 2010-11 के दस्तावेज के अलावा अदालत ने इसी वित्तीय वर्ष के ऐजेएल के दस्तावेज भी मांगे हैं। स्वामी ने इन दस्तावेजों को तलब करने की मांग करते हुए दलील दी थी कि नेशनल हेराल्ड मामले की जांच में इनकी जरूरत है। उन्होंने 26 जून, 2014 के अदालत के उस आदेश का हवाला दिया जिसमें कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, उपाध्यक्ष राहुल गांधी, मोतीलाल वोरा, ऑस्कर फर्नांडीस, सुमन दुबे और सैम पित्रोदा को इस मामले में बतौर आरोपी सम्मन किया गया था।

नई दिल्ली: कांग्रेस ने शुक्रवार को आरोप लगाया कि इशरत जहां मामले में कल लोकसभा में ‘एकतरफा चर्चा’ करके उसने नेतृत्व और पूर्ववर्ती संप्रग सरकार पर अनाप-शनाप आरोप लगाए गए। उसने मांग की कि कांग्रेस की ओर से भी अपनी बात रखने का मौका दिया जाए। सरकार ने हालांकि उसके आरोप को खारिज करते हुए कहा कि जब कांग्रेस की ओर से ही चर्चा में भाग लेने का किसी ने नोटिस नहीं दिया तो इसमें लोकसभा अध्यक्ष या सरकार क्या कर सकती है। प्रश्नकाल के बाद सदन में कांग्रेस के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने यह मामला उठाया। उन्होंने आरोप लगाया, ‘इशरत जहां मामले पर विपक्ष को नहीं बोलने दिया गया। सरकार ने पक्षपातपूर्ण चर्चा कराई और कांग्रेस तथा उसे नेतृत्व पर बेबुनियाद आरोप लगाए। एकतरफा चर्चा में कांग्रेस नेतृत्व और पूर्ववर्ती संप्रग सरकार पर गढ़े हुए अनाप शनाप आरोप लगाए गए।’ उन्होंने अध्यक्ष सुमित्रा महाजन से आग्रह किया कि कल ध्यानाकर्षण प्रस्ताव के तहत हुई चर्चा में भाजपा सदस्यों और सरकार की ओर से लगाए गए कथित बेबुनियाद आरोपों का जवाब देने के लिए कांग्रेस को आज अपना पक्ष रखने का अवसर दिया जाना चाहिए।

नई दिल्ली (जनादेश ब्यूरो): आधार बिल 2016 को शुक्रवार को लोकसभा में धनसंबंधी विधेयक की तरह पारित कर दिया गया है। संसद के निचले सदन में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी के पास खासा बहुमत है, इसलिए विपक्ष ने राज्यसभा के महत्व को कम करने की साज़िश का आरोप लगाया है। दरअसल, अगर कोई विधेयक धनसंबंधी विधेयक के रूप में लोकसभा द्वारा पारित किया जाता है, तो संसद का उच्च सदन अथवा राज्यसभा उस पर केवल चर्चा कर सकती है, उसमें संशोधन नहीं कर सकती। इसके अलावा राज्यसभा को धनसंबंधी बिल पर चर्चा भी तुरंत करनी पड़ती है, क्योंकि यदि राज्यसभा में पेश किए जाने के 14 दिन के भीतर चर्चा नहीं होती है, तो उसे 'पारित मान' लिया जाता है। विपक्ष का कहना है कि सरकार राज्यसभा को 'अनावश्यक' बनाने की कोशिश कर रही है, क्योंकि वहां वह अल्पमत में है, और उनके लिए बिलों को पारित कराना कठिन है। विधेयक के संबंध में लोगों की गोपनीयता सार्वजनिक होने और दुरूपयोग किये जाने की कुछ सदस्यों की आशंकाओं को खारिज करते हुए वित्त मंत्री अरूण जेटली ने कहा कि इसका एकमात्र उद्देश्य आम लोगों, गरीबों तक कल्याण योजनाओं का लाभ पहुंचाना है।

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