नई दिल्ली: दिल्ली की एक अदालत ने आज (शुक्रवार) नेशनल हेराल्ड मामले में भाजपा नेता सुब्रमण्यम स्वामी की ओर से दायर एक याचिका स्वीकार कर ली और भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के 2010-11 के वित्तीय विवरण से संबंधित कुछ दस्तावेज तलब किए। मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट लवलीन ने स्वामी की उस याचिका को आंशिक रूप से स्वीकार कर लिया जिसमें उन्होंने कांग्रेस, एसोसिएटेड जर्नल्स प्राइवेट लिमिटेड (एजेएल) और यंग इंडियन प्राइवेट लिमिटेड (वाईआई) के वित्तीय विवरण से संबंधित दस्तावेजों को तलब करने की मांग की थी। कांग्रेस के साल 2010-11 के दस्तावेज के अलावा अदालत ने इसी वित्तीय वर्ष के ऐजेएल के दस्तावेज भी मांगे हैं। स्वामी ने इन दस्तावेजों को तलब करने की मांग करते हुए दलील दी थी कि नेशनल हेराल्ड मामले की जांच में इनकी जरूरत है। उन्होंने 26 जून, 2014 के अदालत के उस आदेश का हवाला दिया जिसमें कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, उपाध्यक्ष राहुल गांधी, मोतीलाल वोरा, ऑस्कर फर्नांडीस, सुमन दुबे और सैम पित्रोदा को इस मामले में बतौर आरोपी सम्मन किया गया था।
इस मामले में शिकायतकर्ता स्वामी ने कहा था कि इन दस्तावेजों को तलब करने के पर्याप्त आधारों का उल्लेख 26 जून, 2014 के आदेश में था। अदालत ने साल 2010-11, 2011-12 और 2012-13 के वषरें के लिए कांग्रेस, ऐजेएल और वाईआई की बैलेंस शीट, रसीद, आय एवं खर्च के विवरण तलब करने को लेकर स्वामी की दलीलों पर सुनवाई की थी। स्वामी ने सोनिया, राहुल और दूसरों पर नेशनल हेराल्ड मामले में वित्तीय अनियमितता का आरोप लगाया था।