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नई दिल्ली: राज्यसभा में 53 सदस्यों को विदाई देते हुए शुक्रवार को विभिन्न दलों के नेताओं ने विधायिका के अधिकारों में न्यायापालिका द्वारा कथित ‘अतिक्रमण’ पर चिंता जतायी तथा सदन के नेता एवं वित्त मंत्री अरुण जेटली ने भी माना कि देर सबेर इस मुद्दे पर विचार जरूरी होगा। सेवानिवृत्त होने जा रहे सदस्यों को शुभकामनाएं देते हुए समाजवादी पार्टी के नेता रामगोपाल यादव ने कहा कि न्यायपालिका द्वारा विधायिका के अधिकारों का अतिक्रमण को लेकर सांसद चिंतित हैं। उन्होंने कहा कि संसद ने विधायिका को कानून बनाने एवं बजट पारित करने का अधिकार दिया है। उन्होंने सरकार से मानसून सत्र में इस मुद्दे पर चर्चा करवाये जाने का सुझाव देते हुए कहा कि यदि न्यायपालिका यह करेगी तो हमारी प्रासंगिकता क्या रह जाएगी। यादव ने कहा कि संसदीय सम्मान, सर्वोच्चता एवं क्षमता को बरकरार रखना चाहिए। उन्होंने कहा कि संविधान ने स्पष्ट सीमाएं खींची हैं। उन्होंने कहा कि कुछ लोग राज्यसभा को दूसरा सदन नहीं बताकर दूसरे दर्जे का सदन बताते हैं किन्तु वास्तविकता यह नहीं है। इस सदन की विधायिका में महत्वपूर्ण भूमिका होती है। सपा नेता की बात का समर्थन करते हुए बसपा प्रमुख मायावती ने कहा कि हमें मिलकर काम करना चाहिए विशेषकर महत्वपूर्ण मुद्दों पर तथा राजनीतिक विचारधारा से ऊपर उठना चाहिए।
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नई दिल्ली: आध्यात्मिक गुरु और संत निरंकारी मिशन के प्रमुख बाबा हरदेव सिंह की कनाडा के मॉन्ट्रियल शहर में एक सड़क हादसे के दौरान मौत हो गई है। बाबा के दामाद ने इस बात की पुष्टि की है कि बाबा हरदेव का निधन सड़क हादसे में हुआ है। 25 अप्रैल को बाबा दिल्ली से रवाना हुए थे और न्यूयार्क के बाद कनाडा पहुंचे थे। संत निरंकारी बाबा की 27 देशों में 100 शाखाएं हैं। वह संत निरंकारी मिशन के प्रमुख थे। देश-दुनिया में उनको मानने वालों की संख्या लाखों में है। इस खबर के बाद इनमें शोक की लहर दौड़ गई है। परिवार भी सदमे में है। निरंकारी मिशन ने श्रद्धालुओ से दुःख की घड़ी में धैर्य की अपील की है और और उच्च कानूनी प्रक्रियाओं के बाद आगामी रूप रेखा तय होगी। बाबा हरदेव सिंह को वर्ष 1980 में संत निरंकारी मिशन के तत्कालीन प्रमुख तथा उनके पिता की हत्या के बाद मिशन प्रमुख बनाया गया था, जिसके बाद से वह 'सतगुरु' की उपाधि धारण करने लगे। 23 फरवरी, 1954 को दिल्ली में बाबा हरदेव सिंह का जन्म हुआ था और इस वक्त दुनिया भर में इनके एक करोड़ से ज़्यादा भक्त बताए जाते हैं। संत निरंकारी मिशन की दुनिया भर के 27 देशों में लगभग 100 शाखाएं हैं, तथा इनका मुख्यालय दिल्ली में है।
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नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने आपराधिक मानहानि की संवैधानिकता को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर फैसला सुनाते हुए कहा कि कानून बरकरार रहेगा। आईपीसी की धारा-499 व 500 को दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी और भाजपा नेता सुब्रह्मण्यम स्वामी ने चुनौती दी थी, जिनकी याचिका को सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया। याचिकाकर्ताओं की दलील थी कि आईपीसी का उक्त प्रावधान संविधान से मिले अभिव्यक्ति के अधिकार का उल्लंघन करता है। इस कानून के तहत दोषी पाए जाने पर दो साल की सजा का प्रावधान है। मामले की सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि अगर कोई पॉलिसी किसी को पसंद नहीं है तो उसकी आलोचना मानहानि के दायरे में नहीं है। भारतीय संविधान में सभी को बोलने व अभिव्यक्ति का अधिकार मिला है, ऐसे में आलोचना में कुछ भी गलत नहीं, लेकिन ऐसी कोई भी आलोचना, जिससे किसी व्यक्ति विशेष के सम्मान को ठेस पहुंचे, तो वह मानहानि के दायरे में होगा। सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि आलोचना की एक सीमा होती है। वह कानून के दायरे में होनी चाहिए, लेकिन अगर किसी की छवि खराब करने के लिए ऐसा किया जाता है तो मानहानि माना जाएगा। वहीं याचिकाकर्ता व दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल की ओर से दलील दी गई थी कि उक्त प्रावधान को खत्म किया जाना चाहिए, क्योंकि यह औपनिवेशिक कानून है और इसका दुरुपयोग हो रहा है। यह कानून बोलने की आजादी के अधिकार का हनन करता है, सो, इस पर विचार करने और इसे खत्म करने की जरूरत है। केंद्र सरकार और राज्यों की दलील थी कि मानहानि से संबंधित कानूनी प्रावधान सही हैं।
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नई दिल्ली: राज्यसभा से सेवानिवृत्त होने जा रहे सांसदों को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को कहा कि रिटायर हो रहे साथी याद किए जाएंगे। उन्होंने यह भी कहा कि अगर जीएसटी बिल आप लोगों के यहां रहते पारित हो जाता तो बेहतर फेयरवेल होता। सभापति की उपस्थिति में संसद के उच्च सदन से जा रहे सदस्यों का आभार व्यक्त करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि आप लोग हमारे लिए यहां से जाने के बाद भी वैसे ही रहेंगे, जैसे यहां रहे हैं। राज्यसभा के 53 सदस्य शुक्रवार को सेवानिवृत्त हो रहे हैं। इन सांसदों की विदाई के मौके पर मोदी ने कहा कि सरकार पर आपका हक हमेशा रहेगा। आपके सुझावों से कई नए कानून बने। सांसदों का अनुभव काम आएगा। इस सदन ने हमारी सोच को विस्तार दिया है और दोनों सरकारों को फायदा हुआ है। संसद के मौजूदा सत्र में जीएसटी और राष्ट्रीय मुआवजा वनीकरण कोष संबंधित विधेयकों के पारित नहीं होने पर चिंता जताते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि यदि जीएसटी विधेयक पारित हो जाता तो उत्तर प्रदेश एवं बिहार जैसे राज्यों को सबसे ज्यादा फायदा होता। मोदी ने कहा कि सेवानिवृत्त हो रहे साथी (राज्यसभा सांसद) याद किए जाएंगे। यदि जीएसटी बिल आप लोगों के यहां रहते पारित हो जाता तो बेहतर फेयरवेल होता। जीएसटी से फायदा होने वाला था। उनके प्रतिनिधित्व वाले राज्यों की जनता को उन पर गर्व होता। रिटायर हो रहे सदस्यों का आभार व्यक्त करते हुए मोदी ने कहा कि आप लोग हमारे लिए यहां से जाने के बाद भी वैसे ही रहेंगे, जैसे यहां रहे हैं।
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