नई दिल्ली: आध्यात्मिक गुरु और संत निरंकारी मिशन के प्रमुख बाबा हरदेव सिंह की कनाडा के मॉन्ट्रियल शहर में एक सड़क हादसे के दौरान मौत हो गई है। बाबा के दामाद ने इस बात की पुष्टि की है कि बाबा हरदेव का निधन सड़क हादसे में हुआ है। 25 अप्रैल को बाबा दिल्ली से रवाना हुए थे और न्यूयार्क के बाद कनाडा पहुंचे थे। संत निरंकारी बाबा की 27 देशों में 100 शाखाएं हैं। वह संत निरंकारी मिशन के प्रमुख थे। देश-दुनिया में उनको मानने वालों की संख्या लाखों में है। इस खबर के बाद इनमें शोक की लहर दौड़ गई है। परिवार भी सदमे में है। निरंकारी मिशन ने श्रद्धालुओ से दुःख की घड़ी में धैर्य की अपील की है और और उच्च कानूनी प्रक्रियाओं के बाद आगामी रूप रेखा तय होगी। बाबा हरदेव सिंह को वर्ष 1980 में संत निरंकारी मिशन के तत्कालीन प्रमुख तथा उनके पिता की हत्या के बाद मिशन प्रमुख बनाया गया था, जिसके बाद से वह 'सतगुरु' की उपाधि धारण करने लगे। 23 फरवरी, 1954 को दिल्ली में बाबा हरदेव सिंह का जन्म हुआ था और इस वक्त दुनिया भर में इनके एक करोड़ से ज़्यादा भक्त बताए जाते हैं। संत निरंकारी मिशन की दुनिया भर के 27 देशों में लगभग 100 शाखाएं हैं, तथा इनका मुख्यालय दिल्ली में है।
उनके निधन की ख़बर पर शोक व्यक्त करते हुए भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के प्रवक्ता शाहनवाज़ हुसैन ने ट्वीट करते हुए लिखा, "बाबा निरंकारी का जाना देश का बहुत बड़ा नुकसान है। वह लोगों की बहुत सेवा करते थे। मैं व्यक्तिगत रूप से उनके 'समागमों' का साक्षी बना हूं..."