नई दिल्ली: स्वराज अभियान ने आज (गुरूवार) छत्तीसगढ़ की भाजपा सरकार पर आरोप लगाया कि उसने अगस्ता वेस्टलैंड का हेलीकॉप्टर खरीदने के लिए ‘संदेहपूर्ण ढंग से’ वैश्विक निविदा जारी की और इसमें दूसरे विकल्पों पर गौर किए बिना ‘30 फीसदी से अधिक’ का कमीशन दिया। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री रमन सिंह ने इन आरोपों से इंकार किया है और कहा है कि ये आरोप राजनीति से प्रेरित है। स्वराज अभियान के संस्थापकों प्रशांत भूषण और योगेंद्र यादव ने दावा किया कि छत्तीसगढ़ की रमन सिंह सरकार ने हेलीकॉप्टर हासिल करने के लिए उस कंपनी को 15.7 लाख डॉलर बतौर कमीशन दिए, जिसका पंजीकरण कर चोरी की पनाहगाह माने जाने वाले ब्रिटिश वर्जिन आईलैंड में हुआ था।। दोनों ने अगस्ता वेस्टलैंड विवाद से रमन सिंह के पुत्र अभिषेक को जोड़ते हुए कहा कि अभिषेक ने 3 जुलाई, 2008 को क्वेस्ट हाइट्स लिमिटेड नामक कंपनी बनाई थी और इसके करीब छह महीने पहले राज्य सरकार की ओर से ‘शार्प ओशन’ नामक एजेंट कंपनी को भारी-भरकम भुगतान किया गया था। इस मामले की जांच के लिए राजग सरकार की ‘तत्परता’ का स्वागत करते हुए भूषण और यादव ने कहा कि राज्य सरकार की ओर से किए गए इस सौदे की जांच देश के प्रधान न्यायाधीश द्वारा सुझाए किसी पूर्व न्यायाधीश से कराई जाए। भूषण ने कहा, ‘वैश्विक निविदा जारी करने का पाखंड किया गया, जबकि निविदा में यह लिख दिया गया था कि कौन से मॉडल की खरीद की जानी है।
और दिलचस्प बात यह है कि अगस्ता वेस्टलैंड, इसके कमीशन एजेंट और इसके सेवा प्रदाता की बोलियां स्वीकार की गईं। इसके आधार पर अनुबंध को अंतिम रूप दिया गया।’ उन्होंने कहा, ‘हेलीकॉप्टर की कीमत 51 लाख डॉलर थी जिसे अगस्ता वेस्टलैंड को दिया गया और 15.7 लाख डॉलर का कमीशन ब्रिटिश वर्जिन आईलैंड आधारित कंपनी शार्प ओशन को दिया गया।’ छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री रमन सिंह ने राज्य में हेलीकाप्टर खरीद में भ्रष्ट्राचार होने के आरोपों से इंकार किया है और कहा है कि ये आरोप राजनीति से प्रेरित है। सिंह ने यहां संवाददाता सम्मेलन में कहा कि राज्य सरकार पर हेलीकाप्टर खरीद में भ्रष्ट्राचार का आरोप लगाना केवल राजनीति से प्रेरित है। आम आदमी पार्टी के पूर्व नेता प्रशांत भूषण अगस्ता मामले में कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं के उपर आरोप लगा कर मुददे से भटकाने का प्रयास कर रहे हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि अगस्ता वेस्टलैंड मामले में कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं के उपर लगातार आरोप लग रहे हैं। ऐसे समय में भाजपा शासित प्रदेश के उपर भी भ्रष्ट्राचार का आरोप लगाया जा रहा है, जो केवल राजनीति से प्रेरित ही है। संवाददाताओं ने जब सिंह से सवाल किया कि क्या वह इस मामले में प्रशांत भूषण पर किसी प्रकार की कानूनी कार्रवाई करंेगे, तब उन्होंने कहा कि इस संबंध में वह वकीलों की राय लेंगे। सिंह ने कहा कि राज्य शासन ने पूरी पारदर्शी प्रक्रिया के तहत यहां हेलीकाप्टर की खरीद की है और इसके लिए यहां बनी तकनीकि समिति ने अपनी राय दी थी। तकनीकि समिति की अनुमति के बाद ही हेलीकाप्टर की खरीद की गई। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस मामले में आरोपों के लिए नियंत्रक महालेखापरीक्षक :सीएजी: की रिपोर्ट को आधार बनाया जा रहा है। जबकि सीएजी ने हेलीकाप्टर खरीदी में 65 लाख रूपए अतिरिक्त व्यय किए जाने को लेकर टिप्पणी की है। झारखंड सरकार ने अगस्ता हेलीकाप्टर की खरीद वर्ष 2006 में की थी और छत्तीसगढ़ सरकार ने यह खरीद वर्ष 2007 में की थी। हेलीकाप्टर कंपनी ने छत्तीसगढ़ सरकार के लिए हेलीकाप्टर का रेट बढ़ा दिया। जिसके बाद पारदर्शी तरीके से हेलीकाप्टर की खरीद की गई।