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संविधान ने देश में बदलाव लाने में उल्लेखनीय मदद की: सीजेआई खन्ना

नई दिल्ली: भाजपा के फायर ब्रांड नेता और राज्यसभा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर रघुराम राजन को देश के अनुकूल नहीं बताते हुए कहा है कि उनकी गलत मौद्रिक नीतियों के कारण ही देश में बेरोजगारी बढ़ी है और छोटे तथा मझौले उद्योग बंद होने के कगार पर पहुंच गए हैं। स्वामी ने आज यहां संसद परिसर में पत्रकारों से कहा कि मुद्रास्फीति नियंत्रित करने के नाम पर जिस तरह से राजन ने ब्याज दरें बढ़ाई हैं उससे अर्थव्यवस्था बुरी तरह प्रभावित हुई है। उन्होंने कहा, 'जितनी जल्दी हो सके राजन को उनके पद से मुक्त करके शिकागो भेज दिया जाना चाहिए।' भाजपा नेता ने कहा, 'राजन भारतीय व्यवस्था के अनुकूल नहीं हैं जितनी जल्दी हो सके उन्हें शिकागो भेज दिया जाना चाहिए।' उन्होंने कहा कि भले ही राजन का कार्यकल सितंबर में खत्म हो रहा हो फिर भी उतनी देर भी प्रतीक्षा करने की जरूरत नहीं है उन्हें तत्काल पदमुक्त कर दिया जाना चाहिए।

नई दिल्ली: दिवंगत पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी अपने पुत्र संजय गांधी का निधन होने के बाद चाहती थीं कि उनकी छोटी बहू राजनीति में उनकी मदद करे लेकिन मेनका ऐसे लोगों के साथ थीं जो राजीव के विरोधी थे। ‘हालांकि दिवंगत प्रधानमंत्री का सोनिया के प्रति अनुराग अधिक था लेकिन संजय की मौत के बाद उनका झुकाव मेनका की ओर भी हो गया था।’ यह बात इंदिरा गांधी के निजी चिकित्सक के पी माथुर ने अपनी नयी किताब ‘द अनसीन इंदिरा गांधी’ में कही है। कोणार्क प्रकाशन द्वारा प्रकाशित इस किताब में कहा गया है ‘लेकिन इंदिरा का झुकाव मेनका को उनके करीब नहीं ला पाया। सोनिया आम तौर पर घरेलू मामलों का जिम्मा संभालती थीं जबकि राजनीतिक मामलों में प्रधानमंत्री मेनका के विचारों पर गौर करती थीं क्योंकि मेनका की राजनीतिक समझ अच्छी थी।’ सफदरजंग अस्पताल के पूर्व चिकित्सक माथुर ने करीब 20 साल तक दिवंगत प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के चिकित्सक के तौर पर काम किया और वह हर सुबह इंदिरा से मिलते थे। यह सिलसिला वर्ष 1984 में इंदिरा का निधन होने तक चला। इंदिरा के साथ अपने अनुभवों को ही डा. माथुर ने किताब की शक्ल दी है। किताब में दावा किया गया है कि संजय गांधी के निधन के कुछ ही साल बाद मेनका ने हालात से सामंजस्य स्थापित करने के बजाय प्रधानमंत्री आवास छोड़ दिया।

नई दिल्ली: शराब कारोबारी विजय माल्या पर शिकंजा कसने के लिए प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने इंटरपोल से मदद मांगी है। प्रवर्तन निदेशालय ने 9000 करोड़ से अधिक का बैंक कर्ज लेकर देश से भागे विजय माल्या के खिलाफ रेड कॉर्नर नोटिस जारी करने के लिए इंटरपोल से अपील की है। माल्या के खिलाफ रेड कॉर्नर नोटिस और गिरफ्तारी को लेकर सीबीआई मुख्यालय में भी एक पत्र भेजा गया है। गौरतलब है कि ईडी मनी लांड्रिंग निरोधक कानून (पीएमएलए) के आपराधिक प्रावधानों के तहत संपत्ति को कुर्क करने के लिये देश भर में माल्या की संपत्ति की पहचान तथा उसके मूल्यांकन की प्रक्रिया शुरू कर चुका है। उसने कहा कि ईडी माल्या के विभिन्न कंपनियों के शेयरों को कुर्क करने के अपने कदम के बारे में बाजार नियामक भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड यानी सेबी को सूचित करेगा ताकि ‘थर्ड पार्टी’ अधिकार सृजित हो। प्रवर्तन निदेशालय के अधिकारियों ने कहा कि कुर्क की जाने वाली संपत्ति के मूल्य का जो शुरूआती आकलन किया गया है, उसके तहत वह करीब 9000 करोड़ रुपये है। यह माल्या के उपर बैंकों के बकाये के बराबर है। मामले की जांच कर रहे ईडी के अधिकारियों ने माल्या के बंगले, महंगी गाड़ियां, बैंक खाते तथा अन्य संपत्ति के मूल्य का आकलन पहले ही कर चुके हैं।

नई दिल्ली: नाइजीरिया में समुद्री लुटेरों द्वारा अगवा किए गए मरीन इंजीनियर संतोष कुमार भारद्वाज 46 दिन बाद बुधवार की रात मंडुवाडीह स्थित अपने घर पहुंचे। पत्नी समेत पूरा परिवार उन्हें लेने के लिए बाबतपुर एयरपोर्ट गया था। उनकी रिहाई पर विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने ट्वीट कर खुशी जाहिर की है। उन्होंने कहा कि मुझे सूचित करते हुए अत्यंत खुशी है कि संतोष भारद्वाज नाइजीरिया में समुद्री डाकुओं से छूट गए हैं। परिवार के लोगों ने भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और सुषमा स्वराज का आभार जताया है। विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने बुधवार को ट्वीट कर संतोष के रिहा होने की जानकारी दी। सुषमा ने कहा, मुझे सूचित करते हुए अत्यन्त खुशी हो रही है कि संतोष भारद्वाज नाइजीरिया में समुद्री डाकुओं से छूट गए हैं। इसके उपरांत दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने ट्वीट कर कहा, सुषमा जी बेहतरीन काम कर रही हैं। मंडुवाडीह के राजतिलक नगर के रहने वाले संतोष भारद्वाज सिंगापुर के ट्रांस ओशन लिमिटेड में मरीन इंजीनियर हैं। संतोष कच्चे तेल से लदा शिप लेकर नाइजीरिया से गुजर रहे थे।

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