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नई दिल्ली: कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर मध्य प्रदेश सरकार के स्वास्थ्य विभाग में कथित रिश्वतखोरी की ओर उनका ध्यान खींचा और इस गड़बड़ी के लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कार्रवाई किए जाने की मांग की। सिंह ने मोदी को लिखे पत्र में राज्य स्वास्थ्य विभाग में कथित भ्रष्टाचार, ‘नकली दवाओं’ की बिक्री’ और ‘खराब गुणवत्ता’ वाले चिकित्सकीय उपकरणों के मामले की जांच और ‘गड़बड़ी करने वालों’ के खिलाफ कार्रवाई किए जाने मांग की। सिंह ने पत्र में लिखा, ‘मुझे भरोसा है कि आप (मोदी) इसकी जांच कराएंगे और तत्काल कार्रवाई करेंगे। आखिरकार आपने ‘ना खाउंगा ना खाने दूंगा’ का वादा किया है। आपने व्यापमं घोटाले में हमारी ओर से विरोध दर्ज कराए जाने के बावजूद कोई कार्रवाई नहीं की। हम इस मामले में आपकी प्रतिक्रिया का इंतजार करेंगे।’
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वाराणसी: राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने गुरुवार को जोर देते हुए कहा कि सरकार को शोध पर और निवेश करना चाहिए। उन्होंने कहा कि हम खोखले दावे या नारे से प्रतिस्पर्धा नहीं कर सकते क्योंकि प्रदर्शन सुधारने के लिए और बुनियादी काम करने की जरूरत है। उन्होंने यहां बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय (बीएचयू) के शताब्दी समारोह को संबोधित करते हुए शिक्षा क्षेत्र में निवेश की जरूरतें पूरी करने के लिए विभिन्न प्रतिस्पर्धी मांगों और संसाधनों के बीच संतुलन बनाने की अपील की। राष्ट्रपति ने कहा, 'मैं अपनी सरकार से अपील करता हूं कि वह कृपया शोध में और निवेश करे। हम खोखले दावे या नारे से प्रतिस्पर्धा नहीं कर सकते, हमें मजबूती से अपना प्रदर्शन सुधारना चाहिए जिसके लिए हमें विज्ञान में और शोध और बुनियादी काम करने की जरूरत है।' उन्होंने कहा कि शोध क्षेत्र में जीडीपी का केवल 0.6 प्रतिशत निवेश जापान के तीन प्रतिशत, अमेरिका के 2.8 प्रतिशत और चीन के 2.2 प्रतिशत की तुलना में पर्याप्त नहीं है। मुखर्जी ने सुझाव दिया कि सार्वजनिक और निजी दोनों क्षेत्रों को शोध विकास एवं नवाचार में मजबूती से निवेश कर इसे शीर्ष राष्ट्रीय प्राथमिकता का क्षेत्र बनाना चाहिए। उन्होंने कहा कि शिक्षा क्षेत्र का भौतिक विस्तार करना भर पर्याप्त नहीं है और छात्रों में वैज्ञानिक सोच का विकास कर शिक्षा की गुणवत्ता पर ध्यान देने की जरूरत है। राष्ट्रपति ने सभ्यता के मूल मूल्यों के महत्व का हवाला देते हुए सबके लिए सद्भाव, करूणा और प्रेम पर जोर दिया।
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जेनेवा: देश की राजधानी दिल्ली अब दुनिया के सबसे प्रदूषित शहरों में नहीं है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्लूएचओ) की ओर से जारी किए गए आंकड़ों में यह खुलासा हुआ है। वैसे, आंकड़ों के अनुसार, अभी भी दुनिया के पांच सबसे खराब शहरों में से चार भारत में हैं। इनमें ग्वालियर, इलाहाबाद, पटना और रायपुर शामिल हैं। इन आंकड़ों के अनुसार प्रति घनमीटर हवा में पार्टिक्युलेट मैटर (पीएम) की मात्रा 2.5 माइक्रोग्राम के स्तर के नीचे पाई गई है। नई दिल्ली को सर्वे में नौवां सबसे खराब शहर आंका गया है। सर्वे में ईरान के जाबोल शहर को सबसे गंदी हवा वाला माना गया। इस शहर में गर्मी के मौसम में महीनों धूलभरे तूफान आते हैं। सूची में अगले चार शहर भारत के हैं। ग्वालियर को दूसरा, इलाहाबाद को तीसरा, पटना को चौथा और रायपुर को चौथा सबसे गंदी हवा वाला शहर आंका गया है। लंबे समय तक अति सूक्ष्म पीएम के संपर्क में रहने से फेफड़े के कैसर, हृदयाघात और हृदय से जुड़ी अन्य बीमारियों के होने का खतरा रहता है।डब्लूएचओ के अनुसार, वायु प्रदूषण के कारण हर वर्ष दुनिया में 70 लाख लोगों की अकालमौत होती है, इसमें से करीब तीन लाख मौतें आउटडोर एयर क्वालिटी के कारण होती हैं। गौरतलब है कि वर्ष 2014 में दिल्ली को सबसे प्रदूषित शहर माना गया था।
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नई दिल्ली: राज्यसभा की 57 सीटों के लिए द्विवाषिर्क चुनाव 11 जून को कराए जाएंगे। इसमें शराब व्यवसायी विजय माल्या द्वारा खाली की गई एक सीट भी शामिल है। चुनाव आयोग ने आज (गुरूवार) यह जानकारी दी। इन चुनावों के लिए अधिसूचना 24 मई को जारी की जाएगी। पंद्रह राज्यों से 55 सदस्यों का कार्यकाल जून और अगस्त के बीच पूरा हो रहा है। राजस्थान और कर्नाटक से एक-एक सीट क्रमश: आनंद शर्मा :कांग्रेस: और विजय माल्या :निर्दलीय: द्वारा खाली की गई है और इनके लिए भी चुनाव कराए जाएंगे। इन कुल 57 सीटों में से 14-14 सीटें भाजपा और कांग्रेस से जुड़ी हैं, जबकि छह सदस्य बसपा, पांच जदयू और तीन-तीन सपा, बीजद व अन्नाद्रमुक से हैं। दो-दो सदस्य द्रमुक, राकांपा और तेदेपा से हैं, जबकि एक सदस्य शिवसेना का है। माल्या एक निर्दलीय सदस्य थे जिन्होंने 5 मई को इस्तीफा दे दिया। जिन सदस्यों का कार्यकाल पूरा हो रहा है, उनमें केन्द्रीय मंत्री एम. वेंकैया नायडू, बिरेन्दर सिंह, सुरेश प्रभु, निर्मला सीतारमण, पीयूष गोयल और मुख्तार अब्बास नकवी, पूर्व मंत्री जयराम रमेश, जदयू नेता शरद यादव और वरिष्ठ अधिवक्ता राम जेठमलानी शामिल हैं।
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