- Details
नई दिल्ली: गृह मंत्रालय के अधिकारी जो चार दिन पहले सीबीआई द्वारा तलब किए जाने के बाद लापता हो गए थे उन्हें एजेंसी ने वित्तीय लाभ के लिए कई एनजीओ को मनमाने तरीके से एफसीआरए नोटिस कथित तौर पर जारी करने को लेकर उनके खिलाफ दर्ज मामले के सिलसिले में हिरासत में लिया। मंत्रालय में अवर सचिव आनंद जोशी से सीबीआई की विशेष अपराध शाखा के अधिकारी पूछताछ कर रहे हैं। जोशी बुधवार की सुबह गाजियाबाद के इंदिरापुरम स्थित अपने आवास से लापता हो गए थे। उन्हें पश्चिम दिल्ली के तिलक नगर इलाके से पकड़ा गया और पूछताछ के लिए सीबीआई मुख्यालय ले जाया गया। सीबीआई प्रवक्ता देवप्रीत सिंह ने कहा कि सीबीआई आरोपी का पता लगा रही है और 'सूचना के आधार पर कि वह पश्चिम दिल्ली इलाके में हैं शाम पांच बजे के करीब उन्हें हिरासत में लिया गया।' जोशी और कुछ अनाम लोगों के खिलाफ भ्रष्ट आचरण और मनमाने तरीके से विदेशी चंदा नियमन अधिनियम (एफसीआरए) के तहत पंजीकृत कई एनजीओ को नोटिस जारी करने में शामिल रहने को लेकर मामला दर्ज किया गया है। ये एनजीओ विदेशी चंदा हासिल करते थे और इसमें तीस्ता सीतलवाड का सबरंग ट्रस्ट भी शामिल है।
- Details
नई दिल्ली: कांग्रेस ने आज (रविवार) कहा कि 2008 के मालेगांव बम धमाके के मामले में एनआईए की ओर से दाखिल आरोप-पत्र ने आतंकवाद से मुकाबला करने की भारत की प्रतिबद्धता पर सवाल खड़े कर दिए हैं । कांग्रेस ने मांग की कि इस मामले की जांच की निगरानी सुप्रीम कोर्ट को करनी चाहिए । विपक्षी पार्टी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से कहा कि वह सुप्रीम कोर्ट को मामले की निगरानी करने दें और इस पर अपने संवैधानिक शपथ का मान रखें । वरिष्ठ कांग्रेस नेता आनंद शर्मा ने यहां संवाददाता सम्मेलन में कहा कि एनआईए का मतलब अब ‘नमो इंवेस्टिगेटिव एजेंसी’ हो गया है । उन्होंने यह भी कहा कि लगता है आरोप-पत्र का मकसद दिवंगत हेमंत करकरे की अगुवाई वाली मुंबई एटीएस की ओर से की गई ‘‘कुशल’’ जांच को ‘‘नुकसान पहुंचाना और पूरी तरह खत्म कर देना’’ है । शर्मा ने दावा किया कि एनआईए ने मकोका के तहत लगाए गए आरोप सिर्फ इस मंशा से हटाए ताकि एटीएस की ओर से दर्ज किए गए सभी बयान ऐसे हो जाएं कि उन्हें सबूतों के तौर पर स्वीकार ही न किया जाए । कांग्रेस नेता ने मांग की कि एनआईए की ओर से ‘‘अचानक अपना रूख पलट लेने’’ के कारण साध्वी प्रज्ञा सहित छह आरोपियों को मिली क्लीन चिट और बाकी आरोपियों के खिलाफ मकोका के तहत लगाए गए आरोप वापस ले लिए जाने से मामले के ‘‘कमजोर’’ होने के मद्देनजर मामले की जांच सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में होनी चाहिए । मालेगांव मामले में कांग्रेस ने सरकार पर एक बड़ा हमला बोला है। कांग्रेस का कहना है कि मालेगांव के आरोपियों को बचाने में ख़ुद प्रधानमंत्री दफ्तर लगा हुआ है। कांग्रेस ने कर्नल पुरोहित की तरफ से लिखी एक चिठ्ठी पेश कर इस मामले में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार की भूमिका पर भी सवाल उठाया है।
- Details
नई दिल्ली: नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने के करीब दो साल बाद उनकी मां हीरा बेन पहली बार यहां 7, रेसकोर्स रोड स्थित उनके आधिकारिक आवास पर आईं। हीरा बेन के गुजरात लौट जाने के बाद पीएम मोदी ने अपने ट्विटर अकाउंट से कुछ तस्वीरें सार्वजनिक कीं, जिसमें उन्हें अपनी मां को 7, रेसकोर्स रोड स्थित आवास के बगीचे की सैर कराते देखा जा सकता है। तस्वीरों के साथ मोदी ने ट्वीट किया, 'मेरी मां गुजरात लौट गईं। काफी लंबे समय के बाद उनके साथ अच्छा वक्त बिताया और वह भी उनके पहली बार आरसीआर आने पर।' तस्वीरों में हीरा बेन एक व्हील चेयर पर बैठी हैं, जबकि प्रधानमंत्री उन्हें अपने आवास की हरियाली और फूल दिखा रहे हैं। एक तस्वीर में पीएम मोदी ने कुर्ता, पायजामा और बंडी पहन रखी है, दोनों एक सोफे पर बैठे हैं और मोदी अपनी मां को एक गिलास थमाते दिख रहे हैं। हीरा बेन गुजरात के मेहसाणा जिले के एक छोटे से कस्बे वडनगर स्थित घर में रहती हैं।
- Details
नई दिल्ली: विदेश मंत्री सुषमा स्वराज को आज (रविवार) अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) से छुट्टी मिल गई। वह सीने में जकड़न और बुखार की शिकायत के चलते लगभग तीन हफ्ते से अस्पताल में भर्ती थीं। एम्स के निदेशक एमसी मिश्र ने बताया कि आज डॉक्टरों के एक समूह ने सुषमा की जांच के बाद उन्हें ठीक पाया जिसके बाद उन्हें छुट्टी दे दी गई। मिश्र ने कहा, ‘स्वराज का निमोनिया का उपचार किया गया और संक्रमण के चलते उन्हें गुर्दे में हल्की सी दिक्कत भी हुई। विशेषज्ञ चिकित्सकों के समूह ने उनका उपचार किया और चिकित्सकों द्वारा ठीक बताए जाने के बाद उन्हें छुट्टी दे दी गई।’ सुषमा (64) को सीने में जकड़न और बुखार की शिकायत के बाद 25 अप्रैल को एम्स में भर्ती कराया गया था। उनका उपचार अस्पताल के कार्डियो-न्यूरो केंद्र में चल रहा था। डॉक्टरों ने पूर्व में कहा था कि ऐसी संभावना है कि सुषमा अपनी यात्राओं के दौरान बहुत चरम तापमान की वजह से संक्रमण की चपेट में आ गईं।
- देश
- प्रदेश
- आलेख
- आप हारें तो ईवीएम खराब, जीते तो सब ठीक रहता है: सुप्रीम कोर्ट
- 'जम्मू-कश्मीर में पहली बार मनाया गया संविधान दिवस': पीएम मोदी
- बैलेट पेपर से चुनाव कराने के लिए देशभर में चलाएंगे अभियान: खड़गे
- 'संविधान, हमारे लोकतांत्रिक मूल्यों की आधारशिला': राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू
- संविधान ने देश में बदलाव लाने में उल्लेखनीय मदद की: सीजेआई खन्ना
- संविधान की प्रस्तावना में भी संशोधन कर सकती है संसदः सुप्रीम कोर्ट
- केंद्रीय कैबिनेट ने एग्रीकल्चर, रेलवे समेत कई प्रोजेक्टों को दी मंजूरी
- आरएसएस के मुखपत्र 'ऑर्गेनाइजर' ने की थी संविधान की आलोचना
- अडानी और संभल के मुद्दे पर हंगामे के कारण दोनों ही सदन स्थागित
- संसद के शीतकालीन सत्र में अडानी रिश्वत कांड़ पर हंगामें के आसार
- हाईकोर्ट ने राहुल की नागरिकता पर गृह मंत्रालय से मांगी स्टेटस रिपोर्ट
- 'रोज सफाईकर्मियों के साथ चाय-नाश्ता करें आप विधायक': केजरीवाल
- संभल में सर्वे के दौरान बीजेपी नेता लगा रहे थे भड़काऊ नारे: अखिलेश
- एकनाथ शिंदे ने दिया इस्तीफा, अब कौन होगा महाराष्ट्र का अगला सीएम
- दिल्ली में आज फिर एक्यूआई 400 पहुंचा, हाइब्रिड मोड में स्कूल क्लास
- हिंसक हुआ उदयपुर के पूर्व राजघराने का विवाद, पैलेस के बाहर पथराव
- ग्रैप में ढील: दिल्ली-एनसीआर में हाइब्रिड मोड पर खुलेंगे स्कूल-कॉलेज
- असम: केंद्र ने उल्फा पर फिर बढ़ाया अगले पांच वर्षों के लिए प्रतिबंध
- मणिपुर में अफस्पा कानून का विरोध शुरू, छह इलाकों में हुआ है लागू
- फडणवीस या शिंदे? मुख्यमंत्री पद को लेकर अभी भी फंसा हुआ है पेंच
- अमेरिका में एक ऐसा राज्य जो दूसरे देशों के लोगों के लिए है धनकुबेर!
- महाराष्ट्र और झारखंड़ चुनाव नतीजे तय करेंगे पीएम मोदी का भविष्य
- इंडोनेशिया में नई वीजा पॉलिसी के बाद विदेशी पर्यटकों की संख्या बढ़ी
- खूंखार इजरायली खुफिया एजेंसी "मोसाद" ऐसे देती है टारगेट को अंजाम
- झारखंड चुनाव में इस बार आदिवासी महिलाएं तय करेंगी सत्ता का ताज
- महाराष्ट्र:ओबीसी वोटरों की ताकत से किला फतह करना चाहती है बीजेपी
- धर्म निरपेक्ष दलों के समर्थन पर निर्भर होगी अब तीसरी मोदी सरकार
- अयोध्या, काशी और मथुरा वाले यूपी में मोदी को मिल रही है शिकस्त
- जाट लैंड पश्चिमी उत्तर प्रदेश में सत्तारूढ़ बीजेपी को नुकसान का संकेत
- लोकसभा सीटों का बंटवारा एनडीए के लिए भी कम सिरदर्द नहीं होगा