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नई दिल्ली: भाजपा संसदीय बोर्ड की बैठक में आनंदीबेन पटेल का इस्तीफा मंजूर कर लिया है। दरअसल, आनंदीबेन पटेल ने अपनी उम्र का हवाला देते हुए गुजरात के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था। आनंदीबेन पटेल आज (बुधवार) राज्यपाल से मुलाकात करके उन्हें इस्तीफा सौंपेंगी। वहीं गुजरात में भाजपा विधायक दल गुरुवार को अपना नेता चुनेंगे। इस बैठक में अमित शाह भी मौजूद होंगे। नितिन गडकरी और सरोज पांडे पर्यवेक्षक बनकर जाएंगे। सूत्रों के हवाले से जानकारी मिली है कि 5 तारीख को नए मुख्यमंत्री शपथ लेंगे। नए मुख्यमंत्री की दौड़ से अमित शाह के नाम को पार्टी ने आधिकारिक तौर पर ऐलान करके हटा दिया है। वेंकैया नायडू ने कहा कि अमित शाह राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं। वह मुख्यमंत्री नहीं बनेंगे। इस रेस में नितिन पटेल सबसे आगे हैं। वहीं गुजरात के भाजपा अध्यक्ष विजय रुपानी का नाम भी रेस में है, क्योंकि विजय रुपानी की संगठन में पकड़ अच्छी है। नितिन पटेल का उत्तरी गुजरात में जनाधार है, पटेल समाज में उनकी अच्छी पकड़ है पटेल आंदोलन के दौरान उन्होंने सरकार की ओर से बातचीत में अहम भूमिका निभाई थी। उनकी छवि ज़मीन से जुड़े नेता की है। नितिन पटेल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के क़रीबी हैं। वहीं विजय रुपानी साफ़ सुथरी छवि के नेता हैं। वह अमित शाह के क़रीबी हैं। सौराष्ट में रुपानी की अच्छी पकड़ है। सबसे समन्वय बनाकर चलते हैं, जैन हैं इसलिए उन पर पटेल, दलित विवाद का दबाव कम होगा। गुजरात भाजपा के अध्यक्ष होने के साथ-साथ गुजरात सरकार में ट्रांसपोर्ट मंत्री भी हैं।

नई दिल्ली: गुजरात के मुख्यमंत्री पद से आनंदबेन पटेल के इस्तीफे की पेशकश पर कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा के शीर्ष नेतृत्व पर निशाना साधा है। राहुल गांधी ने मंगलवार को ट्वीट कर कहा कि गुजरात के हालात के लिए आनंदीबेन पटेल को बलि का बकरा बनाया जा रहा है। उन्होंने ट्वीट किया कि गुजरात के हालात के लिए आनंदीबेन का दो साल का शासन नहीं, बल्कि नरेंद्र मोदी का 13 साल का जिम्मेदार है। आनंदीबेन का इस्तीफा भाजपा को नहीं बचा पाएगा। राहुल गांधी से पहले आम आदमी पार्टी के संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि आनंदीबेन जी का इस्तीफा गुजरात में आप की तेजी बढ़ती लोकप्रियता का नतीजा है। गुजरात की मुख्यमंत्री आनंदीबेन पटेल ने जैसे ही अपने फेसबुक पेज पर इस्तीफा देने की पेशकश की,आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल ने तुरंत ट्वीट करते हुए कहा कि भाजपा गुजरात में आम आदमी पार्टी से बुरी तरह डरी हुई है. उन्होंने कहा कि आनंदीबेन का इस्तीफा 'आप' की बढ़ती लोकप्रियता का नतीजा है. केजरीवाल ने एक अन्य ट्वीट में यह भी कहा कि आनंदीबेन पटेल का इस्तीफा गुजरात में भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई में आम आदमी पार्टी की जीत है. गौरतलब है कि गुजरात में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनावों में आम आदमी पार्टी पहली बार चुनावी समर में उतरने जा रही है. केजरीवाल हाल के दिनों में गुजरात में चुनावी अभियान भी शुरू कर चुके हैं और उन्होंने राज्य में कथित भ्रष्टाचार और दलितों पर अत्याचार को लेकर आनंदीबेन सरकार पर जमकर हमला बोला था.भाजपा गुजरात में बुरी तरह से डरी हुई है।

नई दिल्‍ली: 'आम आदमी पार्टी के सांसद भगवंत मान के संसद वीडियोग्राफी मामले की जांच के लिए गठित समिति से बगावती तेवर अपनाने वाले मान ने सोमवार को कहा कि उन्होंने सुरक्षा का उल्लंघन नहीं किया है. इस पर समिति के सदस्यों ने कहा कि यह विरोधाभासी है क्योंकि मान अपने कृत्य के लिए लोकसभाध्यक्ष से बिना शर्त माफी मांग चुके हैं. समिति ने मान से करीब डेढ़ घंटे पूछताछ की. इस दौरान मान ने कहा कि उन्होंने उच्च सुरक्षा परिसर की सुरक्षा का कोई उल्लंघन नहीं किया है. ऐसी जानकारी है कि मान ने अपनी यह मांग दोहरायी है कि समिति का दायरा बढ़ाया जाए ताकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पठानकोट हवाई ठिकाने में गत जनवरी में आतंकवादी हमले के बाद आईएसआई कर्मी को पठानकोट हवाई ठिकाने ‘‘आमंत्रित’’ करने के लिए बुलाया जा सके. समिति के एक सदस्य ने कहा, ‘‘एक तरह से उन्हें पछतावा नहीं है... उन्होंने और समय मांगा और कहा कि वह मंगलवार को पेश नहीं हो सकते. हमने अब उन्हें तीन अगस्त को बुलाया है.’’ गत सप्ताह मान ने पांच पृष्ठों के एक पत्र में माफी मांगने से इनकार कर दिया था और मांग की थी कि प्रधानमंत्री को भी समिति के समक्ष बुलाया जाए. चूंकि समिति को तीन अगस्त को अपनी रिपोर्ट लोकसभाध्यक्ष को सौंपनी है, वह समय बढ़ाने की मांग कर सकती है.

नई दिल्ली: विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने राज्यसभा को भरोसा दिया कि सऊदी अरब में फंसे भारतीयों की हर संभव मदद की जाएगी। जिनकी नौकरी चली गई है उनको वहां से वापस लाने की व्यवस्था की जाएगी। जिनकी नौकरी है लेकिन तनख्वाह नहीं मिल रही उनके लिए सऊदी सरकार और वहां के श्रम मंत्रालय से बातचीत की जा रही है। उन्होंने कहा कि इसी सिलिसिले में विदेश राज्यमंत्री वीके सिंह मंगलवार को सऊदी अरब के दौरे पर जा रहे हैं। जबकि विदेश राज्यमंत्री एमजे अकबर कुवैत की सरकार से साथ संपर्क में हैं। राज्यसभा में इस मामले को उठाने वाले जेडीयू सांसद अली अनवर अंसारी ने विदेश मंत्री के त्वरित कदम उठाने की तारीफ की, लेकिन साथ ही यह सवाल भी किया कि जिनकी नौकरी चली गई है उनका क्या होगा। उन्होंने मांग की कि सऊदी सरकार से बात कर भारतीयों को न्याय दिलाया जाए। उन्होंने कहा कि जिस तरह बंधकों जैसी स्थिति में भारतीयों को वहां काम करना पड़ता है, उसे भारत सरकार सऊदी सरकार के सामने उठाए। साथ ही उन्होंने यह भी मांग की कि नौकरी चले जाने की वजह से जिनको लौटना पड़ रहा है उनके लिए देश में रोजगार की व्यवस्था की जाए। नहीं तो उनके परिवार के सामने दाने-दाने के लाले पड़ जाएंगे।

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