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नई दिल्‍ली: 'आम आदमी पार्टी के सांसद भगवंत मान के संसद वीडियोग्राफी मामले की जांच के लिए गठित समिति से बगावती तेवर अपनाने वाले मान ने सोमवार को कहा कि उन्होंने सुरक्षा का उल्लंघन नहीं किया है. इस पर समिति के सदस्यों ने कहा कि यह विरोधाभासी है क्योंकि मान अपने कृत्य के लिए लोकसभाध्यक्ष से बिना शर्त माफी मांग चुके हैं. समिति ने मान से करीब डेढ़ घंटे पूछताछ की. इस दौरान मान ने कहा कि उन्होंने उच्च सुरक्षा परिसर की सुरक्षा का कोई उल्लंघन नहीं किया है. ऐसी जानकारी है कि मान ने अपनी यह मांग दोहरायी है कि समिति का दायरा बढ़ाया जाए ताकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पठानकोट हवाई ठिकाने में गत जनवरी में आतंकवादी हमले के बाद आईएसआई कर्मी को पठानकोट हवाई ठिकाने ‘‘आमंत्रित’’ करने के लिए बुलाया जा सके. समिति के एक सदस्य ने कहा, ‘‘एक तरह से उन्हें पछतावा नहीं है... उन्होंने और समय मांगा और कहा कि वह मंगलवार को पेश नहीं हो सकते. हमने अब उन्हें तीन अगस्त को बुलाया है.’’ गत सप्ताह मान ने पांच पृष्ठों के एक पत्र में माफी मांगने से इनकार कर दिया था और मांग की थी कि प्रधानमंत्री को भी समिति के समक्ष बुलाया जाए. चूंकि समिति को तीन अगस्त को अपनी रिपोर्ट लोकसभाध्यक्ष को सौंपनी है, वह समय बढ़ाने की मांग कर सकती है.

समिति के एक अन्य सदस्य ने कहा, ‘‘हमें यह पता लगाने की जिम्मेदारी दी गई थी कि क्या मान ने सुरक्षा का उल्लंघन किया है और यदि उन्होंने किया है तो क्या कार्रवाई करनी है. दूसरी जिम्मेदारी इस बारे में सिफारिश करने की है कि भविष्य में ऐसे उल्लंघन कैसे रोके जा सकते हैं. यद्यपि अभी तक हमने इस पहलू पर ध्यान नहीं दिया है क्योंकि हमारा ध्यान मान पर है. अब हमें और समय की जरूरत पड़ सकती है.’’ समिति की बैठक में कई सदस्य ‘‘नाराज’’ थे क्योंकि मान की प्रतिक्रिया को ‘‘विरोधाभासी और भ्रामक’’ माना गया. सदस्यों ने उनसे कहा कि एक ओर वह चाहते हैं कि समिति को खत्म कर दिया जाए क्योंकि उन्होंने कोई उल्लंघन नहीं किया है, वहीं दूसरी ओर वह उसके दायरे में प्रधानमंत्री को लाना चाहते हैं. अधिकतर सदस्य चाहते हैं कि समिति ‘‘कड़ी कार्रवाई’’ की सिफारिश करे, अन्य अंतिम निर्णय से पहले चाहते हैं कि मान बुधवार को अपनी अंतिम बात रखें.

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