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नई दिल्ली: हिजबुल प्रमुख की धमकी के बावजूद राजनाथ सिंह के पाक दौरे में कोई बदलाव नहीं है। गौरतलब है कि गृहमंत्री राजनाथ सिंह इस हफ्ते सार्क बैठक में हिस्सा लेने के लिए इस्लामाबाद जाने वाले हैं। इस बीच हिजबुल मुजाहिद्दीन के प्रमुख सैय्यद सलाहुद्दीन ने एक रैली में सिंह को रोके जाने की धमकी दी थी। हालांकि सूत्रों के मुताबिक 'मेज़बान देश ने गृहमंत्री की सुरक्षा की जिम्मेदारी ली है।' एक रैली में हिजबुल मुजाहिद्दीन प्रमुख सैय्यद सलाहुद्दीन ने राजनाथ पर 'कश्मीर में सेना तैनात करके मासूमों का खून बहाए जाने का आरोप लगाया।' सलाहुद्दीन ने पाकिस्तान सरकार को राजनाथ का स्वागत किए जाने के खिलाफ आगाह किया. इस मामले में पाकिस्तान सरकार की ओर से कोई बयान नहीं आया है। बता दें कि गृहमंत्री का यह दौरा इसलिए भी अहम है क्योंकि हाल ही में कश्मीर के हालातों की वजह से दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ गया है। प्राप्त जानकारी के मुताबिक भारत की ओर से यह साफ कर दिया गया है कि सिंह और पाकिस्तानी नेताओं के बीच सार्क सम्मेलन के दौरान किसी तरह की द्विपक्षीय बातचीत नहीं होगी। बता दें कि 22 साल के हिजुबल कमांडर बुरहान वानी के मारे जाने के बाद पाकिस्तान प्रधानमंत्री नवाज़ शरीफ ने हाल ही में कहा कि 'कश्मीर एक दिन पाकिस्तान बन जाएगा।' इस बयान पर सुषमा स्वराज ने कहा कि शरीफ का यह सपना कभी पूरा नहीं होगा. गृहमंत्रालय के सूत्रों के मुताबिक सम्मेलन में सिंह इस बात पर ज़ोर देने वाले हैं कि पाकिस्तान आंतकवाद को प्रायोजित करना बंद कर दे।

नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्रियों को सुप्रीम कोर्ट से बड़ा झटका लगा है। उनको 2 महीने में सरकारी बंगला खाली करना होगा। कोर्ट ने कहा उनको बंगला दिए जाने का कोई अधिकार नहीं है। यूपी के मुख्यमंत्री रहे एनडी तिवारी, राजनाथ सिंह, मुलायम सिंह, मायावती, कल्याण सिंह और रामनरेश यादव को बंगले मिले हुए थे। अब उनको आजीवन मिले बंगले खाली करने होंगे। यह सभी बंगले लखनऊ में हैं। दरअसल उत्तरप्रदेश में एक सरकारी आदेश जारी किया गया था, जिसमें कहा गया था कि पूर्व मुख्यमंत्रियों को सरकारी बंगले दिए जायेंगे। 2004 में लोक प्रहरी नाम के एनजीओ ने सुप्रीम कोर्ट में इस आदेश को चुनौती दी थी। याचिका में कहा गया था कि यह आदेश रद्द किये जाएं और अगर इसे जारी रखा गया तो बाकि राज्यों पर भी इसका असर पड़ेगा। सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के बाद आदेश सुरक्षित रख लिया था और अब अपना आदेश सुनाया है। गौरतलब है  कि सुप्रीम कोर्ट का फैसला पूरे देश में लागू होता है। ऐसे में किसी भी राज्य में सरकारें पूर्व मुख्यमंत्रियों से आवास खाली करने के लिए कह सकती हैं। यूपी में पूर्व मुख्यमंत्रियों को ताउम्र बंगला मिलने का प्रावधान सरकार ने किया हुआ था। इसी प्रावधान के तहत मायावती, मुलायम, राजनाथ जैसे पूर्व मुख्यमंत्री के पास दो-दो सरकारी आवास थे।

नई दिल्ली: भारत प्रसिद्ध कोहिनूर हीरे को वापस लाने के लिए सभी प्रयास करेगा। वर्तमान में शाही मुकुट में जड़ा 106 कैरेट का यह हीरा ‘टावर ऑफ लंदन’ में प्रदर्शन के लिए रखा गया है। और ब्रिटिश सरकार ने हालिया बयान में यह कह कर इसे देने से इनकार किया है कि इसका कोई कानूनी आधार नहीं है। ब्रिटिश बलों द्वारा 1849 में पंजाब को अपने अधीन करने और सिख साम्राज्य की संपत्तियों को जब्त करने के बाद करीब 20 करोड़ डॉलर की कीमत वाले इस कोहिनूर हीरे को भी लाहौर में ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी के खजाने को हस्तांतरित कर दिया गया था। एक वरिष्ठ सरकारी सूत्र ने बताया, ‘सरकार इस हीरे को वापस लाने के लिए कूटनीतिक और काूननी दोनों तरीके से विचार कर रही है। अगर भारत कूटनीतिक प्रयासों के जरिए हीरा वापस लाने में सक्षम रहता है तो उसे कानूनी तरीका आजमाने की जरूरत नहीं होगी। लेकिन, अगर यह फलदायी साबित नहीं होता तो सरकार कानूनी विकल्प पर भी गौर करेगी।’ भारत की यह प्रतिक्रिया पिछले सप्ताह यहां दौरे पर आए ब्रिटेन के एशिया एवं प्रशांत मामलों के मंत्री आलोक शर्मा के उस बयान की पृष्ठभूमि में आई है, जिसमें उन्होंने यह संकेत दिया था कि कोहिनूर शायद कभी भी भारत का नहीं हो सकता। उन्होंने कहा था, ‘जहां तक इस मुद्दे का संदर्भ है तो इसे वापस लौटाने का कोई कानूनी आधार नहीं बनता।’ इसी की पृष्ठभूमि में भारत का यह कदम सामने आया है। सिख समुदाय का प्रतिनिधित्व करने वाली शिरोमणि गुरूद्वारा प्रबंधक समिति (एसजीपीसी) भी इस अनमोल रत्न पर दावा पेश करते हुए मैदान में कूद पड़ी है।

नई दिल्ली: चीनी सेना ने उत्तराखंड के बाराहोटी इलाके में घुसपैठ से पहले सिंथेटिक ऐपर्चर रेडार (एसएआर) से लैस उच्च श्रेणी के विमान का इस्तेमाल कर एक टोही मिशन चलाया था। एसएआर व्यापक क्षेत्र की उच्च गुणवत्ता वाली तस्वीर उपलब्ध कराता है। आधिकारिक सूत्रों के अनुसार चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) के ‘तुपोलोवतु 153एम’ विमान ने उत्तर प्रदेश, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड के अंतर्गत आने वाले मध्य क्षेत्र में इस साल के शुरू में दो से तीन उड़ानें भरी थीं। बाराहोटी में घुसपैठ के बाद विभिन्न स्रोतों से मिली खुफिया जानकारी को एक साथ रखते हुए जानकार अधिकारियों ने कहा कि पिछले तीन महीनों में विमान ने कम से कम तीन उड़ानें भरी थीं। इस विमान का निर्माण पूर्व सोवियत संघ की प्रौद्योगिकी के आधार पर चीनी कंपनियों द्वारा किया जाता है। विमान 40 हजार फुट की उंचाई पर उड़ता है और रेडार की नजरों से बचने के लिए यह 60 हजार फुट की उंचाई तक जा सकता है और उस उंचाई से तस्वीरें ले सकता है तथा अन्य साइबर और संचार जानकारी जुटा सकता है। इसमें एक एसएआर लगा होता है जो खराब मौसम या रात में भी अच्छी गुणवत्ता वाली तस्वीरें उपलब्ध करा सकता है। प्रणालियों को रेडार संकेतों के लंबी दूरी के फैलाव और उच्च गुणवत्ता की तस्वीरें उपलब्ध कराने के लिए आधुनिक डिजिटल इलेक्ट्रॉनिक्स की जटिल सूचना संसाधन क्षमता का लाभ मिलता है। सूत्रों ने बताया कि उड़ान के बारे में सूचना विदेशी खुफिया एजेंसियों के बारे में साझा की गई थी।

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