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नई दिल्ली: केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में बुधवार को दो बड़े फैसले हुए हैं। कैबिनेट ने नीलाचल इस्पात निगम लिमिटेड को बेचने की मंजूरी दे दी है। वहीं पूर्वोत्तर के 8 राज्यों में गैस ग्रिड तैयार करने का फैसला हुआ है। रेलवे के लिए इंग्लैंड के साथ एनर्जी को लेकर समझौते को भी कैबिनेट ने बुधवार को मंजूरी दे दी है। सरकार पूर्वोत्तर क्षेत्र में 9,265 करोड़ रुपये की लागत से तैयार हो रही 1,656 किलोमीटर लंबी गैस ग्रिड के निर्माण के लिये 5,559 करोड़ रुपये की वित्तपोषण सुविधा देगी।

नीलाचल इस्पात में सरकार अपनी पूरी हिस्सेदारी बेचेगी

वहीं नीलाचल इस्पात में सरकार अपनी पूरी हिस्सेदारी बेचेगी। कैबिनेट ने कोल माइनिंग में कमर्शियल माइनिंग का रास्ता साफ कर दिया है। इसके लिए एमएमडीआर एक्ट में बदलाव किया जाएगा, जिसके लिए कैबिनेट ने अध्यादेश को मंजूरी दे दी है। आज कैबिनेट ने जो फैसला लिया उसके मुताबिक देर शाम या कल तक इस अध्यादेश को राष्ट्रपति से मंजूरी मिलेगी और 24 घंटे के भीतर ये सारे बदलाव लागू हो जाएंगे।

नई दिल्ली: बजट से पहले केंद्र सरकार ने वित्त वर्ष 2019-20 की विकास दर का पहला अनुमान जारी कर दिया है। इसके मुताबिक चालू वित्त वर्ष में जीडीपी पांच फीसदी रहेगी, जो पिछले एक दशक में सबसे कम है। सरकार बजट के बाद फरवरी महीने में वित्त वर्ष का दूसरा अनुमान जारी करेगी।

2018-19 में थी 6.8 फीसदी

2018-19 में विकास दर 6.8 फीसदी रही थी। इस हिसाब से देखा जाए तो फिर इसमें करीब 1.8 फीसदी की गिरावट है। विश्व की सभी रेटिंग एजेंसियों और अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष ने भी भारत के जीडीपी अनुमान को काफी घटा दिया है। मूडीज ने मार्च 2020 में समाप्त हो रहे वित्त वर्ष के लिए सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) का अनुमान 5.8 फीसदी से घटाकर 4.9 फीसदी कर दिया है। फिच ने वित्त वर्ष 2019-20 के लिए विकास दर के 4.6 फीसदी रहने की संभावना जताई है। वहीं 2020-21 के लिए 5.6 फीसदी और 2021-22 के लिए 6.5 फीसदी का अनुमान जताया है।

‘इंडिया रेटिंग्स एंड रिसर्च ने वित्त वर्ष 20 के लिए अपने विकास अनुमान को संशोधित करके 5.6 फीसदी कर दिय है। यह उसके द्वारा चौथा संशोधन है और एक महीने पहले ही वित्त वर्ष 20 के लिए जीडीपी अनुमान घटाकर 6.1 फीसदी किया गया था।’

नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि ‘50 खरब डॉलर की अर्थव्यवस्था’ तो महज एक पड़ाव है और हमारे लक्ष्य काफी ज्यादा बढ़े हैं। पीएम मोदी ने सोमवार को आम बजट से पहले देश के बड़े उद्योगपतियों के साथ चर्चा के दौरान यह बात कही। इस दौरान उन्होंने अर्थव्यवस्था से जुड़े मुद्दों, विकास दर को गति देने और रोजगार बढ़ाने के लिए जरूरी उपायों पर भी चर्चा की। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि देश में कॉरपोरेट कर अपने अभी तक के निचले स्तर पर है और उद्योग के सामने मौजूद समस्याओं को दूर करने के लिए प्रतिबद्ध है।

उन्होंने कहा कि सरकार के खिलाफ देश में भ्रम फैलाया जा रहा है औ भ्रष्टाचार के खिलाफ उठाए जा रहे कदमों को उद्योग के विरुद्ध बताया जा रहा है। नए वर्ष की शुरुआत में, आज इस मंच से मैं भारतीय उद्योग जगत को फिर कहूंगा कि निराशा को अपने पास भी मत फटकने दीजिए। नई ऊर्जा के साथ आगे बढ़िए, अपने विस्तार के लिए आप देश के जिस भी कोने में आप जाएंगे, भारत सरकार आपके साथ कंधे से कंधा मिलाकर चलेगी। पीएम मोदी ने आगे कहा कि पिछले पांच सालों में, देश में निष्ठा के साथ काम करने का, पूरी ईमानदारी के साथ काम करने का, पूरी पारदर्शिता के साथ काम करने का एक माहौल बना है।

नई दिल्ली: साइरस मिस्त्री ने कहा कि टाटा समूह में किसी भी भूमिका में लौटने में उनकी कोई रुचि नहीं। मिस्त्री ने कहा कि उन्होंने कंपनी संचालन में हमेशा सर्वश्रेष्ठ मानदंडों को कायम रखने पर ध्यान दिया। उन्होंने कहा कि किसी व्यक्ति विशेष या मेरे खुद के हितों से कहीं अधिक महत्वपूर्ण हैं टाटा समूह के हित हैं।

बता दें कि राष्ट्रीय कंपनी विधि अपीलीय न्यायाधिकरण (एनसीएलएटी) अपने बहुप्रतिक्षित फैसले में साइरस मिस्त्री को फिर से टाटा संस के कार्यकारी चेयरमैन पद पर बिठाने को कहा गया है। अपने बहुप्रतिक्षित फैसले में साइरस मिस्त्री को फिर से टाटा संस के कार्यकारी चेयरमैन पद पर बिठाने को कहा गया है। एनसीएलएटी के 18 दिसंबर के फैसले के बाद टाटा संस ने सबसे पहले उच्चतम न्यायालय का रुख किया। इसके बाद टाटा समूह के वयोवृद्ध और कई साल तक चेयरमैन रह चुके रतन टाटा ने भी उच्चतम न्यायालय में फैसले को चुनौती देने वाली याचिका दायर की। उन्होंने एनसीएलएटी के फैसले को ''मामले के रिकार्ड के प्रतिकूल, गलत और अशुद्ध बताया।

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