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नई दिल्ली: साइरस मिस्त्री ने कहा कि टाटा समूह में किसी भी भूमिका में लौटने में उनकी कोई रुचि नहीं। मिस्त्री ने कहा कि उन्होंने कंपनी संचालन में हमेशा सर्वश्रेष्ठ मानदंडों को कायम रखने पर ध्यान दिया। उन्होंने कहा कि किसी व्यक्ति विशेष या मेरे खुद के हितों से कहीं अधिक महत्वपूर्ण हैं टाटा समूह के हित हैं।

बता दें कि राष्ट्रीय कंपनी विधि अपीलीय न्यायाधिकरण (एनसीएलएटी) अपने बहुप्रतिक्षित फैसले में साइरस मिस्त्री को फिर से टाटा संस के कार्यकारी चेयरमैन पद पर बिठाने को कहा गया है। अपने बहुप्रतिक्षित फैसले में साइरस मिस्त्री को फिर से टाटा संस के कार्यकारी चेयरमैन पद पर बिठाने को कहा गया है। एनसीएलएटी के 18 दिसंबर के फैसले के बाद टाटा संस ने सबसे पहले उच्चतम न्यायालय का रुख किया। इसके बाद टाटा समूह के वयोवृद्ध और कई साल तक चेयरमैन रह चुके रतन टाटा ने भी उच्चतम न्यायालय में फैसले को चुनौती देने वाली याचिका दायर की। उन्होंने एनसीएलएटी के फैसले को ''मामले के रिकार्ड के प्रतिकूल, गलत और अशुद्ध बताया।

शेयर बाजारों को भेजी सूचना में टीसीएस ने कहा है कि राष्ट्रीय कंपनी विधि अपीलीय न्यायाधिकरण (एनसीएलएटी) ने 18 दिसंबर 2019 के अपने फैसले में साइरस मिस्त्री को उनके बचे कार्यकाल के लिये कंपनी का निदेशक बनाये जाने का निर्देश दिया है। '' ..... कंपनी ने कानूनी राय के आधार पर 3 जनवरी 2020 को माननीय उच्चतम न्यायालय में अपील दर्ज की है। इसमें न्यायाधिकरण के फैसले को खारिज करने और जहां तक कंपनी से संबंध की बात है फैसले के अमल पर अंतरिम रूप से स्थगन दिये जाने का अनुरोध किया गया है।

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