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नई दिल्ली: केंद्र सरकार से घर वापसी की मंजूरी मिलने के बाद एक तरफ जहां प्रवासी मजदूरों की खुशी का ठिकाना नहीं है, वहीं राज्यों में लॉकडाउन में मिली रियायतों के मद्देनजर खुलने की तैयारी कर रहे उद्योगों के माथे पर चिंता की लकीरें खिंच गई हैं। जानकारों का कहना है कि लॉकडाउन में काम ठप होने से उद्योग जगत पहले से हलकान है। फैक्टरियां खुलने के बाद मजदूर नहीं मिलने से उसकी मुश्किलें और बढ़ जाएंगी।

पीएचडी चैंबर ऑफ कॉमर्स के अध्यक्ष डीके अग्रवाल के मुताबिक एक बार मजदूर गांव चला गया तो उसे वापस लाना बेहद मुश्किल होगा। गांव में ही मनरेगा और खेती-किसानी में रोजगार मिलने के कारण मजदूर शायद ही शहर लौटना चाहेगा। अगर वापसी करेगा भी तो वह ज्यादा मजदूरी की मांग करेगा। उन्होंने चेताया कि चूंकि, काफी दिनों से बंद पड़े उद्योग ज्यादा खर्च करने की स्थिति में नहीं होंगे, इसलिए मजदूरों का पलायन उम्मीद से कहीं अधिक बड़ी चुनौती बनने जा रहा है। ऐसे में केंद्र सरकार को राज्यों के साथ मिलकर मजदूरों का पलायन रोकना चाहिए। उद्योग जगत इस दिशा में हर संभव मदद करने को तैयार है।

नई दिल्ली: कोरोना लॉकडाउन के बीच अच्छी खबर आई है। सब्सिडी वाला एलपीजी गैस सिलेंडर 162 रुपये सस्ता हो गया है। आपको बता दें कि तेल कंपनियां हर महीने की शुरुआत में एलपीजी सिलेंडर के दामों की समीक्षा करती है। हर राज्य में टैक्स अलग-अलग होते है इसके हिसाब से एलपीजी के दामों में अंतर आ सकता है।

इतना सस्ता हुआ गैर-सब्सिडी वाला सिलिंडर

आईओसीएल की वेबसाइट से प्राप्त जानकारी के अनुसार, दिल्ली में 14.2 किलोग्राम वाला गैर-सब्सिडी एलपीजी सिलिंडर 162.50 रुपये सस्ता हो गया है। इसके बाद इसकी कीमत 581.50 रुपये हो गई है, जो पहले 744 रुपये थी। कोलकाता में इसका दाम 774.50 रुपये से घटकर 584.50 रुपये हो गया है, मुंबई में यह 714.50 रुपये से कम होकर 579 रुपये हो गया है।

मुंबई: घरेलू रेटिंग एजेंसी क्रिसिल ने सोमवार (27 अप्रैल) को भारत की 2020- 21 की आर्थिक वृद्धि के अपने अनुमान को करीब आधा कम करते हुए 1.8 प्रतिशत कर दिया। एजेंसी ने कहा है कि कोरोना वायरस पर नियंत्रण के लिए लॉकडाउन से अर्थव्यवस्था को कुल मिलाकर 10 लाख करोड़ रुपए का नुकसान होने का अनुमान है। प्रति व्यक्ति के हिसाब से यह नुकसान 7,000 रुपयें तक बैठता है। एजेंसी ने कोविड- 19 संकट के बीच सरकार की अबतक की नपीतुली प्रतिकिया की आलोचना की है और कहा है कि सरकारी समर्थन में जबर्दस्त वृद्धि होनी चाहिए।

एजेंसी ने इससे पहले चालू वित्त वर्ष के दौरान सकल घरेलू उत्पाद (र्जीडीपी) में छह प्रतिशत वृद्धि का अनुमान व्यक्ति किया था जिसे मार्च अंत में घटाकर 3.5 प्रतिशत और अब 1.8 प्रतिशत पर ला दिया गया है। एक अन्य रेटिंग एजेंसी इंडिया रेटिंग्स एण्ड रिसर्च (इंड- आरए) ने भी भारत की 2020- 21 की आर्थिक वृद्धि के अनुमान को और घटाकर 1.9 प्रतिशत कर दिया है। यह पिछले 29 साल में सबसे कम वृद्धि होगी। केन्द्र सरकार ने हाल ही में कोविड- 19 से प्रभावित गरीब जनता को समर्थन देने के लिये 1.70 लाख करोड़ रुपए का पैकेज जारी किया है।

नई दिल्ली: म्यूचुअल फंड पर तरलता दबाव को कम करने के लिए, भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने आज म्यूचुअल फंड के लिए 50,000 करोड़ रुपये की विशेष लिक्विडिटी सुविधा की घोषणा की है। केंद्रीय बैंक ने कहा है कि वह सतर्क है और कोरोना वायरस के आर्थिक प्रभाव को कम करने और वित्तीय स्थिरता को बनाए रखने के लिए हर आवश्यक कदम उठाएगा। आरबीआई फिक्स रेपो रेट पर 90 दिन की अवधि का एक रेपो ऑपरेशन शुरू करेगा। इस सुविधा के तहत, आरबीआई कम दरों पर बैंकों को धन मुहैया कराएगा और बैंक विशेष रूप से म्यूचुअल फंडों की तरलता आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए धन का उपयोग कर सकेंगे।

आरबीआई ने कहा कि एसएलएफ-एमएफ ऑन-टॉप और ओपन-एंडेड है और बैंक सोमवार से शुक्रवार तक किसी भी दिन वित्त हासिल करने के लिए अपनी बोली जमा कर सकते हैं। यह सुविधा 27 अप्रैल से शुरू हो चुकी है और 11 मई, 2020 तक रहेगी। गौरतलब है कि पिछले सप्ताह भारत की आठवीं सबसे बड़ी म्यूचुअल फंड कंपनी फ्रैंकलिन टेम्पलटन म्यूचुअल फंड ने स्वेच्छा से अपनी छह ऋण योजनाएं बंद करने का फैसला लिया।

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