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नई दिल्ली: भारतीय रिजर्व बैंक के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन ने कोविड-19 से प्रभावित अर्थव्यवस्था को उबारने के लिए 20.9 लाख करोड़ रुपये के पैकेज को नाकाफी बताया है। राजन ने कहा कि प्रवासी मजदूरों को पैकेज के तहत मुफ्त खाद्यान्न दिया गया है, लेकिन लॉकडाउन की वजह से वे (मजदूर) बेरोजगार हो गए हैं। उन्हें दूध, सब्जी, खाद्य तेल खरीदने और किराया चुकाने के लिए पैसे की जरूरत है। राजन ने समाचार पोर्टल की एक वेबसाइट के लिए करण थापर को दिए साक्षात्कार में कहा कि दुनिया सबसे बड़ी आर्थिक आपात स्थिति से जूझ रही है। ऐसे में जो भी संसाधन दिया जाएगा, वह अपर्याप्त ही होगा।

राजन ने कहा, ''कुछ यही स्थिति भारत के साथ भी है। हमारी आर्थिक वृद्धि सुस्त पड़ चुकी है, राजकोषीय घाटा बढ़ रहा है। अर्थव्यवस्था को फिर से पटरी पर लाने के लिए और बहुत कुछ करने की जरूरत है। हमें सभी प्रयास करने होंगे। हालांकि, इसके साथ ही राजन ने कहा कि पैकेज के कुछ अच्छे बिंदु हैं, लेकिन संभवत: हमें अधिक करने की जरूरत है।

नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता वाली केंद्रीय कैबिनेट ने बुधवार को कई योजनाओं को अपनी मंजूरी दे दी है। इसमें आत्मनिर्भर भारत पैकेज से लेकर गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों के लिए एक नई योजना शुरू किया जाना तक शामिल है। इसकी जानकारी पत्र सूचना कार्यालय (पीआईबी) के महानिदेशक केएस धतवालिया ने दी। धतवालिया ने बताया कि कैबिनेट ने 'प्रधानमंत्री वय वंदना योजना' के विस्तार को 31 मार्च 2023 तक के लिए मंजूरी दे दी है। पहले इस योजना की अवधि 31 मार्च 2020 तक थी। इस योजना के तहत वृद्धावस्था आय सुरक्षा और वरिष्ठ नागरिकों का कल्याण होता है। 

उन्होंने कहा कि कैबिनेट ने आपातकालीन ऋण गारंटी योजना के माध्यम से पात्र सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों (एमएसएमई) और इच्छुक मुद्रा उधारकर्ताओं के लिए तीन लाख करोड़ रुपये की अतिरिक्त धनराशि को मंजूरी दे दी है। महानिदेशक ने बताया कि कैबिनेट ने प्रवासियों/ फंसे हुए प्रवासियों को खाद्यान्न आवंटन के लिए आत्मनिर्भर भारत पैकेज को मंजूरी दे दी है।

नई दिल्ली: सरकार ने लॉकडाउन के दौरान कर्मचारियों को पूरा वेतन देने का पुराना निर्देश वापस ले लिया है। इस कदम से कंपनियों और उद्योग जगत को राहत मिलने का अनुमान है। गृह सचिव ने लॉकडाउन लगाए जाने के कुछ ही दिन बाद 29 मार्च को जारी दिशानिर्देश में सभी कंपनियों व अन्य नियोक्ताओं को कहा था कि वे प्रतिष्ठान बंद रहने की स्थिति में भी महीना पूरा होने पर सभी कर्मचारियों को बिना किसी कटौती के पूरा वेतन दें। कोरोना वायरस महामारी की रोकथाम के लिए देश भर में 25 मार्च से लॉकडाउन लागू है। इसे अभी तब तीन बार बढ़ाया जा चुका है। लॉकडाउन का चौथा चरण सोमवार (18 मई) से शुरू हुआ है।

गृह सचिव अजय भल्ला ने लॉकडाउन के चौथे चरण को लेकर रविवार (17 मई) को नए दिशानिर्देश जारी किए। इसमें कहा गया है कि जहां तक इस आदेश के तहत जारी परिशिष्ट में कोई दूसरा प्रावधान नहीं किया गया हो वहां आपदा प्रबंधन अधिनियम 2005 की धारा 10(2)(1) के तहत राष्ट्रीय कार्यकारी समिति द्वारा जारी आदेश 18 मई 2020 से अमल में नहीं माने जाएं।

नई दिल्ली (जनादेश ब्यूरो): कोरोना संकट और लॉकडाउन की वजह से सुस्त पड़ती अर्थव्यवस्था को गति देने के लिए आत्मनिर्भर भारत पैकेज की पांचवी किस्त का वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण एलान कर रही हैं। निर्मला सीतारमण ने कहा कि आज 7 कदमों की घोषणा की जाएगी। जिनमें मनरेगा, स्वास्थ्य, कोविड में बिजनेस, कंपनी ऐक्ट को गैर आपराधिक बनाना, ईज ऑफ डूइंग बिजनस, पब्लिक एंटरप्राइजेज, राज्य सरकार और उनके संसाधनों से जुड़े एलान किए जाएंगे।

राज्यों ने सीमा का 86 प्रतिशत ऋण नहीं लिया है: वित्त मंत्री

वित्त मंत्री ने कहा कि कोरोना वायरस महामारी की वजह से राज्य और केंद्र की आय में भारी कमी आई है। केंद्र सरकार ने लगातार खुले दिल के साथ राज्यों की मदद की है। यह हमारी जिम्मेदारी है। अप्रैल में 40 हजार 38 करोड़ रुपया राज्यों को दिया गया है। रेवेन्यू डिफिसिट ग्रांट के तहत 12390 करोड़ रुपए दिए गए हैं। स्टेट डिजास्टर फंड से 11092 करोड़ रुपए राज्यों को दिए गए हैं। स्वास्थ्य मंत्रालय ने 4113 करोड़ रुपए कोरोना से लड़ने के लिए दिए हैं।

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