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नई दिल्ली: उद्योगपति आनंद महिन्द्रा ने सोमवार को कहा कि यदि लॉकडाउन को अधिक लंबी अवधि के लिए बढ़ाया जाता है, तो यह देश के लिए आर्थिक हारा-किरी (यानी घरेलू अर्थव्यवस्था के लिए आत्मघाती) साबित हो सकता है। महिंद्रा ग्रुप के चेयरमैन ने कहा कि लॉकडाउन (पाबंदी) से लाखों लोगों की जान बची है, लेकिन यदि इसे और बढ़ाया गया तो यह समाज के निचले तबके के लिए गंभीर मुश्किलें खड़ा कर सकता है। उन्होंने कहा कि जापान में युद्ध में पराजित होने वाले योद्धाओं के बंदी बनाए जाने से बचने के लिए अपने ही चाकू को अपने पेट में घोंप कर आत्महत्या करने की प्रथा को हाराकीरी कहा जाता था।

महिन्द्रा ने एक ट्वीट में कहा, पिछले कुछ दिनों में ग्राफ की तेजी पर अंकुश लगने के बावजूद नए मामलों की संख्या बढ़ी है। हमारी आबादी और शेष दुनिया के सापेक्ष कम मामलों को देखते हुए अधिक जांच के साथ साथ संक्रमण के नए मामलों की वृद्धि अपरिहार्य है। हम सुगमता से ग्राफ के समतल होने की उम्मीद नहीं कर सकते हैं। उन्होंने कहा, लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि लॉकडाउन ने मदद नहीं की है।

नई दिल्ली: खाद्य मंत्रालय ने राशन कार्ड को आधार से जोड़ने की समय सीमा सोमवार को सितंबर के अंत तक बढ़ा दी है। साथ ही जोर देकर कहा कि आधार से जुड़े नहीं होने के बावजूद लाभार्थियों को कार्ड पर उनके हिस्से का राशन मिलता रहेगा। आधार से नहीं जुड़े राशन कार्ड रद्द होने की खबरों पर मंत्रालय ने स्पष्टीकरण जारी करते हुए यह बात कही।

आधिकारिक बयान के अनुसार सभी राज्य सरकारों और केंद्र शासित प्रदेशों को राशन कार्ड को आधार संख्या से जोड़ने की जिम्मेदारी खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण विभाग की सात फरवरी 2017 की अधिसूचना के आधार पर दी गई है। इस अधिसूचना को समय-समय पर संशोधित किया जाता रहा है। अब इस काम की समयसीमा को बढ़ाकर 30 सितंबर 2020 तक कर दिया गया है।

बयान के अनुसार जब तक मंत्रालय सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को स्पष्ट निर्देश नहीं जारी करता तब तक किसी भी सही लाभार्थी को उसके हिस्से का राशन देने से मना नहीं किया जाएगा।

नई दिल्ली: कोरोना संकट के बीच केंद्र सरकार ने साफ कर दिया है कि केंद्रीय कर्मचारियों के वेतन में कटौती का कोई प्रस्ताव नहीं है। वित्त मंत्रालय ने सोमवार को स्पष्ट किया कि केंद्र सरकार के कर्मचारियों के वेतन में कटौती का कोई प्रस्ताव नहीं है। इस संदर्भ में आई खबरों पर अपनी प्रतिक्रिया में मंत्रालय ने ट्विटर पर लिखा है, 'केंद्र सरकार के किसी भी श्रेणी के कर्मचारियों के मौजूदा वेतन में किसी भी प्रकार की कटौती का कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है।' मंत्रालय ने लिखा है, 'मीडिया के एक हिस्से में आई इस प्रकार की रिपोर्ट गलत और आधारहीन है।

पिछले महीने सरकार ने अपने 50 लाख कर्मचारियों और 61 लाख पेंशनभोगियों को बढ़े हुए महंगाई भत्ते के भुगतान पर रोक लगा दी। सरकार कोरोना वायरस महामारी से निपटने के लिए जरूरी संसाधन जुटाने को लेकर अपने खर्च में कटौती कर रही है, इसी के तहत बढ़ा हुआ महंगाई भत्ता नहीं देने का निर्णय किया गया। वित्त मंत्रालय के अंतर्गत आने वाला व्यय विभाग ने एक कार्यालय ज्ञापन में कहा था कि एक जनवरी 2020 से 30 जून 2021 के बीच महंगाई भत्ता मद में कोई बकाए का भुगतान नहीं किया जाएगा।

नई दिल्ली: कोरोना वायरस महामारी के संक्रमण को रोकने के लिए लगाए गए लॉकडाउन के कारण अर्थव्यवस्था पर खासा दबाव पड़ा है। इस कारण विभिन्न उद्योग सरकार से राहत पैकेज की मांग कर रहे हैं। वहीं, कपड़ा उद्योग द्वारा राहत पैकेज मांगने पर केंद्रीय कपड़ा मंत्री स्मृति ईरानी ने कहा कि वह वित्तीय पैकेज मांगना बंद करें और खुद को नए माहौल में ढालें। केंद्रीय कपड़ा मंत्री स्मृति ईरानी ने रविवार को मर्चेन्ट्स चैंबर ऑफ कामर्स एंड इंडस्ट्री के सदस्यों के साथ बातचीत में कहा कि कपड़ा उद्योग सरकार से वित्तीय पैकेज मांगना बंद करें।

उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस महामारी के कारण सरकार के वित्त पर पहले से अच्छा-खासा दबाव है। उन्होंने कहा कि उद्योग के लिए यह समय आत्ममंथन का है। कपड़ा उद्योग पैकेज या समर्थन की मांग कर रहा है...अब समय नई दिशा और नई सोच का है। उद्योग के पास क्षमता है। अगर वे नए माहौल में खुद को ढालते हैं, तो उन्हें किसी पर निर्भर रहने की जरूरत नहीं है।

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