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वाशिंगटन: कोरोना वायरस से एक तरफ जहां लगातार लोगों की मौत हो रही है तो वहीं दूसरी तरफ इसके चलते दुनियाभर के कच्चे तेल उत्पादकों के लिए सबसे बड़ी चुनौती खड़ी हो गई है। कोराना वायरस महामारी के असर से कच्चे तेल का अंतरराष्ट्रीय बाजार गंहरे संकट में पहंच गया है। महामारी के चलते आर्थिक गतिविधियां ठप होने से लगातर कम होती मांग का असर कच्चे तेल के दाम पर पड़ रहा है। अमेरिकी बेंचमार्क क्रूड वेस्ट टेक्सास इंटरमीडिएट (डब्ल्यूटीआई) ने सोमवार को अब तक के इतिहास में अपना सबसे बुरा दिन देखा।

अंतरराष्ट्रीय बजार में अमेरिकी वेस्ट टेक्सास इंटरमीडिएट कच्चा तेल का भाव सोमवार को गिरकर 1 डॉलर प्रति बैरल से भी नीचे पहुंच गया। इससे पहले दिन में बाजार खुलने पर भाव यह 10.34 डॉलर प्रति बैरल पर आ गया था जो 1986 के बाद इसका सबसे निचला स्तर था।कोरोना वायरस संकट की वजह से दुनियाभर में घटी तेल की मांग के चलते इसकी कीमतें लगातार गिर रही हैं।

व्यापारियों ने कहा कि कीमत में यह गिरावट चिंताजनक है क्योंकि मई डिलीवरी के अनुबंधों का निस्तारण सोमवार शाम तक कर दिया जाना है लेकिन कोई निवेशक तेल की वास्तविक डिलिवरी लेना नहीं चाह रहा है।

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