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नई दिल्ली: भारतीय रुपये में गिरावट का सिलसिला लगातार जारी है। अमेरिकी डॉलर की तुलना में पहली बार रुपया 79 के पार पहुंच गया है। डालर के सामने गिरता रुपये का मूल्य रोज नया रिकॉर्ड बना रहा है। खबरों के अनुसार रुपया बुधवार को अस्थायी रूप से 79 प्रति एक 1 डॉलर के स्तर को पार कर गया। रुपया 19 पैसे की गिरावट के साथ 79.04 प्रति डॉलर के रिकॉर्ड निचले स्तर पर पहुंच गया। इससे पहले सत्र में, रुपया ग्रीनबैक के मुकाबले 78.86 के कमजोर स्तर पर खुला। इसके बाद शाम तक गिर कर फिर 79.04 पर पहुंच गया। यह स्तर अब तक का सर्वाधिक निचला स्तर है। मंगलवार को रुपया 48 पैसे की गिरावट के साथ 78.85 के रिकॉर्ड निचले स्तर पर बंद हुआ था। इसको लेकर कांग्रेस सांसद राहुल गांधी पीएम नरेंद्र मोदी सरकार पर लगातार निशाना साध रहे हैं।

कल यानी 28 जून को रुपया 48 पैसे की बड़ी गिरावट के साथ 78.85 प्रति डॉलर के सर्वकालिक निचले स्तर पर पहुंच गया था। रुपये में गिरावट का कारण विदेशी पूंजी की बाजार से सतत निकासी और कच्चे तेल की कीमतों में आई तेजी है।

नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी की अध्‍यक्षता में केन्‍द्रीय मंत्रिमंडल ने स्‍पेक्‍ट्रम की नीलामी करने के दूरसंचार विभाग के एक प्रस्‍ताव को मंजूरी दे दी है। जिसके माध्‍यम से सफल बोलीदाताओं को जनता और उद्यमों को 5जी सेवाएं प्रदान करने के लिए स्‍पेक्‍ट्रम सौंपा जाएगा। मंत्रिमंडल ने स्वास्थ्य देखभाल क्षेत्र, कृषि, ऊर्जा और अन्य क्षेत्रों में उपयोग वाली नए दौर की एप्लिकेशन मसलन मशीन से मशीन संचार, इंटरनेट ऑफ थिंग्स, कृत्रिम मेधा में नवोन्मेष को बढ़ावा देने के लिए ‘निजी उपयोग वाले नेटवर्क' की स्थापना और विकास को मंजूरी देने का भी निर्णय लिया।

जानकारी के अनुसार 20 साल की वैधता अवधि के साथ कुल 72097.85 मेगाहर्ट्ज स्पेक्ट्रम की नीलामी जुलाई, 2022 के अंत तक की जाएगी। साथ ही सरकार ने स्पेक्ट्रम के लिए अग्रिम भुगतान की आवश्यकता को खत्म कर दिया है और सफल बोलीदाता 5जी स्पेक्ट्रम के लिए 20 ‘ईएमआई' में भुगतान कर सकते हैं।

नीलामी निम्न, मिड और हाई फ़्रीक्वेंसी बैंड में होगी। निम्न में 600 मेगाहर्ट्ज, 700 मेगाहर्ट्ज, 800 मेगाहर्ट्ज होंगे। 900 मेगाहर्ट्ज, 1800 मेगाहर्ट्ज, 2100 मेगाहर्ट्ज, 2300 मेगाहर्ट्ज होंगे।

नई दिल्‍ली: अडाणी ग्रुप ने श्रीलंका पावर प्रोजेक्‍ट विवाद को दुर्भाग्‍यपूर्ण करार दिया है। अडाणी ग्रुप ने सोमवार को कहा कि श्रीलंका में ग्रुप को हासिल हुए एनर्जी प्रोजेक्‍ट विवाद पर प्रतिक्रिया देते हुए उसे दुख हो रहा है। श्रीलंका के अधिकारी ने दावा किया था कि देश के राष्‍ट्रपति गोटाभाया राजपक्षे ने इस मामले में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दबाव में काम किया था। अडाणी ग्रुप के एक प्रवक्‍ता ने कहा, "श्रीलंका में निवेश करने का हमारा इरादा एक मूल्‍यवान पड़ोसी की जरूरत को पूरा करना है। एक जिम्‍मेदार कारपोरेट के रूप में हम इसे उस पार्टनरशिप के जरूरी हिस्‍से के तौर पर देखते हैं जो इन दोनों देशों ने हमेशा 'शेयर' की है। मामले को लेकर सामने आई बदनामी को लेकर हमें साफ तौर पर बेहद निराशा हुई है। तथ्‍य यह है कि इस मुद्दे को श्रीलंका सरकार अंदरूनी स्‍तर पर पहले ही देख चुकी है। "

श्रीलंका के सीलोन इलेक्ट्रिसिटी बोर्ड (सीईबी) के चेयरमैन एमएसी फर्डिनांडो ने सोमवार को इस्‍तीफा दे दिया। इससे तीन दिन पहले उन्‍होंने एक संसदीय पैनल के सामने यह दावा किया था।

नई दिल्ली: विदेश में अमेरिकी मुद्रा की मजबूती और जोखिम से बचने की भावना के चलते रुपया सोमवार को शुरुआती कारोबार में अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 36 पैसे टूटकर अपने सबसे निचले स्तर 78.29 पर आ गया। विदेशी मुद्रा कारोबारियों ने कहा कि कमजोर एशियाई मुद्राएं, घरेलू शेयर बाजार में गिरावट और विदेशी पूंजी के लगातार बाहर जाने से भी निवेशकों की भावनाएं प्रभावित हुईं। अंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में रुपया अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 78.20 पर खुला, और फिर जमीन खोते हुए 78.29 तक गिर गया, जो पिछले बंद भाव के मुकाबले 36 पैसे की गिरावट दर्शाता है।

बता दें कि विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में शुक्रवार को अमेरिकी मुद्रा के मुकाबले रुपया 19 पैसे की भारी गिरावट के साथ 77.93 रुपये प्रति डॉलर पर बंद हुआ था। इसे रुपये का सबसे निचला स्तर माना गया था. लेकिन सोमवार को स्थिति और खराब हो गई। कच्चे तेल की कीमतों में तेजी और विदेशी संस्थागत निवेशकों की बाजार से पूंजी की निरंतर निकासी से यह गिरावट आई है।

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