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नई दिल्ली: भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की आज बैठक खत्म हो हुई। इसके बाद आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने ब्याज दरों को लेकर अहम फैसला किया है। आरबीआई गवर्नर ने रेपो रेट में 25 बेसिस प्वॉइंट यानी 0.25% की बढ़ोतरी का एलान किया है। जिसके बाद प्रमुख ब्याज दर यानी रेपो रेट 6.25% से बढ़कर 6.50% हो गया है। मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की तीन दिन की बैठक सोमवार से शुरू हुई। आज यानी बुधवार को इस बैठक के नतीजे की जानकारी देते हुए आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा, ‘‘मौजूदा आर्थिक स्थिति पर विचार करते हुए एमपीसी ने नीतिगत दर को 0.25 प्रतिशत बढ़ाकर 6.50 प्रतिशत करने का निर्णय किया है।''

आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि मौद्रिक नीति समिति के छह सदस्यों में से चार ने रेपो रेट बढ़ाने के पक्ष में मतदान किया। हालांकि, रेपो दर में वृद्धि की यह वृद्धि पिछली पांच बार की वृद्धि के मुकाबले कम है। केंद्रीय बैंक नीतिगत दर पर निर्णय करते समय मुख्य रूप से खुदरा महंगाई पर गौर करता है।

दिसंबर में खुदरा महंगाई दर 5.72 फीसदी और थोक महंगाई दर 5.95 फीसदी थी, जो आरबीआई के तय लक्ष्य 6 फीसदी के दायरे में है।

रेपो रेट में वृद्धि से आपके लोन की ईएमआई बढ़ेगी

केंद्रीय बैंक के इस कदम से अब आपके लोन महंगे होने वाले हैं। इससे आपके लोन की ईएमआई भी बढ़ जाएगी। रेपो रेट वह दर है, जिसपर आरबीआई बैंकों को लोन देता है। इसलिए अगर रेपो रेट में बढ़ोतरी होती है तो बैंक से मिलने वाले लोन की ब्याज दर भी बढ़ जाती है। जबकि इसके विपरीत रेपो रेट में कटौती से लोन की ब्याज दर भी कम हो जाती है।

आरबीआई के रेपो रेट बढ़ाने से एक तरह तो आपको लोन की ईएमआई बढ़ेगी, वहीं, दूसरी तरह आपके लिए घर-कार खरीदना भी महंगा हो जाएगा। रेपो रेट के बढ़ने से आपके होम लोन, कार लोन, पर्सनल लोन की ईएमआई बढ़ने वाली है। इसके अलावा ऑटो लोन और दूसरे अन्य तरह के सभी लोन महंगे हो जाएंगे। अगर किसी व्यक्ति ने पहले बैंक से लोन लिया था, तो उसे अब नई ब्याज दर से ईएमआई भरना होगा। ऐसे में अब पहले की तुलना में उसे अपने लोन पर अधिक ईएमआई चुकाना पड़ेगा।

आरबीआई ने लगातार छठी बार रेपो रेट में किया इजाफा

आपको बता दें कि आरबीआई ने लगातार छठी बार रेपो रेट बढ़ाया है. इसके पहले भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने महंगाई पर काबू पाने के लिए दिसंबर 2022 में रेपो रेट में 35 बेसिस प्‍वॉइंट की बढ़ोतरी का एलान किया था। वहीं, रेपो रेट में सितंबर 2022 में 50 बेसिस प्‍वॉइंट, अगस्‍त 2002 में 50 बेसिस प्‍वॉइंट, जून में 50 बेसिस प्वॉइंट और मई में 40 बेसिस प्वॉइंट का इजाफा किया गया था।

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