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काबुल: अफगानिस्तान की राजधानी काबुल में मंगलवार को सैकड़ों लोगों ने पाकिस्तान के दूतावास के बाहर विरोध-प्रदर्शन किया और पाकिस्तान के खिलाफ नारे भी लगाए। इन प्रदर्शनकर्ताओं में ज्यादातर महिलाएं शामिल थीं। अफगानिस्तान में महिलाएं अपने हकों के लिए आवाज उठा रही हैं और तालिबान से कड़ी टक्कर ले रही हैं। महिलाओं की बहादुरी को दिखाती हुई अफगानिस्तान से एक तस्वीर सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है जिसमें एक अफगान महिला सशस्त्र तालिबानी जवान के सामने खड़ी है।

तस्वीर में दिखाया गया है कि तालिबान के जवान ने महिला पर बंदूक तान रखी है और महिला बिना डरे-सहमे उसका सामना कर रही है। इस तस्वीर को रॉयटर्स के पत्रकार ने लिया है और लेने के कुछ घंटों में ही यह तस्वीर सोशल मीडिया पर वायरल हो गई, जिसमें अफगानिस्तान में महिलाओं के दृढ़ संकल्प को दर्शाया गया है। तालिबान के खिलाफ किए गए विरोध-प्रदर्शन में कम से कम तीन रैलियां आयोजित की गईं थीं। इन विरोधों में ज्यादातर महिलाओं ने भाग लिया।

वाशिंगटन: अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने मंगलवार (स्थानीय समय) को कहा कि चीन की तालिबान के साथ एक "वास्तविक समस्या" है, इसलिए वह तालिबान के साथ "कुछ समझौता" करने की कोशिश करने जा रहा है, जिसने हाल ही में अफगानिस्तान में नियंत्रण कर कब्जा कर लिया है और अपनी सरकार की घोषणा की है। बाइडेन ने तालिबान को चीन से फंडिंग मिलने के बारे में पूछे गए एक सवाल पर ये बातें कहीं। अमेरिकी राष्ट्रपति ने व्हाइट हाउस में संवाददाताओं से कहा, "चीन को तालिबान के साथ एक वास्तविक समस्या है। इसलिए वे तालिबान के साथ कुछ सुलह-समझौता करने की कोशिश करने जा रहे हैं, ऐसा मुझे यकीन है। जैसा पाकिस्तान ने किया, जैसा रूस और ईरान ने किया, वैसा ही चीन भी करेगा। वे सभी यही पता लगाने की कोशिश में हैं कि चीन अब क्या करता है।"

अफगानिस्तान पर कब्जा से कुछ हफ्ते पहले, चीनी विदेश मंत्री वांग यी ने तालिबान समूह के साथ 'मैत्रीपूर्ण संबंध' विकसित करने के लिए अफगान तालिबान राजनीतिक आयोग मुल्ला अब्दुल गनी बरादर से मुलाकात की थी।

काबुल: पिछले महीने अफगानिस्तान की सत्ता पर काबिज होने के बाद मंगलवार को तालिबान ने अपनी नई सरकार के लिए प्रमुख पदों की घोषणा कर दी। मुल्ला मोहम्मद हसन अखुंद को नई सरकार का नेता बनाया गया है जिन्हें संयुक्त राष्ट्र ने प्रतिबंध सूची में रखा हुआ है। वहीं तालिबान के सह-संस्थापक अब्दुल गनी बरादर उनके डिप्टी होंगे। तालिबान के आंतरिक कामकाज और नेतृत्व लंबे समय से गोपनीय रहे हैं- तब भी जब उन्होंने 1996 से 2001 तक अफगानिस्तान पर शासन किया था। हालांकि अभी भी कई कैबिनेट पदों की घोषणा बाकी है। लेकिन जिन नामों की घोषणा हो चुकी है, आख‍िर वो हैं कौन..

मोहम्मद हसन अखुंद, कार्यवाहक प्रधान मंत्री
मुल्ला मोहम्मद हसन अखुंद तालिबान के एक दिग्गज हैं, जो संगठन के संस्थापक और इसके पहले सर्वोच्च नेता मुल्ला उमर के करीबी सहयोगी और राजनीतिक सलाहकार थे।

काबुल: अफगानिस्तान में राजनीतिक संकट के बीच तालिबान ने मंगलवार देर शाम नई सरकार का एलान कर दिया है। मुल्ला मोहम्मद हसन अखुंद अफगानिस्तान में तालिबानी सरकार के नए प्रधानमंत्री होंगे।इसके अलावा मुल्ला बरादर को उप-प्रधानमंत्री, सिराजुद्दीन हक्कानी को कार्यवाहक गृहमंत्री, मुल्ला याकूब को रक्षा मंत्री और अमीर मुत्तकी को विदेश मंत्री बनाया गया है।

खैरउल्लाह खैरख्वा को सूचना मंत्री का पद दिया गया है। अब्दुल हकीम को न्याय मंत्रालय की जिम्मेदारी दी गई है। शेर अब्बास स्टानिकजई को डिप्टी विदेश मंत्री बनाया गया है। वहीं जबिउल्लाह मुजाहिद को सूचना मंत्रालय में डिप्टी मंत्री का पद दिया गया है।

मुल्ला हसन अखुंद फिलहाल रहबारी शूरा (लीडरशिप काउंसिल) के प्रमुख हैं। रहबारी शूरा तालिबान से संबंधित शक्तिशाली निर्णय लेने वाली संस्था है। मुल्ला हसन अखुंद का जन्म उसी कंधार में हुआ है जिससे तालिबान की भी शुरुआत हुई थी। सशस्त्र आंदोलन की शुरुआत करने वाले नेताओं में मुल्ला हसन अखुंद भी शामिल थे।

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