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बीजिंग: अफगानिस्तान में 17 आतंकियों वाली नई केयरटेकर तालिबानी सरकार बनने के 24 घंटे के भीतर ही चीन ने उसकी मदद के लिए अपना खजाना खोल दिया है। कल चीन ने अफगानिस्तान की नई सरकार के लिए 31 मिलियन अमेरिकी डॉलर की मदद का एलान किया है। चीन ने दलील दी है कि वहां अराजकता खत्म करने और व्यवस्था बहाल करने के लिए ये मदद जरूरी है। मदद की पहली खेप में चीन अफगानिस्तान को अनाज, सर्दी का सामान, कोरोना के टीके और जरूरत की दवाएं देगा।

अफगानिस्तान के हालात पर पड़ोसी देशों के विदेश मंत्रियों की पहली बैठक में चीन की विदेश मंत्री वांग यी ने कहा, चीन अफगानिस्तान को 200 मिलियन यूआन (31 मिलियन अमेरिकी डॉलर) की मदद के तहत अनाज, सर्दी के सामान, कोरोना के टीके और जरूरत की दवाएं देगा।

पाकिस्तान की अध्यक्षता में हुई बैठक में ईरान, ताजिकिस्तान, तुर्कमेनिस्तान और उज्बेकिस्तान के विदेश मंत्रियों ने शिरकत की।

नई दिल्ली: अमेरिका, जर्मनी, जापान और चीन सहित किसी भी देश ने अफगानिस्तान में तालिबानी आतंकियों की सरकार बनने पर गर्मजोशी नहीं दिखाई। उन्होंने मान्यता चुप्पी साध ली है। अमेरिका, ब्रिटेन और जर्मनी जैसे कई प्रमुख देशों ने कैबिनेट में आतंकियों को शामिल किए जाने और अन्य वर्गों-समूहों को प्रतिनिधित्व नहीं मिलने पर निराशा जताई है।

अमेरिका: सरकार में शामिल कुछ नामों पर हमारी नजर
अमेरिकी विदेश मंत्रालय ने कहा कि वह नई सरकार में शामिल नामों का मूल्यांकन कर रहा है। कई लोगों का ट्रैक रिकॉर्ड व आतंकी संगठनों से संबद्धता चिंताजनक है।

उसने बयान दिया, ‘हालांकि यह अंतरिम सरकार है, लेकिन तालिबान का मूल्यांकन उसके कामों से होगा, वह जो कहता आ रहा है, उन शब्दों से नहीं। अफगान सभी के साथ से बनी सरकार की अपेक्षा रखते हैं, हमारी भी यही उम्मीद है।’ साथ ही चेताया कि तालिबान अफगान की सरजमीं का उपयोग किसी देश के खिलाफ नहीं होने दे। 

काबुल: तालिबान ने भले ही अफगानिस्तान पर कब्जा कर लिया हो लेकिन उसके खिलाफ महिलाओं प्रदर्शनों का सिलसिला जारी है। इससे घबराए तालिबान ने अब ऐसे प्रदर्शनों पर शिकंजा कसने की तैयारी कर ली है। तालिबान ने नया फरमान जारी किया है कि प्रदर्शन करने से पहले इसकी अनुमति लेनी होगी।

बता दें कि महिलाएं लगातार तालिबान के खिलाफ विरोध-प्रदर्शन कर रही हैं। तालिबान ने प्रदर्शनों को रोकने के लिए कई नियम बनाए हैं। इसके तहत अब प्रदर्शन करने से पहले न्याय मंत्रालय से अनुमति लेनी होगी। स्थानीय अखबार पझवोक न्यूज के मुताबिक, मंत्रालय को प्रदर्शन का उद्देश्य, स्लोगन, स्थान, समय और अन्य जानकारियां देनी होंगी। 

इसके अलावा 24 घंटे पहले सुरक्षा एजेंसियों को भी प्रदर्शन के बारे में बताना होगा। तालिबान के खिलाफ देश में लगातार बढ़ रहे विरोध प्रदर्शनों के बाद उसने ये फैसला लिया है। तालिबान के इस कदम से कई देश उसके खिलाफ नाराज हो सकते हैं।

काबुल: अफगानिस्तान में नई सरकार के एलान के बाद तालिबान के सर्वोच्च नेता हिबतुल्लाह अखुंदजादा का बयान सामने आया है। अखुंदजादा ने नई सरकार से शरिया कानून को बनाए रखने को कहा है। साथ ही अखुंदजादा ने कहा कि नई सरकार जल्द से जल्द काम करना शुरू करेगी।

अफगानिस्तान में मंगलवार को तालिबान की अंतरिम सरकार के गठन के बाद संगठन के सुप्रीम लीडर हैबतुल्लाह अखुंदाजादा ने सभी अफगान नागरिकों को विदेशी शासन से स्वतंत्रता मिलने की बधाई दी। अंतरिम सरकार में भी ईरान की तर्ज पर सुप्रीम लीडर के तौर पर जगह लेने वाले अखुंदजादा ने अपनी नीति स्पष्ट करते हुए कहा कि तालिबान उन सभी अंतरराष्ट्रीय कानूनों, संधियों और प्रतिबद्धताओं को मानेगा, जो इस्लामी कानून (शरिया) के विपरीत नहीं हैं। तालिबान के सुप्रीम लीडर होने के बावजूद अखुंदाजादा का अफगानिस्तान पर अपने संगठन के 15 अगस्त को नियंत्रण बनाने के करीब एक पखवाड़े से ज्यादा समय बीतने के बाद यह पहला सार्वजनिक बयान है।

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