नई दिल्ली: तालिबान ने काबुल में पाकिस्तान विरोधी रैली में गोलियां दागी हैं। खबरों के मुताबिक, पाकिस्तान दूतावास के बाहर 70 के करीब महिलाएं और पुरुष विरोध प्रदर्शन कर रहे थे। हाथों में तख्तियां लिए हुए ये लोग नारे लगा रहे थे। उनका आरोप है कि पाकिस्तान अफगानिस्तान के मामलों में दखलंदाजी कर रहा है। हालांकि पाकिस्तानी विरोधी प्रदर्शन के दौरान किसी प्रदर्शनकारी की मौत या घायल होने की अभी कोई खबर नहीं आई है। दरअसल, पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई के प्रमुख फैज हमीद ने पिछले दिनों काबुल का दौरा किया था।
खबरों के मुताबिक, तालिबान नेताओं के बीच नई सरकार को लेकर उभरे मतभेदों के बीच हमीद का यह दौरा हुआ था। माना जा रहा है कि पाकिस्तान के इशारे पर तालिबान में किसी कमतर नेता को कमान सौंपी जा सकती है। इन्हीं अटकलों के बीच फायरिंग की ये घटना हुई है। एएफपी के स्टाफ का भी कहना है कि तालिबान लड़ाकों को हवा में फायरिंग करते हुए देखा गया। कुछ दिनों पहले मजार ए शरीफ में महिलाओं ने अपने अधिकारों को लेकर प्रदर्शन किया था।
हेरात में भी इसी तरह महिलाओं का हुजूम एक जगह इकट्ठा हुआ था और उन्होंने सरकार में अपनी हिस्सेदारी मांगी थी।
उधर, तालिबान के शीर्ष नेताओं के बीच सत्ता में हिस्सेदारी को लेकर मतभेद की लगातार खबरें आ रही हैं। तालिबान के सह संस्थापक मुल्ला अब्दुल गनी बरादर, अखूनजादा और हक्कानी गुट के शीर्ष कमांडर शीर्ष पदों को लेकर आम राय नहीं बन पा रही है। जबकि अमेरिकी फौजों के काबुल छोड़े हुए एक हफ्ता हो रहा है। ऐसी खबरें भी थीं कि सत्ता के बंटवारे को लेकर झगड़ा भी हुआ था, जिसमें मुल्ला अब्दुल गनी बरादर को चोटें भी आई थीं।
काबुल में अब तक दो बड़ी घटनाएं सामने आ चुकी हैं। इसमें से अगस्त महीने के आखिरी में काबुल में हुआ आत्मघाती हमला शामिल है, जिसमें सैकड़ों लोग मारे गए थे। जबकि पंजशीर घाटी में कब्जे को लेकर दो दिन पहले तालिबान लड़ाकों ने जश्न मनाया था, जिसके दौरान हुई हर्ष फायरिंग में 17 लोग मारे गए थे। अमेरिकी सेना के जाने के बाद काबुल का हवाई अड्डा अभी तक संचालित नहीं हो पाया है।