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मुंबई: बृहन्नमुंबई महानगरपालिका (बीएमसी) के लिए आज (मंगलवार) वोट डाले जा रहे हैं। खास बात यह है कि महाराष्ट्र की सत्तारूढ़ पार्टी भाजपा और शिवसेना अलग-अलग चुनाव लड़ रहे हैं। दोनों पार्टियां पिछले 20 सालों से बीएमसी पर एक साथ राज कर रही है। बीएमसी के अलावा महाराष्ट्र के 9 महानगरपालिकाओं के साथ 11 जिला परिषदों और 118 पंचायत समितियों के दूसरे चरण के लिए भी चुनाव होगा। करीब 1.95 करोड़ मतदाता दस महानगरपालिकाओं के लिए प्रतिनिधियों को चुनेंगे, वहीं 1.80 लाख से अधिक मतदाता जिला परिषद और पंचायत समिति के चुनाव में अपने मताधिकार का इस्तेमाल करेंगे। राज्य निर्वाचन आयुक्त जीएस सहारिया ने बताया कि कुल 3.77 करोड़ मतदाता मुंबई समेत शहरी और ग्रामीण इलाकों में 17,331 उम्मीदवारों के भाग्य का फैसला करेंगे। राज्य निर्वाचन आयुक्त ने बताया कि महानगरपालिकाओं के 1,268 सीटों के लिए 9,208 चुनावी मैदान में हैं। 11 जिला परिषदों के 654 सीटों के लिए 2,956 उम्मीदवार चुनाव लड़ रहे हैं। कुल 118 पंचायत समितियों के 1,288 सीटों पर 5,167 उम्मीदवार अपनी किस्मत आजमा रहे हैं। इन चुनावों के लिए कुल 43,160 मतदान केंद्र बनाए गए हैं। बीएमसी का बजट कई राज्यों के बजट से भी ज्यादा है। 227 सीटों पर हो रहे चुनाव में कांग्रेस, एनसीपी और राज ठाकरे की पार्टी मनसे की भी प्रतिष्ठा दांव पर है। पिछले 20 सालों से बीएमसी पर शिवसेना और भाजपा गठबंधन का कब्ज़ा था।

नई दिल्ली: गृह मंत्रालय ने धन शोधन मामले में जांच के लिए शराब कारोबारी विजय माल्या को ब्रिटेन से भारत लाने के लिए विदेश मंत्रालय को अदालत द्वारा जारी एक अनुरोध भेजा है। गृह मंत्रालय ने विदेश मंत्रालय को भेजे पत्र में मुंबई की विशेष अदालत के आदेश का विवरण भेजा है जिसमें माल्या को भारत लाने के लिए भारत-ब्रिटेन परस्पर कानूनी सहायता संधि (एमएलएटी) लगाने के प्रवर्तन निदेशालय के अनुरोध को मंजूर किया गया। आधिकारिक सूत्रों ने कहा कि विदेश मंत्रालय से माल्या को भारत प्रत्यर्पित करने के लिए ब्रिटेन के अधिकारियो को संदेश भेजने का अनुरोध किया गया है। धन शोधन रोकथाम कानून के तहत मामलों की सुनवाई कर रही मुंबई की विशेष अदालत ने पिछले पखवाड़े में माल्या के खिलाफ भारत-ब्रिटेन की संधि के तहत आदेश जारी करने के ईडी के अनुरोध को मंजूर किया था। अदालत ने एजेंसी की जांच और आपराधिक मामले में संपत्तियां कुर्क होने के आधार पर ईडी के अनुरोध को मंजूर किया। इस मामले में माल्या और उनकी बंद हो चुकी किंगफिशर एयरलाइन्स पर आईडीबीआई बैंक के साथ करीब 900 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी का आरोप है। यह कदम माल्या के लिए बड़ा झटका हो सकता है क्योंकि भारत ने हाल ही में विदेश मंत्रालय के माध्यम से ब्रिटेन को माल्या के खिलाफ प्रत्यर्पण का अनुरोध सौंपा था जो इस संबंध में सीबीआई के मामले पर आधारित है। सीबीआई भी भ्रष्टाचार रोकथाम कानून के प्रावधानों और भारतीय दंड संहिता की संबंधित धाराओं के तहत कथित लोन धोखाधड़ी मामले की जांच कर रही है।

नई दिल्ली: कालेधन पर अंकुश लगाने के लिए सरकार एक और कड़ा कदम उठाने जा रही है। एक अप्रैल से दो लाख रुपये से अधिक के गहने नकद खरीदने पर एक प्रतिशत टीसीएस (स्रोत पर कर) चुकाना पड़ेगा। इसकी मौजूदा सीमा 5 लाख रुपये है। वित्त विधेयक 2017 प्रस्तावित संशोधन पारित हो जाने पर गहनों को सामान्य वस्तुओं की तरह माना जाएगा। इसके मुताबिक दो लाख रुपये से ज्यादा की नकद खरीदारी पर एक फीसदी टीसीएस देना होगा। वहीं, 5 लाख से अधिक के गहनों की खरीद सीमा समाप्त करने के लिए संसद की मंजूरी मिल चुकी है। इसकी वजह यह है कि 2017-18 के बजट में तीन लाख रुपये से अधिक के नकद सौदों पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। इसका उल्लंघन करने वाले व्यक्ति पर 100 फीसदी जुर्माना लगाने का प्रावधान है। चूंकि आभूषणों की खरीद के लिए कोई विशेष प्रावधान नहीं है ऐसे में अब इसे सामान्य उत्पादों के साथ मिला दिया गया है। इन वस्तुओं पर एक बार में दो लाख रुपये से अधिक की खरीद पर एक प्रतिशत का टीसीएस लगता है। बड़े लेनदेन के जरिये कालेधन के सजन को रोकने के लिए बजट प्रस्ताव के बाद 5 लाख रुपये की सीमा को समाप्त करने को संसद की मंजूरी मिल गई है। एक अधिकारी ने कहा कि आयकर कानून में दो लाख रुपये से अधिक की वस्तुओं और सेवाओं की खरीद पर एक प्रतिशत का टीसीएस लगाने का प्रावधान है।

नई दिल्ली: बचत खाताधारक आज (20 फरवरी) से अपने खातों से हर सप्ताह 50 हजार रुपये निकाल सकेंगे। फिलहाल यह सीमा 24 हजार रुपये साप्ताहिक है। आरबीआई ने आठ फरवरी को इसकी घोषणा की थी। साथ ही कहा था कि 13 मार्च के दिन से बचत खातों पर लगी पाबंदी हटा दी जाएगी। नोटबंदी के बाद आरबीआई ने पर्याप्त मात्रा में नए नोट बैंकों तथा एटीएम में पहुंचने से पहले नकद निकासी की सीमा तय की थी। जैसे-जैसे नए नोटों की आपूर्ति तथा अर्थव्यवस्था में उनका प्रचलन बढ़ता जा रहा है। आरबीआई नकद निकासी पर लगाई गई सीमाओं में ढील देता जा रहा है तथा 13 मार्च से इन्हें पूरी तरह समाप्त कर दिया जाएगा। गौरतलब है कि 8 नवंबर को पीएम नरेंद्र मोदी द्वारा नोटबंदी की घोषणा किए जाने के बाद बैंक खातों से पैसे की निकासी की लिमिट सीमित कर दी गई थी। नोटबंदी के बाद एटीएम से 2000 रुपए रोजाना निकालने की अनुमति थी, जिसे बाद में बढ़ाकर 2500 रुपए किया गया था। 1 जनवरी 2017 से लागू नियम के मुताबिक एटीएम से निकासी की सीमा बढ़ाकर 4500 रोजाना कर दी गई थी। कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) की ईपीएफ निकासी और पेंशन जैसे सभी दावों के ऑनलाइन निपटान की व्यवस्था मई तक हकीकत रूप ले लेगी।

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