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संविधान ने देश में बदलाव लाने में उल्लेखनीय मदद की: सीजेआई खन्ना

नई दिल्ली: मोदी सरकार कर्ज़ में डूबे बैंक को आर्थिक मदद देने के लिए नई पहल करने जा रही है। शुक्रवार को सभी बैंकों की बुलाई गई बैठक में अरुण जेटली ने कहा, 'भारत कर्ज़ में डूबे सभी बैंकों को आर्थिक मदद देने के लिए उचित साधन जुटाने जैसे उपाय पर विचार कर रहा है।

जेटली ने कहा, 'बुरी तरह से कर्ज़ में डूबे बैंकों की पूंजी अर्थव्यवस्था के लिहाज़ से चिंता का विषय है। बैड लोन (नॉन प्रॉफिट) ने बैंक देने वाले सभी बैंकों को आर्थिक रुप से तोड़ कर रख दिया है। जिससे वो नए सिरे से कर्ज़ नहीं दे पा रहे हैं।

इससे पहले गुरुवार को भी वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा था, 'विश्व की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था वाला महादेश एशिया का आर्थिक विकास जून में आई तिमाही रिपोर्ट के मुताबिक पिछले तीन सालों में सबसे कम 5.7 प्रतिशत पर पहुंच गया है।

नई दिल्ली: भारतीय रिजर्व बैंक के पूर्व गवर्नर सी. रंगराजन ने भारत की गिरती अर्थव्यवस्था को मज़बूत करने के लिए केंद्र सरकार को महत्वपूर्ण सुझाव दिए हैं। सी. रंगराजन ने शुक्रवार को कहा कि सरकार आगर अर्थव्यवस्था को पुनर्जीवित करना चाहती है तो निजी निवेश के बढ़ावे पर ध्यान दे।

एसोचैम द्वारा आयोजित 10वें अंतर्राष्ट्रीय स्वर्ण शिखर सम्मेलन से अलग बातचीत में रंगराजन ने कहा, 'अर्थव्यवस्था को मजबूती प्रदान करने के लिए सरकार को प्रोत्साहन पैकेज के साथ-साथ निजी निवेश को बढ़ावा देने की खातिर पूंजी व्यय (कैपिटल एक्सपेंडीचर) बढ़ाने पर भी गंभीरता से विचार करना चाहिए। आगे उन्होंने कहा, 'मेरी राय में पैकेज का इस्तेमाल सरकार के पूंजीगत व्यय को आंशिक तौर पर बढ़ाने के लिए होना चाहिए। लेकिन जिस भी तरह से यह निजी निवेश को बढ़ावा दे, वही उपयुक्त तरीका होगा।

रंगराजन ने कहा, 'ज्यादा गंभीर बात यह है कि निजी निवेश गिरा है। वास्तविकता यह है कि पूंजी पर सार्वजनिक व्यय में कुछ मामूली वृद्धि हुई है। इसलिए सबसे महत्वपूर्ण मुद्दा उन समस्याओं के समाधान का है, जो निजी निवेश को बढ़ने से रोक रही हैं।' उन्होंने सुझाव दिया कि दो चीजें की जा सकती हैं। कई परियोजनाएं रुकी हुई हैं,और यह सुनिश्चित किया जाए कि रुकी परियोजनाएं सक्रिय हों। दूसरा, बैंकिंग प्रणाली के पुनर्पूजीकरण की जरूरत है, ताकि निवेश के लिए अतिरिक्त कर्ज उपलब्ध कराया जा सके।

नई दिल्ली: अब केंद्रीय कर्मियों को अवकाश यात्रा रियायत (एलटीसी) पर रोजाना भत्ता नहीं मिलेगा. एलटीसी के तहत ऐसे कर्मियों को अवकाश की मंजूरी और टिकट के पैसे वापस मिलते हैं, जो नियमों के तहत अपने गृह नगरों और अन्य स्थानों पर जाने के हकदार होते हैं। पहले केंद्रीय कर्मी ऐसे भत्ते के हकदार थे, जो रैंकों के हिसाब से अलग-अलग होते थे।

कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग की ओर से जारी एक आदेश में कहा गया कि स्थानीय यात्राओं पर आया खर्च और किसी आकस्मिक खर्च को एलटीसी के तहत स्वीकार नहीं किया जाएगा। बहरहाल, प्रीमियम या सुविधा ट्रेनों एवं तत्काल जैसी सेवाओं को एलटीसी के तहत अनुमति दी गई है।

आदेश में कहा गया कि तत्काल शुल्कों या प्रीमियम तत्काल शुल्कों पर आया खर्च वापस देने को भी एलटीसी के मकसद के लिए स्वीकार किया जाएगा।

नई दिल्ली: कमजोर होती अर्थव्यवस्था को गति देने के लिए मोदी सरकार ने बड़ा फैसला लिए जाने की तैयारी कर ली है। सरकार की योजना मौजूदा फाइनैंशियल ईयर में प्रोत्साहन पैकेज के तहत 500 अरब रुपये (7.7 अरब डॉलर) खर्च करने की है और इसके लिए राजकोषीय घाटे के लक्ष्य को बढ़ाने की तैयारी पूरी कर ली गई है। सूत्रों के हवाले से बताया गया है कि सरकार की योजना तेजी से रफ्तार खोती अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने की है ताकि आर्थिक वृद्धि की रफ्तार को तेज किया जा सके।

गौरतलब है कि बुधवार को वित्त मंत्री अरुण जेटली ने आर्थिक वृद्धि को तेज गति देने के लिए राहत पैकेज दिए जाने के संकेत दिए थे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ मशविरे के बाद जेटली ने कहा था कि आर्थिक विकास तेज करने के लिए कदम उठाए जाएंगे। उन्होंने कहा, 'जो भी आर्थिक आंकड़े हैं, हमने उनकी समीक्षा की है। सरकार जरूरत पड़ने पर नए फैसले लेगी।

पहली तिमाही के नतीजों के बाद वित्त वर्ष 2018 के जीडीपी अनुमान में अर्थशास्त्रियों ने कटौती की है। जेटली ने कहा कि हमारी सरकार समय से पहले फैसले लेती हैं।

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