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नई दिल्ली: कमजोर होती अर्थव्यवस्था को गति देने के लिए मोदी सरकार ने बड़ा फैसला लिए जाने की तैयारी कर ली है। सरकार की योजना मौजूदा फाइनैंशियल ईयर में प्रोत्साहन पैकेज के तहत 500 अरब रुपये (7.7 अरब डॉलर) खर्च करने की है और इसके लिए राजकोषीय घाटे के लक्ष्य को बढ़ाने की तैयारी पूरी कर ली गई है। सूत्रों के हवाले से बताया गया है कि सरकार की योजना तेजी से रफ्तार खोती अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने की है ताकि आर्थिक वृद्धि की रफ्तार को तेज किया जा सके।

गौरतलब है कि बुधवार को वित्त मंत्री अरुण जेटली ने आर्थिक वृद्धि को तेज गति देने के लिए राहत पैकेज दिए जाने के संकेत दिए थे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ मशविरे के बाद जेटली ने कहा था कि आर्थिक विकास तेज करने के लिए कदम उठाए जाएंगे। उन्होंने कहा, 'जो भी आर्थिक आंकड़े हैं, हमने उनकी समीक्षा की है। सरकार जरूरत पड़ने पर नए फैसले लेगी।

पहली तिमाही के नतीजों के बाद वित्त वर्ष 2018 के जीडीपी अनुमान में अर्थशास्त्रियों ने कटौती की है। जेटली ने कहा कि हमारी सरकार समय से पहले फैसले लेती हैं।

इसके बाद संकेत मिलने लगे थे कि केंद्र सरकार जल्दी ही कुछ बड़े उपायों का ऐलान कर सकता है।

गौरतलब है कि अप्रैल-जून 2016 तिमाही में जीडीपी ग्रोथ 7.9 फीसदी थी। उसके बाद की तिमाहियों में यह क्रमश: 7.5%, 7% और 6.1% रही, लेकिन मौजूदा वित्त वर्ष की पहली तिमाही में यह कम होकर 5.7 फीसदी हो गई।

नोटबंदी और जीएसटी जैसे बड़े आर्थिक सुधार लागू किए जाने के बाद मौजूदा वित्त वर्ष की पहली तिमाही में देश की जीडीपी कम होकर 5.7 फीसदी हो चुकी है, जो पिछले तीन सालों का न्यूनतम स्तर है।

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