यरुशलम: हमास और इस्राइल बीते आठ महीने से जंग लड़ रहे हैं। इजराइल द्वारा हमास को खत्म करने का संकल्प गाजा पट्टी के लोगों पर भारी पड़ रहा है। गाजा में पैदा हुई मानवीय परिस्थितियों को लेकर दुनिया भर के लोगों का आक्रोश बढ़ता जा रहा है। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन भी गाजा में जंग रुकवाने का प्रयास कर रहे हैं। हालांकि, इस बीच खबर सामने आ रही है कि इजराइली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू अपनी सेना से नाराज हो गए हैं। दरअसल, सेना ने हाल ही में फैसला लिया था कि फलस्तीनी क्षेत्र में सहायता पहुंचाने के लिए गाजा की मुख्य सड़कों में से एक पर लड़ाई में प्रतिदिन रणनीतिक विराम लगाया जाएगा। इस कदम को लेकर ही पीएम नेतन्याहू भड़क गए और सेना की आलोचना की।
आग बबूला हुए पीएम नेतन्याहू, कहा- यह अस्वीकार्य
सेना ने केरेम शालोम क्रॉसिंग से सलाह अल-दीन रोड और फिर उत्तर की ओर के क्षेत्र में हर दिन सुबह पांच बजे से शाम को चार बजे तक कोई भी हमला नहीं करने का एलान किया था।
एक अधिकारी ने बताया कि जब प्रधनामंत्री को इस बात का पता चला कि हर दिन 11 घंटे का युद्ध पर विराम रहेगा तो वह आग बबूला हो गए। उन्होंने तुरंत सेना के सचिव से बात की और स्पष्ट किया कि यह कदम वह स्वीकार्य नहीं करेंगे।
सेना ने दिया जवाब
वहीं, सेना ने स्पष्टीकरण दिया कि राफा में सामान्य अभियान जारी रहेंगे, जहां शनिवार को आठ सैनिक मारे गए थे। हालांकि, नेतन्याहू की प्रतिक्रिया ने गाजा में सहायता के मुद्दे पर राजनीतिक तनाव को रेखांकित किया, जहां अंतरराष्ट्रीय संगठनों ने बढ़ते मानवीय संकट की चेतावनी दी है।
जिसने भी फैसला किया वह मूर्ख
नेतन्याहू के सत्तारूढ़ गठबंधन में राष्ट्रवादी धार्मिक दलों में से एक का नेतृत्व करने वाले राष्ट्रीय सुरक्षा मंत्री इतामार बेन-ग्वीर ने एक रणनीतिक विराम के विचार की निंदा करते हुए कहा कि जिसने भी फैसला किया वह मूर्ख था। फैसला करने वाले को नौकरी से निकाला जाना चाहिए।
नया संघर्ष छिड़ता दिख रहा
युद्ध विराम को लेकर गठबंधन के सदस्यों और सेना के बीच नया संघर्ष छिड़ता दिख रहा है। इससे एक सप्ताह पहले मध्यमार्गी पूर्व जनरल बेनी गैंट्ज ने नेतन्याहू पर गाजा में कोई प्रभावी रणनीति नहीं होने का आरोप लगाते हुए सरकार का साथ छोड़ दिया था।
यहूदियों को सेना में भर्ती करने पर मतभेद
पिछले सप्ताह संसद में अति-रूढ़िवादी यहूदियों को सेना में भर्ती करने संबंधी कानून पर हुए मतदान में मतभेद उजागर हो गए, जब रक्षा मंत्री योआव गैलेंट ने पार्टी के आदेशों की अवहेलना करते हुए इसके खिलाफ मतदान किया और कहा कि यह कानून सेना की जरूरतों के लिए अपर्याप्त है।
गठबंधन में शामिल धार्मिक दलों ने अति-रूढ़िवादी लोगों के लिए भर्ती का कड़ा विरोध किया है, जिससे कई इजराइलियों में गुस्सा है, जो युद्ध के चलते और गहराता जा रहा है। सेना प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल हर्जी हलेवी ने रविवार को कहा कि तेजी से बढ़ते अति-रूढ़िवादी समुदाय से अधिक सैनिकों की भर्ती करने की निश्चित आवश्यकता है।
यह है मामला
हमास ने सात अक्तूबर को इजराइली शहरों पर पांच हजार से ज्यादा रॉकेट दागकर हमले की शुरुआत की थी। इसके बाद हमास के आतंकियों ने इस्राइल में घुसकर लोगों को मौत के घाट उतारा। इसके जवाब में इजराइल ने हमास आतंकियों के खिलाफ गाजा में ऑपरेशन शुरू किया था। इस ऑपरेशन में गाजा स्थित हमास के ठिकानों पर जबरदस्त बमबारी की गई है, जिससे अधिकतर गाजा खंडहर में तब्दील हो गया है। अब तक इजराइल और गाजा में कुल मिलाकर 34,622 लोगों की मौत हो चुकी है।