नई दिल्ली (जनादेश ब्यूरो): समाजवादी पार्टी के प्रमुख और कन्नौज के सांसद अखिलेश यादव वे ओम बिरला को बधाई देते हुए कहा,''प्रधानमंत्री जी और हमारे साथी नेता विपक्ष ने आपको बधाई दे चुके हैं। आपको पांच साल सदन चलाने का अनुभव रहा है। साथ ही आपको पुराने और नए दोनों सदन का अनुभव है। जिस पद पर आप बैठे हैं, उससे कई गौरवशाली परंपराएं जुड़ी हुई हैं। हम सब यही मानते हैं कि ये बिना भेदभाव के आगे बढ़ेगा और लोकसभा अध्यक्ष के रूप में हर सांसद और हर दल को सम्मान देंगे। निष्पक्षता इस महान पद की महान जिम्मेदारी है।''
उन्होंने कहा,''आप लोकतांत्रिक न्याय के मुख्य न्यायाधीश के रूप में बैठे हैं। हम सबकी आपसे अपेक्षा है कि किसी जनप्रतिनिधि की आवाज दबाई ना जाए और न ही निष्कासन जैसी कार्रवाई दोबारा सदन की गरिमा को ठेस पहुंचाएं। आपका अंकुश विपक्ष पर तो रहता ही है, लेकिन आपका अंकुश सत्ता पक्ष पर भी रहे।''
अखिलेश यादव ने आगे कहा कि आपके इशारे पर सदन चले, इसका उल्टा न हो। हम आपके हर न्याय संगत फैसले के साथ खड़े हैं।
उन्होंने कहा, मैं इस नए सदन में पहली बार आया हूं। मुझे लगा कि स्पीकर की कुर्सी बहुत ऊंची है, मैं जिस सदन को छोड़कर आया हूं। वहां कुर्सी और ऊंची है, नया सदन में पत्थर तो ठीक लगा है, सब कुछ अच्छा लगा है। लेकिन कुछ दरारों में कुछ सीमेंट अभी भी लगा हुआ दिख रहा है। मुझे उम्मीद है कि आप जितना सत्ता पक्ष को मौका देंगे उतना ही विपक्ष को भी मौका देंगे।
यह कहकर अखिलेश यादव लोकसभा अध्यक्ष को उनकी गरिमा और कर्तव्यों की याद दिला रहे थे। ओम बिरला के पिछले कार्यकाल में उन पर विपक्ष लगातार भेदभाव का आरोप लगाता रहा है। उसका आरोप था कि ओम बिरला के इशारे पर विपक्षी सांसदों की आवाज दबाई जाती है। कांग्रेस ने उन पर एक बार राहुल गांधी के भाषण के दौरान उनका माइक बंद करने का आरोप लगाया था। लोकसभा के 146 से अधिक सांसदों के निलंबन को लेकर भी उनकी काफी आलोचना हुई थी।