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लखनऊ (जनादेश ब्यूरो): बसपा सुप्रीमो मायावती ने अपने भतीजे आकाश आनंद को एक बार फिर से अपना उत्तराधिकारी घोषित कर दिया है। उन्हें दोबारा बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) का राष्ट्रीय संयोजक भी बना दिया गया है और आकाश आनंद जल्द ही राष्ट्रीय कार्यकारिणी का कार्यभार संभालेंगे। लोकसभा चुनाव में मिली करारी शिकस्त के बाद बहुजन समाज पार्टी की बड़ी बैठक हुई।

इस बैठक में बसपा सुप्रीमो मायावती, उनके भतीजे आकाश आनंद और उनके भाई आनंद सहित पार्टी के वरिष्ठ नेता मौजूद रहे। इस बैठक में आकाश आनंद को फिर से पार्टी का राष्ट्रीय संजोयक बनाया गया।

वहीं इस बैठक में फैसला लिया गया है कि बसपा उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में होने वाले उपचुनावों में हिस्सा लेगी। पार्टी ने आकाश को उत्तराखंड और पंजाब विधानसभा चुनाव का स्टार प्रचारक बनाया है।  इस बैठक में पहुंचते ही आकाश आनंद ने बसपा सुप्रीमो और अपनी बुआ मायावती के पैर छुए। इस दौरान बसपा सुप्रीमो मायावती ने उनके सिर पर हाथ रखते हुए आशीर्वाद भी दिया।

बसपा की तरफ से जारी हुई प्रेस रिलीज में बताया गया कि 18वीं लोकसभा के हुए आम चुनाव सम्पन्न होने के बाद, पार्टी की राष्ट्रीय स्तरीय पहली बड़ी बैठक थी। इस बैठक में बसपा सुप्रीमो मायावती ने कहा कि आकाश आनंद को भी पूरी परिपक्वता (मैच्यूरिटी) के साथ पार्टी में कार्य करने के लिए इनको फिर से मौका दिया जा रहा है। यह पूर्व की तरह ही पार्टी में अपने सभी पदों पर बने रहेंगे, अर्थात् यह पार्टी के नेशनल को-ऑर्डिनेटर के साथ-साथ मेरे एकमात्र उत्तराधिकारी भी बने रहेंगे। इनके बारे में वैसे मुझे यह पूरी उम्मीद है कि अब वह अपनी पार्टी व मूवमेन्ट के हित में हर स्तर पर पूरे तौर से एक परिपक्व (मैच्यूर) नेता के रूप में जरूर उभरेंगे। पार्टी के लोग भी अब इनको पहले से भी ज्यादा अपना आदर-सम्मान आदि देकर इनका हौसला भी जरूर बढ़ाएंगे। ताकि अब वह आगे मेरी सभी उम्मीदों पर पूरेतौर से खरा उतर सके।

इस बैठक में बसपा नेताओं को यह भी बताया गया कि वर्तमान में केन्द्र की भाजपा व इनकी एनडीए की सरकार पूरेतौर से स्थिर नहीं है. इनकी कभी भी अस्थिर होने की स्थिति बन सकती है। ऐसे में पार्टी के लोगों को पूरे देश में पार्टी के संगठन में मिशनरी लोगों को आगे करके पार्टी के जनाधार को युद्धस्तर पर बढ़ाना है। ताकि हर स्तर पर पार्टी मजबूत हो सके। इतना ही नहीं बल्कि चुनाव में किसी ना किसी मुद्दे को लेकर विशेषकर गरीब व कमजोर वर्गों के लोग गुमराह होकर, जो अपनी एक मात्र हितेषी पार्टी बीएसपी को नुकसान पहुंचा के यहां इनका शोषण करने वाली पार्टी को सत्ता में आसीन करा देते हैं। जो यह कतई भी उचित नहीं है, जिस पर पार्टी के लोगों को जरूर सोच-विचार करना चाहिए।

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